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Pregnancy symptoms week 2: प्रेग्नेंसी के दूसरे हफ्ते दिखते हैं कुछ ऐसे लक्षण
गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह में थकान, उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं। हाथ-पैरों में सूजन और ऐंठन भी होने लगती है। ज्यादातर महिलाओं को अंदाजा नहीं होता कि ऐसा गर्भ ठहरने की वजह से हो रहा है।
signs of pregnancy in week 2?
जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय आगे बढता है, वैसे-वैसे इसके लक्षण भी बढ़ने या बदलने लगते हैं। प्रेगनेंसी के दूसरे सप्ताह में गर्भवती महिला को किस तरह के लक्षण दिखते हैं।
अक्सर प्रेगनेंसी के दूसरे सप्ताह में जब कंसेप्शन शुरू होता है, बहुत ही कम लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, सभी महिलाओं में ऐसा नहीं होता है। हो सकता है कि कुछ महिलाएं तीसरे सप्ताह तक कंसीव न करें।
कुछ महिलाएं दूसरे सप्ताह के अंत तक प्रेगनेंट नहीं होती हैं। हालांकि, दूसरा सप्ताह कंसीव करने के लिए सबसे सही समय होता है। अधिकतर महिलाएं मासिक चक्र के पहले दिन से 11 से 21 दिनों के बीच में कंसीव कर सकती हैं। नीचे बताए गए तरीको से आप अपने ओवुलेशन का समय ट्रैक कर सकती हैं :
बेसल टेंपरेचर
बेसल टेंपरेचर मापने के लिए स्पेशल थर्मोमीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। ओवुलेशन के समय पर महिलाओं का बेसल बॉडी टेंपरेचर बढ़ जाता है। इसलिए अगर टेंपरेचर ज्यादा आता है तो इसका मतलब हो सकता है कि आप प्रेगनेंट हैं।
मासिक चक्र
आमतौर पर मासिक चक्र 28 से 32 दिनों का होता है लेकिन हर महिला में इसमें भिन्नता आ सकती है। अगर आप प्रेगनेंट होने की सोच रही हैं तो कुछ महीनों तक अपनी माहवारी की डेट को ट्रैक करें।
अपने ओवुलेशन का समय जानकर आप पता कर सकती हैं कि प्रेगनेंट होने के लिए सबसे सही समय क्या है।
ओवुलेशन टेस्ट
आप यूरिन में विशेष हार्मोन की मौजूदगी चैक कर घर पर ही ओवुलेशन टेस्ट कर सकती हैं। ये टेस्ट ओवुलेशन की डेट के बारे में बताने में मदद करते हैं जिससे आप आसानी से कंसीव कर सकती हैं।
वजाइनल डिस्चार्ज
वजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव से आपको पता चल सकता है कि ओवुलेशन कब होता है। ओवुलेशन के दौरान वजाइनल डिस्चार्ज चिपचिपा और साफ आता है। ओवुलेशन के बाद डिस्चार्ज झागदार हो जाता है। कुछ महिलाओं को ओवुलेशन के दौरान और इससे पहले यौन इच्छा महसूस होती है। आपको हल्की स्पॉटिंग, ब्रेस्ट छूने पर दर्द, गर्भाशय ग्रीवा में बदलाव और सूंघने की क्षमता बेहतर महसूस हो सकती है।
गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह में महिला के शरीर में बदलाव तो होते हैं पर यह बाहरी नहीं बल्कि अंदरूनी होते हैं। दूसरे हफ्ते के दौरान तो पता ही नहीं चल पाता कि महिला गर्भवती है या नहीं। ये हैं कुछ लक्षण जिनसे जाना जा सकता है कि आप प्रेग्नेंट हैं कि नहीं:
दूसरे सप्ताह में महिला के पेट में भ्रूण जीवन की शुरुआत हो जाती है।
गर्भवती के पेट और हाथ-पैरों में ऐंठन शुरू हो जाती है।
हर समय थकान महसूस होने लगता है।
बच्चेदानी का आकार बढ़ने से मूत्र थैली पर दबाव बढ़ता है। इससे बार-बार पेशाब जाने की इच्छा पैदा होती है।
हाथ-पैरों में सूजन और बुखार बने रहना भी गर्भवती होने के लक्षणों में प्रमुख है।
गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह के लक्षण
शरीर में बदलाव: अभी गर्भावस्था के शुरुआती दिन हैं, आपको अपने ब्रेस्ट में भारीपन और दर्द महसूस होगा। पाचन कमजोर होगा जिसकी वजह से गैस बनेगी। आपके शरीर का तापमान कुछ ज्यादा हो जाएगा। चीजों को सूंघने की क्षमता बढ़ जाएगी।
बच्चे का विकास:प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते में निषेचित अंडे में विभाजन हेाता। कोशिकाओं के इस गोले को विज्ञान की भाषा में ब्लास्टोसाइट कहते हैं। अभी भी आपका बच्चा महजा कोशिकाओं की एक गेंद ही है।
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट: पहले शुरूआती हफ्तों में बचे की कोई भी अल्ट्रासाउंड इमेज नहीं आती।
डायट: आपको कब्ज से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालों को अपनी डायट में शामिल करें ताकि पर्याप्त पोषण मिल सके। विटामिन सी वाले फल जरूर खाएं ऐसा करने से मॉर्निंग सिकनेस में फायदा होगा।
टिप्स: स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, नशे वगैरह से दूर रहें। डॉक्टर ने जो फोलिक एसिड सप्लीमेंट दिया है उसे नियमित रूप से लेती रहें। तनाव से दूर रहें। हल्की-फुल्की कसरत करें लेकिन ज्यादा उछल-कूद से बचें। अभी कहीं यात्रा न करें।
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