2 महीने की गर्भवती में मेरा पेट इतना बड़ा क्यों होता है?pregnancytips.in

Posted on Wed 12th Oct 2022 : 12:18

गर्भवती होने पर अब मुझे बहुत ज्यादा गैस क्यों बन रही है?
सभी लोगों को (गर्भवती हो या नहीं) कुछ गैस अवश्य बनती है। पाचन तंत्र में गैस दो तरह से फंसती है:

जब आप हवा निगलती हैं
जब बड़ी आंत (मलाशय) में मौजूद जीवाणु (बैक्टीरिया) हजम न किए जा सके खाद्य पदार्थों को छिन्न-भिन्न करते हैं

हम एक दिन में औसतन 15 बार गैस निकालते हैं। पेट में कुछ गैस हवा निगलने की वजह से भी होती है और यह आमतौर पर डकार के जरिये बाहर आती है।

बहरहाल, आपको गर्भावस्था में सामान्य से ज्यादा गैस हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके शरीर में गर्भावस्था हॉर्मोन प्रोजेस्टीरोन का स्तर बहुत ज्यादा होता है।

इसकी वजह से पूरे शरीर में मुलायम मांसपेशीय उत्तक शिथिल हो जाते हैं। इनमें पाचन में मदद करने वाली मांसपेशियां भी शामिल हैं। इसकी वजह से आपको सामान्य से ज्यादा गैस, फुलावट और असहजता महसूस हो सकती है और ऐसा गर्भावस्था की शुरुआत में भी हो सकता है। आपको सामान्य से ज्यादा डकार भी आ सकती हैं।

गर्भावस्था में अक्सर पेट बढ़ने पर कपड़े ढीले करने की जरुरत महसूस होती है। मगर चाहे अभी आपका बढ़ा हुआ पेट दिखाई न दे रहा हो, तो भी गैस और फुलावट से राहत पाने के लिए आपको शायद अपनी सलवार ढीली करने या जीन्स या पेंट के बटन खोलने की जरुरत महसूस हो सकती है।

गर्भावस्था के बाद के चरण में आपका बढ़ता हुआ शिशु पेट में जगह घेरने लगता है। इसकी वजह से पाचन क्रिया और धीमी हो सकती है। साथ ही शिशु द्वारा पेट पर दबाव डालने की वजह से आपको खाना खाने के बाद और ज्यादा फुलावट महसूस हो सकती है। ऐसा खासतौर पर भारी भोजन करने के बाद हो सकता है।

आपको गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी और हार्टबर्न या कब्ज भी हो सकता है, फिर चाहे यह पहले आपको कभी न हुआ हो।
किन खाद्य पदार्थों के सेवन से गैस और पेट फूलने की संभावना रहती है?
जब बड़ी आंत (मलाशय) में बैक्टीरिया हजम न हुए भोजन को पचाने का काम करते हैं, तो इस क्रिया में गैस की उपज होती है। यह सामान्य है।

हालांकि, कुछ लोगों का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है या उसे कुछ भोजनों को पचाने या अवशोषित करने में मुश्किल होती है। जिन भोजनों में ​कुछ विशिष्ट कार्बोहाइड्रेट्स और शर्करा ज्यादा होती है, उन्हें फोडमैप (FODMAP) कहा जाता है। इनकी वजह से कुछ लोगों को पेट दर्द या फुलावट हो सकती है।

फोडमैप का मतलब होता है:

फर्मेंटेबल (किण्वन योग्य) - जो भोजन आंत में जाकर किण्वित (फर्मेंट) हो सकते हैं
ओलिगोसैकेराइड - साधारण शर्करा (शुगर) की एक छोटी शृंखला
डाइसैकेराइड - जिनमें साधारण शर्करा के दो अणु (मॉलिक्यूल) आपस में जुड़े होते हैं
मोनोसैकेराइड - शर्करा का साधारण अणु (मॉलिक्यूल)
एंड
पॉलिआल - शुगर एल्कोहॉल (इसका मादक पेयों से कोई संबंध नहीं है)


जिन फलों और सब्जियों में फोडमैप ज्यादा होता है, उनमें शामिल हैं:

सेब
खुबानी
हरी गोभी
फूल गोभी
लहसुन
मटर
आम
खुम्ब (मशरूम)
प्याज
आड़ू
नाशपती
सूखे आलूबुखारे (प्रून)/मुनक्का
तरबूज
चेरी
कुछ दाल-दलहन और बीन्स जैसे छोले, अरहर/तुअर दाल, राजमा आदि


