९ महीने में डिलीवरी होने के लक्षण?pregnancytips.in

Posted on Thu 3rd Dec 2020 : 11:53

प्रेग्‍नेंसी के आखिरी महीने में ये संकेत मिल रहे हैं तो होगी नॉर्मल डिलीवरी

प्रेग्‍नेंसी में अक्‍सर महिलाओं के मन में ये सवाल रहता है कि उनकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या फिर उन्‍हें ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। प्रेग्‍नेंसी के आखिरी कुछ हफ्तों और दिनों में कुछ संकेत मिलते हैं जिनका संबंध नॉर्मल डिलीवरी से होता है।

normal delivery signs
आजकल महिलाओं को लगता है कि सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी करवाना ज्‍यादा आसान है क्‍योंकि इसमें नॉर्मल डिलीवरी की तरह दर्द कम होता है लेकिन आपको बता दें कि नॉर्मल डिलीवरी शरीर के लिए ज्‍यादा सही होती है और इसके बाद रिकवर करने में भी कम समय लगता है।

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पहली बार मां बनने पर अक्‍सर महिलाएं इस असमंजस में रहती हैं कि नॉर्मल डिलीवरी या सिजेरियन ऑपरेशन में से उनके लिए क्‍या बेहतर रहेगा? और वो किस तरह से जान सकती हैं कि उनकी डिलीवरी कैसे होगी। अगर आप प्रेगनेंट हैं और जानना चाहती हैं कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या सिजेरियन, तो प्रेग्‍नेंसी में मिलने वाले कुछ संकेतों से आप इस सवाल का जवाब पा सकती हैं।

क्‍या होती है नॉर्मल डिलीवरी?
इसमें वजाइना से शिशु को जन्‍म दिया जाता है। इस तरह की डिलीवरी में कोई सर्जरी नहीं होती है। अधिकतर महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी ही होनी चाहिए क्‍योंकि इसके बाद रिकवर करने में कम समय लगता है। अगर कोई मेडिकल समस्‍या न हो तो नॉर्मल डिलीवरी ही करवाई जाती है।

डिलीवरी के बाद योनि में भाप लेने के फायदे

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जड़ी बूटियों की मदद से योनि में भाप दी जाती है। स्‍पा के अलावा आप घर पर भी वजाइनल स्‍टीमिंग ले सकते हैं। इसके लिए आपको बस जड़ी बूटियों से मिश्रित गर्म पानी से योनि को भाप देनी है। आप नीम, कैमोमाइल, तुलसी और ऑरेगेना जैसी जड़ी बूटियों को मिलाकर या अकेले इस्‍तेमाल कर योनि में भाप ले सकते हैं।

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आप घर पर भी वजाइनल स्‍टीमिंग ले सकती हैं।एक टब में गर्म पानी डालें और फिर उसमें अपनी पसंद की जड़ी बूटी एक कप डालें।एक मिनट तक जड़ी बूटियों को पानी में ही भीगने दें।अब कमर के नीचे से कपड़े उतार दें।टब के दोनो तरफ पैरों को चौड़ा कर के या स्‍क्‍वैट की पोजीशन में खड़े हो जाएं।कमर और टांगों पर तौलिये को लपेट लें ताकि भाप सीधी योनि तक पहुंच पाए।आपको लगभग 20 से 60 मिनट तक स्‍टीमिंग लेनी है। पानी के ठंडा होने तक आप भाप ले सकती हैं।

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ऐसा माना जाता है कि वजाइनल स्‍टीमिंग के कई फायदे होते हैं।
मासिक धर्म में होने वाली समस्‍याओं जैसे कि पेट फूलना, ऐंठन, थकान और ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होनाफर्टिलिटी बढ़ती है।डिलीवरी के बाद योनि को जल्‍दी रिकवर करने में मदद मिलती है।तनाव कम होता है।बवासीर का इलाज है।ऊर्जा बढ़ती है और थकान कम होती है।

अभी तक योनि में भाप लेने से होने वाले लाभ को लेकर कोई वैज्ञानिक अध्‍ययन नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि योनि के ऊतकों में रक्‍त प्रवाह बढ़ने से ऐसा होता है जिससे की योनि को ठीक होने में मदद मिलती है।

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योनि में अधिक भाप लेने से यीस्‍ट इंफेक्‍शन और अन्‍य वजाइनल इंफेक्‍शन पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया के पनपने का खतरा रहता है।योनि बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है। ज्‍यादा गर्म पानी से योनि जल सकती हैं इसलिए अधिक गर्म पानी का उपयोग न करें।वजाइनल स्‍टीमिंग के लिए कोई चिकित्‍सकीय निर्देश नहीं दिए गए हैं। आप अपनी सुविधानुसार जड़ी बूटी को गर्म पानी में मिलाकर भाप ले सकती हैं।अगर वजाइनल स्‍टीमिंग के लिए इस्‍तेमाल किया गया बर्तन साफ न हो तो इससे भी संक्रमण और अन्‍य दुष्‍प्रभाव का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस्‍तेमाल से पहले बर्तन को अच्‍छी तरह से साफ करें।प्रेगनेंट महिलाओं को वजाइनल स्‍टीमिंग नहीं लेनी चाहिए। इससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

