सामान्य एवं असामान्य प्रसव?pregnancytips.in

Posted on Sun 29th Mar 2020 : 07:28

असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (एयूबी) प्रजनन योग्य आयु वाली (गैर-गर्भवती) महिलाओं में एक सामान्य समस्या है। पहले इसे | दुष्क्रिया गर्भाशय रक्तस्राव | के नाम से जाना जाता था। एयूबी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या और सामाजिक शर्मिंदगी के लिए उत्तरदायी है तथा यह उन सामान्य कारणों में से एक है, जिसमें महिलाओं को स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती हैं। यह महिलाओं की जीवन की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। असामान्य रक्तस्राव से पीड़ित महिलाओं में सामान्य महिलाओं की तुलना में जीवन की गुणवत्ता कम होती है।

मासिक धर्म या रजोधर्म या माहवारी चक्र की सामान्य अवधि 24 दिनों से लेकर 38 दिनों के बीच होती है। सामान्य मासिक धर्म सामान्यत: 8 दिनों तक रहता है। असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (एयूबी) में गर्भाशय से खून बहता है, जो कि सामान्य से अधिक होता है या जो कि अनियमित समय (गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव के अलग-अलग कारण होते हैं) पर होता है।

एयूबी प्रजनन क्षति उत्पन्न करता है तथा इसके परिणामस्वरूप शल्य चिकित्सा संबंधी हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। एयूबी की मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के बीच नौ से चौदह प्रतिशत महिलाओं में होने की सूचना मिली है। हर देश में व्यापकता अलग-अलग है। भारत में एयूबी व्यापकता की सूचना लगभग 17.9% है।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स (फिगो), माहवारी विकार कार्यरत समूह ने | दुष्क्रिया गर्भाशय रक्तस्राव (डीयूबी) | शब्द का उपयोग छोड़ने का प्रस्ताव दिया है, जबकि | असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (एयूबी) और अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव (एचएमबी) | शब्द का उपयोग जारी रखा है। एचएमबी में मीनोमैट्रोरेजिया (मासिक धर्म के दौरान और अनियमित अंतराल पर अत्यधिक गर्भाशय रक्तस्राव) मैट्रोरेजिया (अनियमित अंतराल पर रक्तस्राव) और पॉलीमीनोरिया (अधिक बार माहवारी आना) शामिल हैं। एचएमबी को “मासिक धर्म में अत्यधिक रक्त क्षति” के रूप में परिभाषित किया गया है, जो कि महिलाओं की शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और भौतिक गुणवत्ता में हस्तक्षेप करती है तथा जो कि अकेले हो सकती है या अन्य लक्षणों के संयोजन में भी हो सकती है।

एयूबी के नामकरण को मानकीकृत करने के लिए, जिसे परिवर्णी पाम-कोइन के नाम से जाना जाता है, इस नई प्रणाली को

आईआईजीओ द्वारा शुरू किया गया था। पाम-कोइन प्रणाली एटियलजि और पैथोलॉजी पर आधारित है, जिसमें पाम- संरचनात्मक कारणों (पॉलीप; ऐडेनोमायोसिस; लिओम्योमा; मलिग्नन्सी और हाइपरप्लासिया) का वर्णन करता है तथा कोइन- एयूबी के गैर-संरचनात्मक कारणों (कोऐग्यलोपैथी; ओव्यूलेट्री डिसआर्डर; एंडोमेट्रियल फैक्टर्स; आइऐट्रजेनिक/चिकित्सकजनित; और वर्गीकृत नहीं) को दर्शाता है।

प्रजनन योग्य आयु वाली महिलाओं में असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव कई पैथोलॉजिक विकारों में से किसी एक की अभिव्यक्ति है।

solved 5
wordpress 4 years ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info