4 मंथ प्रेगनेंसी में क्या क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 15:40

गर्भावस्था के चौथे महीने के लक्षण | 4 Mahine Ki Pregnancy

गर्भावस्था के चौथे महीने में जी मिचलाना व उल्टी आना आदि समस्याएं कम हो सकती हैं, लेकिन सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। बात की जाए चौथे महीने के लक्षणों की, तो उस बारे में नीचे बताया गया है। कुछ लोगों का मानना है कि ये चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।

सीने में जलन (हर्टबर्न) : यह समस्या गर्भावस्था के चौथे महीने में भी देखने को मिल सकती है। ऐसा गर्भावस्था के दौरान निकलने वाले हार्मोन के चलते होता है।

भूख बढ़ जाना : इस महीने में भूख ठीक से लगने लगती है। यहां तक कि आपको थोड़ी-थोड़ी देर में ही भूख लगने लगेगी। इस वजह से आपका वजन भी बढ़ सकता है।

अपच : अपच की समस्या गर्भावस्था के चौथे महीने में ज्यादा होती है और कभी-कभी डिलीवरी तक जारी रह सकती है। ऐसे में गर्भवती को अक्सर कब्ज की परेशानी से दो-चार होना पड़ता है।

एनर्जी महसूस करना : पहली तिमाही की तरह चक्कर आना, उल्टी और जी मिचलाना की शिकायत नहीं रहती। इस वजह से आप अच्छा महसूस करेंगी और खुद में ज्यादा एनर्जी का अहसास होगा।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव | pregnancy ka 4 mahina

चूंकि, यह गर्भावस्था का चौथा महीना है, इसलिए अब आपकी प्रेगनेंसी आपके बेबी बंप से झलकने लगेगी। आपको बेबी बंप नजर आना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, चौथे महीने में आपको नीचे बताए गए शारीरिक बदलाव नजर आएंगे :

त्वचा पर बदलाव : एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण आपकी त्वचा पर काफी असर पड़ता है। अगर आपको पहले से ही त्वचा पर झाइयां या तिल हैं, तो यह और गहरे रंग के हो जाएंगे। इन झाइयों को रोकने के लिए हर्बल सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकती हैं।

नाक पर सूजन : एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण गर्भावस्था के चौथे महीने में नाक पर सूजन आ जाती है, जिस कारण नाक बंद भी हो सकती है और नाक से खून भी आ सकता है। ऐसा कुछ ही महिलाओं के साथ होता है।

गर्भावस्था के चौथा महीने में बच्चे का विकास और आकार
जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता जाएगा, बच्चे की हलचल आप महसूस करने लगेंगी। हो सकता है कि गर्भावस्था के चौथे महीने में आपको पहली बार अपने बच्चे की हलचल का अहसास हो। बहरहाल, जानिए चौथे महीने तक गर्भ में शिशु का विकास कितना होता है :

गर्भ में शिशु की लंबाई करीब छह इंच और उसका आकार एक बड़े संतरे के करीब हो जाता है। वहीं, शिशु का वजन 113 ग्राम हो सकता है (1)।

हालांकि, उसकी त्वचा अभी पतली है, लेकिन हड्डियां मजबूत होनी शुरू हो जाती हैं।

इस महीने में सिर, भौं और पलकों के बाल आने शुरू हो जाते हैं।

कानों का विकास शुरू हो जाता है और वह कुछ आवाजें भी सुन सकता है।

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