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अगर आप वजाइनल स्‍टीमिंग ले रही हैं तो अब के ज्‍यादा करीब न जाएं और न ही ज्‍यादा गर्म पानी का इस्‍तेमाल करें।यदि आपको योनि में भाप लेने में असहज लग रहा है तो तुरंत हट जाएं।जो महिलाएं बार-बार संक्रमण होने की वजह से योनि में पीएच के स्‍तर को संतुलित करने की कोशिश कर रही हैं, उन्‍हें वजाइनल स्‍टीमिंग लेने से पहले डॉक्‍टर से बात कर लेनी चाहिए।योनि एक ऐसा अंग है जो अपने आप ही पीएच संतुलन को बनाए रखने का काम कर सकती है। योनि को स्‍वस्‍थ रखने के लिए आपको वजाइनल स्‍टीमिंग की अधिक आवश्‍यकता नहीं है।आप योनि काे साफ और सूखा रखें। वहीं अगर आप वजाइनल स्‍टीमिंग ले रही हैं तो इस दौरान अत्‍यधिक सावधानी बरतें।

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नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण और संकेत
डिलीवरी की डेट से कुछ हफ्ते पहले आपको बदलाव नजर आ सकते हैं। हालांकि, हर महिला में प्रेग्‍नेंसी के लक्षण और समस्‍याएं भी अलग होती हैं इस‍लिए डिलीवरी के लक्षण एवं संकेत भी भिन्‍न हो सकते हैं।
प्रसव से एक से चार हफ्ते पहले डिलीवरी के ऐसे संकेत मिल सकते हैं :

शिशु के पेल्विक हिस्‍से में आ जाने की वजह से उसकी मूवमेंट में कमी आना।
रिलैक्सिन हार्मोन पेल्विक हिस्‍से के जोड़ों और लिगामेंट को रिलैक्‍स और मुलायम कर देता है जिससे जोड़ ढीले महसूस होने लगते हैं।
शिशु के सिर से मूत्राशय पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से बार-बार पेशाब आता है।
ब्रैक्‍सटन हिक्‍स कॉन्‍ट्रैक्‍शन, ये डिलीवरी से पहले प्रसव जैसा दर्द या संकुचन होता है।
पीठ के निचले हिस्‍से के जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ऐंठन और दर्द।
गर्भाशय ग्रीवा का चौड़ा हो जाना, चेकअप के दौरान डॉक्‍टर इस बात को नोटिस करते हैं।
डिलीवरी के लिए गुदा की मांसपेशियों का रिलैक्‍स होना शुरू होता है जिससे पतला मल आने लगता है।

डिलीवरी के बाद योनि में भाप लेने के फायदे

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जड़ी बूटियों की मदद से योनि में भाप दी जाती है। स्‍पा के अलावा आप घर पर भी वजाइनल स्‍टीमिंग ले सकते हैं। इसके लिए आपको बस जड़ी बूटियों से मिश्रित गर्म पानी से योनि को भाप देनी है। आप नीम, कैमोमाइल, तुलसी और ऑरेगेना जैसी जड़ी बूटियों को मिलाकर या अकेले इस्‍तेमाल कर योनि में भाप ले सकते हैं।

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आप घर पर भी वजाइनल स्‍टीमिंग ले सकती हैं।एक टब में गर्म पानी डालें और फिर उसमें अपनी पसंद की जड़ी बूटी एक कप डालें।एक मिनट तक जड़ी बूटियों को पानी में ही भीगने दें।अब कमर के नीचे से कपड़े उतार दें।टब के दोनो तरफ पैरों को चौड़ा कर के या स्‍क्‍वैट की पोजीशन में खड़े हो जाएं।कमर और टांगों पर तौलिये को लपेट लें ताकि भाप सीधी योनि तक पहुंच पाए।आपको लगभग 20 से 60 मिनट तक स्‍टीमिंग लेनी है। पानी के ठंडा होने तक आप भाप ले सकती हैं।

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ऐसा माना जाता है कि वजाइनल स्‍टीमिंग के कई फायदे होते हैं।
मासिक धर्म में होने वाली समस्‍याओं जैसे कि पेट फूलना, ऐंठन, थकान और ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होनाफर्टिलिटी बढ़ती है।डिलीवरी के बाद योनि को जल्‍दी रिकवर करने में मदद मिलती है।तनाव कम होता है।बवासीर का इलाज है।ऊर्जा बढ़ती है और थकान कम होती है।