कुछ कृत्रिम मीठे (आर्टिफिशियल स्वीटनर) जैसे सॉर्बिटोल आदि से भी गैस हो सकती है, क्योंकि इन स्वीटनर में ऐसी शर्करा होती है, जिसे पचा पाना मुश्किल है।

कुछ लोगों को ऐसे भोजनों से गैस बनती है, जिनके सेवन से कुछ अन्य लोगों को गैस की परेशानी बिल्कुल नहीं होती। उदाहरण के तौर पर गेहूं से बने उत्पादों से। लैक्टोस असहिष्णुता वाले कुछ लोगों को डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध या आइसक्रीम आदि के सेवन के बाद फुलावट या गैस महसूस होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका शरीर पर्याप्त मात्रा में लैक्टेस नहीं बनाता है। लैक्टेस वह एंजाइम है, जो कि लैक्टॉस (डेयरी उत्पादों में मौजूद शर्करा) को हजम करने में मदद करता है।

भारी, वसायुक्त भोजन खाने के बाद भी आपको पेट फूला-फूला लग सकता है। इन भोजनों को पचने में ज्यादा समय लगता है, इसलिए पेट को खाली होने में भी समय लगता है। वसायुक्त भोजनों से गैस नहीं बनती, मगर ये पाचन क्रिया को धीमा कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपको ज्यादा फुलावट महसूस होती है।

मलाशय में जीवाणुओं का संतुलन इस बात को प्रभावित करता है कि आपके शरीर में कितनी गैस बनती है। बदबूदार गैस का उत्पादन हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने क्या भोजन खाया है। इसलिए यह आपको देखना है कि कौन से भोजन सबसे ज्यादा बदबूदार गैस पैदा करते हैं।
क्या खान-पान में बदलाव करने से मुझे गैस से राहत मिल सकती है?
हां। गैस पैदा करने वाले संभावित खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करना, गैस से राहत पाने का सबसे प्रभावी तरीका है। मगर, ध्यान रखें कि गैस पैदा करने वाले संभावित खाद्य पदार्थों या विशिष्ट भोजन समूह को अपने आहार से हटा देने से आपको संतुलित आहार के सेवन कर पाने में मुश्किल हो सकती है।

आप सबसे पहले शुरुआत ऐसे भोजनों से करें जिनसे गैस और पेट फूलने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। साथ ही, अपनी आहार योजना इस तरह बनाएं कि आप एक बार में ही गैस पैदा करने वाले बहुत सारे भोजन एक साथ न खाएं। साथ ही, अगर आपने नाश्ते में गैस उत्पादक खाद्य पदार्थों का सेवन किया है तो उसी दिन लंच में ऐसे गैस बनाने वाले भोजनों का सेवन कम ही करें।

यदि आपको ऐसा करने पर राहत मिलती है, तो इन खाद्य पदार्थों को एक-एक करके आपने आहार में फिर से शामिल करें, ताकि पता चल सके कि वास्तव में कौन से भोजन से समस्या हो रही है। फूड डायरी बनाने से आपको यह जानने में मदद मिल सकती है कि अन्य की तुलना में किस एक भोजन से ज्यादा परेशानी हो रही है।

यदि उच्च फोडमैप वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद आपको गैस और फुलावट महसूस हो तो इनका सेवन कम करके देख सकती हैं। स्वास्थ्यकर फलों और सब्जियों का सेवन बंद करने की जरुरत नहीं है। ऐसे बहुत से विकल्प हैं, जिनमें फोडमैप की मात्रा कम होती है, ​जैसे कि:

केला
संतरा
खीरा
अंगूर
चकोत्तरा
नीलबदरी (ब्लूबेरी)
रैस्पबैरी
स्ट्रॉबेरी
गाजर
बांस के ताजा डंठल (बैम्बू शूट्स) और बीन स्प्राउट्स
लाल शि​मला मिर्च
अदरक
फ्रांस बीन्स
पालक
सलाद पत्ता
कद्दू/सीताफल
शलगम
मूली
टमाटर
धिंगरी खुम्ब
अजमोद
मीठी मकई (स्वीटकॉर्न)
चाइव्स


बहरहाल, यदि आप केवल कम फोडमैप वाले आहार का ही सेवन करना चाहती हैं, तो अपनी डॉक्टर से बात करें।

यह बता पाना मुश्किल हो सकता है,​ कि कौन से खाद्य पदार्थ की वजह से परेशानी हो रही है। इसलिए हो सकता है आप ऐसे भोजनों का सेवन भी बंद कर दें जो आपको नुकसान न पहुंचा रहे हों। साथ ही, गर्भावस्था में बहुत सी अन्य वजहों से भी गैस और फुलावट हो सकती है, जैसे कि बहुत जल्दी-जल्दी खाना या व्यायाम न करना।

