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श्वेत प्रदर का लक्षण और इलाज क्या है?
महिलाओं में होनेवाला श्वेत प्रदर रोग यौन बीमारी से संबंधित रोग है। इस बीमारी के बारे में जानिए डॉक्टर से।
मैं एक 35 वर्षीय विवाहित महिला हूं। मैंने अपनी सहेलियों से श्वेत प्रदर रोग के बारे में काफी सुना है। मैं जानना चाहती हूं कि क्या श्वेत प्रदर भी कोई यौन रोग है? ज्यादातर महिलाएं ही इससे क्यों पीड़ित होती हैं और इस बीमारी के क्या-क्या लक्षण होते हैं?
जी हां, श्वेत प्रदर महिलाओं में होनेवाली एक यौन बीमारी है। इस बीमारी में स्त्री की योनि से दिन-रात सफेद, मटमैला या पीला-सा चिपचिपा, दुर्गन्धयुक्त, गाढ़ा पानी बहता रहता है। इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में 'सफेद पानी' निकलना अथवा मेडिकल की भाषा में 'ल्यूकोरिया' या 'लिकोरिया' कहा जाता है। श्वेत प्रदर की समस्या से अधिकांशतः 25 से 35 आयु वर्ग की महिलाएं प्रभावित होती हैं।ल्यूकोरिया के लक्षण
ल्यूकोरिया के लक्षणों में योनि का हमेशा गीली बना रहना, दिन-रात सफेद स्त्राव निकलना, स्त्राव की मात्रा कभी कम तो कभी ज्यादा होना, स्त्राव के कारण योनि में जलन और खुजली होना, स्त्राव में दुर्गंध आना, बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा, कब्ज की समस्या, कमर में दर्द, हमेशा थकान महसूस करना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, उत्साह की कमी, शारीरिक कमजोरी, चलने और उठने के दौरान जांघों में भारीपन और दर्द, हाथ-पैरों में जलन, सीने में दर्द और भारीपन, सिरदर्द, चक्कर आना, आँखों के नीचे काले घेरे और गड्ढ़े पड़ जाना, भोजन का न पचना, खाने में अरुचि, इत्यादि स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती हैं।ल्यूकोरिया के कारण
जो महिलाएं असंतुलित भोजन, ज्यादा मात्रा में खट्टे, चटपटे, मसालेदार, ऑयली, नमकीन तथा मांस-मदिरा का अधिक सेवन करती हैं, उनको ल्यूकोरिया होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यह वेजाइनल हाइजीन की अस्वच्छता, हीमोग्लोबिन की कमी और पोषण की कमी से भी होता है।
योनि में ‘ट्रिकोमोन्स वेगिनेल्स’ नामक बैक्टीरिया की उपस्थिति के कारण।
असुरक्षित सेक्स संबंध बनाने से होने वाले संक्रमण के कारण।
बार-बार गर्भपात होने या अबॉर्शन करवाने से।
डायबिटीज पेशेंट महिलाओं की योनि में फंगल यीस्ट नामक संक्रामक रोग के कारण।
शरीर की इम्म्युनिटी सिस्टम के कमजोर होने के कारण।
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