अभी तक योनि में भाप लेने से होने वाले लाभ को लेकर कोई वैज्ञानिक अध्‍ययन नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि योनि के ऊतकों में रक्‍त प्रवाह बढ़ने से ऐसा होता है जिससे की योनि को ठीक होने में मदद मिलती है।

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योनि में अधिक भाप लेने से यीस्‍ट इंफेक्‍शन और अन्‍य वजाइनल इंफेक्‍शन पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया के पनपने का खतरा रहता है।योनि बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है। ज्‍यादा गर्म पानी से योनि जल सकती हैं इसलिए अधिक गर्म पानी का उपयोग न करें।वजाइनल स्‍टीमिंग के लिए कोई चिकित्‍सकीय निर्देश नहीं दिए गए हैं। आप अपनी सुविधानुसार जड़ी बूटी को गर्म पानी में मिलाकर भाप ले सकती हैं।अगर वजाइनल स्‍टीमिंग के लिए इस्‍तेमाल किया गया बर्तन साफ न हो तो इससे भी संक्रमण और अन्‍य दुष्‍प्रभाव का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस्‍तेमाल से पहले बर्तन को अच्‍छी तरह से साफ करें।प्रेगनेंट महिलाओं को वजाइनल स्‍टीमिंग नहीं लेनी चाहिए। इससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

यह भी पढें : योनि में खुजली होती है तो गलती से भी न अपनाएं ये नुस्‍खे
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अगर आप वजाइनल स्‍टीमिंग ले रही हैं तो अब के ज्‍यादा करीब न जाएं और न ही ज्‍यादा गर्म पानी का इस्‍तेमाल करें।यदि आपको योनि में भाप लेने में असहज लग रहा है तो तुरंत हट जाएं।जो महिलाएं बार-बार संक्रमण होने की वजह से योनि में पीएच के स्‍तर को संतुलित करने की कोशिश कर रही हैं, उन्‍हें वजाइनल स्‍टीमिंग लेने से पहले डॉक्‍टर से बात कर लेनी चाहिए।योनि एक ऐसा अंग है जो अपने आप ही पीएच संतुलन को बनाए रखने का काम कर सकती है। योनि को स्‍वस्‍थ रखने के लिए आपको वजाइनल स्‍टीमिंग की अधिक आवश्‍यकता नहीं है।आप योनि काे साफ और सूखा रखें। वहीं अगर आप वजाइनल स्‍टीमिंग ले रही हैं तो इस दौरान अत्‍यधिक सावधानी बरतें।

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डिलीवरी से कुछ दिनों या घंटे पहले मिलने वाले संकेत

वजाइनल डिस्‍चार्ज अधिक और गाढ़ा होना।
हर बार पेशाब करते समय म्‍यूकस प्‍लग का कुछ हिस्‍सा निकलना, ये गुलाबी और गाढ़ा हो सकता है।
संकुचन बार-बार और तेज होना जो समय के साथ बढ़ जाए।
पीठ के निचले हिस्‍से में ऐंठन और दर्द जो कि पेट और टांगों तक भी पहुंच जाए।
एम्नियोटिक फ्लूइड की थैली फटने के कारण पानी छूटना।

जब भी आपको ये संकेत नजर आएं तो अपने साथ परिवार के किसी सदस्‍य को जरूर रखें ताकि आपकी स्थिति को मॉनिटर किया जा सके।


डिलीवरी के बाद योनि में भाप लेने के फायदे

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जड़ी बूटियों की मदद से योनि में भाप दी जाती है। स्‍पा के अलावा आप घर पर भी वजाइनल स्‍टीमिंग ले सकते हैं। इसके लिए आपको बस जड़ी बूटियों से मिश्रित गर्म पानी से योनि को भाप देनी है। आप नीम, कैमोमाइल, तुलसी और ऑरेगेना जैसी जड़ी बूटियों को मिलाकर या अकेले इस्‍तेमाल कर योनि में भाप ले सकते हैं।

यह भी पढें : सेक्स नहीं, अपनी बनावट के कारण टाइट हो जाती है वजाइना
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आप घर पर भी वजाइनल स्‍टीमिंग ले सकती हैं।एक टब में गर्म पानी डालें और फिर उसमें अपनी पसंद की जड़ी बूटी एक कप डालें।एक मिनट तक जड़ी बूटियों को पानी में ही भीगने दें।अब कमर के नीचे से कपड़े उतार दें।टब के दोनो तरफ पैरों को चौड़ा कर के या स्‍क्‍वैट की पोजीशन में खड़े हो जाएं।कमर और टांगों पर तौलिये को लपेट लें ताकि भाप सीधी योनि तक पहुंच पाए।आपको लगभग 20 से 60 मिनट तक स्‍टीमिंग लेनी है। पानी के ठंडा होने तक आप भाप ले सकती हैं।