यदि आप कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करना चाहती हैं, तो डॉक्टर आपको डाइटिशियन के पास भेज सकती हैं, ताकि सुनिश्चित हो सके कि आपको विस्तृत पोषक तत्व मिलें।
गर्भावस्था में अत्याधिक गैस और फुलावट से बचने के लिए मैं और क्या कर सकती हूं?
अपने आहार में कुछ समायोजन करने के साथ-साथ आप निम्नांकित उपायों को भी आजमाकर देख सकती हैं। इनसे आपके लक्षणों की गंभीरता और बारंबारता कम हो सकती है:

दिन में दो या तीन बार अधिक मात्रा में भोजन करने की बजाय पूरे दिन में कई छोटे-छोटे आहार लेती रहें।
आराम से खाना खाएं, भोजन को निगलने से पहले अच्छी तरह चबाएं। इससे आपके शरीर को भोजन को पचाने में मदद मिलेगी।
कोशिश करें कि खाना खाते समय आप हवा न गटकें, क्योंकि इससे पेट में फुलावट की समस्या और बढ़ सकती है। मुंह बंद करके धीरे-धीरे चबाएं और कोशिश करें कि खाना खाते समय बातें न करें।
चूइंग गम खाने और धूम्रपान करने से आप अतिरिक्त हवा गटक सकती हैं। गर्भावस्था में धूम्रपान करना आपके गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदेह है। इसलिए यदि आपने अभी तक धूम्रपान करना नहीं छोड़ा है, तो अब समय है कि आप इसे बिल्कुल बंद कर दें।
तनाव को कम करने का प्रयास करें और रिलैक्सेशन और अच्छी श्वसन तकनीकें (प्राणायाम) सीखें। कुछ लोग उत्साहित या चिंतित होने पर अधिक हवा निगल लेते हैं।
सीधे बैठकर खाएं या पीएं, फिर चाहे आप थोड़ा सा स्नैक ही क्यों न खा रही हैं। ऐसा इसलिए ताकि भोजन को पचाते समय आपका पेट दब न रहा हो।
सोडायुक्त पेयों का सेवन न करें, क्योंकि इनसे ज्यादा डकार आती है और आपका पेट फूला-फूला सा लगता है।
अगर आप चाहें तो पिपरमेंट चाय आजमाकर देख सकती हैं, इससे गैस और फुलावट में आराम मिल सकता है।
कब्ज से बचाव रखें या इसका उपचार कराएं, क्योंकि इससे पेट फूलने की समस्या बढ़ सकती है।
सक्रिय व क्रियाशील रहें और कुछ व्यायाम नियमित तौर पर करें। तेजी से टहलना (ब्रिस्क वॉक) भी आपके मंद पाचन तंत्र में सुधार ला सकता है।
यदि आपको इरिटेबल बाउस सिंड्रोम (आईबीएस) की वजह से गैस और पेट फूलने की समस्या रहती है तो आपको योग करने से फायदा हो सकता है। गर्भावस्था में स्वस्थ व दुरुस्त रहने के लिए योग अच्छा तरीका है। परिवर्तित वज्रासन पाचन क्रिया में सुधार ला सकता है। दूसरी व तीसरी तिमाही में इसे करना सुरक्षित है।

परंपरागत रूप से, हींग, सौंफ, अजवाइन और जीरा गैस से राहत देने और पाचन क्रिया में सुधार के लिए जाना जाता है। हालांकि, यह बता पाना मुश्किल है कि ये कितने कारगर हैं। यदि आप इन्हें आजमाना चाहें, तो ऐसा सीमित मात्रा में ही करें।

यदि इन उपायों से मदद न मिले, तो डॉक्टर से गैस की दवा के बारे में पूछें। बिना डॉक्टरी पर्ची के मिलने वाली दवा न लें। बहुत सी दवाईयां, चाहे वे हर्बल दवा हों, संभव है गर्भावस्था में सुरक्षित न होंं।
मुझे गैस है और मेरे पेट में भी दर्द है। क्या यह किसी समस्या का संकेत है?
किसी भी तरह का दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए, खासकर यदि यह दर्द बहुत गंभीर हो या फिर संकुचन महसूस हो रहे हों तो।

हो सकता है यह गंभीर अपच, पेट में संक्रमण या भोजन विषाक्तता का संकेत हो। मगर, यदि आप अपनी गर्भावस्था का आधा चरण पार कर चुकी हैं, तो यह प्री-एक्लेमप्सिया का लक्षण भी हो सकता है। यह गर्भावस्था की एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें तुरंत​ चिकित्सकीय सहायता की जरुरत होती है।



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