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सोनोग्राफी एक non invasive test हैं यानी ये एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से शरीर अन्दर मौजूद अंगों व कोशिकाओं के इमेजेस बिना चिर – फाड़ के ही लिए जा सकते हैं। अल्ट्रासाउंड में ध्वनी तरंगों का उपयोग इमेजेस बनाने के लिए किया जाता हैं।
सोनोग्राफी की सबसे अच्छी बात ये है यह एक्स-रे की तरह हड्डियों के पार नहीं जाता। लेकिन सोनोग्राफी रिपोर्ट पढ़ने के लिए आपको उसकी anatomy को समझना होगा।
शरीर में मौजूद हर एक कोशिका एक अलग फ्रीक्वेंसी की ध्वनी उत्पन्न करती हैं। कुछ अंग ध्वनि तरंगों को अवशोषित कर लेती है तो कुछ उन्हें रिफ्लेक्ट कर देती हैं। कोशिकाओं का घनत्व उस गति को निर्धारित करता जिससे गूंज वापस आती है।
सोनोग्राफी रिपोर्ट में काले रंग का दिखाई देने वाला हिस्सा फ्लूइड या हवा के कारण बनता हैं। ग्रे कलर में दिखने वाले अंग कोशिकाए रहती हैं यहां कोशिकाएं जितने सघन होंगे वे उतने चमकीले (सफेद) अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में दिखते हैं तथा जो सबसे ज्यादा सफेद नजर आता हैं वह हड्डियां होती है।
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