यह भी पढें : योनि में खुजली होती है तो गलती से भी न अपनाएं ये नुस्‍खे
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ऐसा माना जाता है कि वजाइनल स्‍टीमिंग के कई फायदे होते हैं।
मासिक धर्म में होने वाली समस्‍याओं जैसे कि पेट फूलना, ऐंठन, थकान और ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होनाफर्टिलिटी बढ़ती है।डिलीवरी के बाद योनि को जल्‍दी रिकवर करने में मदद मिलती है।तनाव कम होता है।बवासीर का इलाज है।ऊर्जा बढ़ती है और थकान कम होती है।

अभी तक योनि में भाप लेने से होने वाले लाभ को लेकर कोई वैज्ञानिक अध्‍ययन नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि योनि के ऊतकों में रक्‍त प्रवाह बढ़ने से ऐसा होता है जिससे की योनि को ठीक होने में मदद मिलती है।

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योनि में अधिक भाप लेने से यीस्‍ट इंफेक्‍शन और अन्‍य वजाइनल इंफेक्‍शन पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया के पनपने का खतरा रहता है।योनि बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है। ज्‍यादा गर्म पानी से योनि जल सकती हैं इसलिए अधिक गर्म पानी का उपयोग न करें।वजाइनल स्‍टीमिंग के लिए कोई चिकित्‍सकीय निर्देश नहीं दिए गए हैं। आप अपनी सुविधानुसार जड़ी बूटी को गर्म पानी में मिलाकर भाप ले सकती हैं।अगर वजाइनल स्‍टीमिंग के लिए इस्‍तेमाल किया गया बर्तन साफ न हो तो इससे भी संक्रमण और अन्‍य दुष्‍प्रभाव का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस्‍तेमाल से पहले बर्तन को अच्‍छी तरह से साफ करें।प्रेगनेंट महिलाओं को वजाइनल स्‍टीमिंग नहीं लेनी चाहिए। इससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

यह भी पढें : योनि में खुजली होती है तो गलती से भी न अपनाएं ये नुस्‍खे
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अगर आप वजाइनल स्‍टीमिंग ले रही हैं तो अब के ज्‍यादा करीब न जाएं और न ही ज्‍यादा गर्म पानी का इस्‍तेमाल करें।यदि आपको योनि में भाप लेने में असहज लग रहा है तो तुरंत हट जाएं।जो महिलाएं बार-बार संक्रमण होने की वजह से योनि में पीएच के स्‍तर को संतुलित करने की कोशिश कर रही हैं, उन्‍हें वजाइनल स्‍टीमिंग लेने से पहले डॉक्‍टर से बात कर लेनी चाहिए।योनि एक ऐसा अंग है जो अपने आप ही पीएच संतुलन को बनाए रखने का काम कर सकती है। योनि को स्‍वस्‍थ रखने के लिए आपको वजाइनल स्‍टीमिंग की अधिक आवश्‍यकता नहीं है।आप योनि काे साफ और सूखा रखें। वहीं अगर आप वजाइनल स्‍टीमिंग ले रही हैं तो इस दौरान अत्‍यधिक सावधानी बरतें।

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एडवांस लेबर के संकेत
जब डिलीवरी का समय बिलकुल नजदीक आ जाता है तो निम्‍न संकेत मिलने लगते हैं :

पेट में गर्म महसूस होना।
संकुचन बढ़ जाना
संकुचन की वजह से तेज दर्द होना जो कि 40 से 60 सेकंड तक रहे।
पीठ में तेज दर्द होना। यह भी पढें : प्रेगनेंसी में अब नहीं सताएगा कमर दर्द, अपनाएं ये तरीके
योनि से खून आना

कुछ महिलाएं सीधे एडवांस लेबर में चली जाती हैं जबकि कुछ महिलाओं को नॉर्मल डिलीववरी से जुड़ी इस असुविधा से गुजरना पड़ता है।

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क्‍यों जरूरी है नॉर्मल डिलीवरी
ये जन्‍म देने की सामान्‍य और प्राकृतिक प्रक्रिया है। स्‍वस्‍थ महिला को दर्द निवारक दवाओं या एपिड्यूरल तक की जरूरत नहीं पड़ती है और उनकी आसानी से नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है। हालांकि, कुछ डॉक्‍टर दर्द से बचाने के लिए सी-सेक्‍शन का सुझाव देते हैं या प्रसव लाने के लिए दर्द शुरू करने की दवा देते हैं।

जितना हो सके नॉर्मल डिलीवरी ही करवानी चाहिए क्‍योंकि ये मां और बच्‍चे दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से ठीक होती है।

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