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40 से 50 की उम्र में गर्भवती होने पर जरूर रखें इन बातों का ध्यान, गाइनैकॉलजिस्ट से जानें सबकुछ
तंजानिया में अब गर्भवती लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत मिली है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
तंजानिया में अब गर्भवती लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत मिली है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अगर महिला (Women) की उम्र 35 साल के आसपास होती है तो वह उन्हें 1 साल तक इंतजार करने के लिए कहते हैं ताकि वह नैचुरल तरीके से गर्भधारण (Pregnant) कर सकें.
35 साल से अधिक की उम्र में पहली बार गर्भवती (Pregnant) होना सिर्फ पश्चिमी देशों में ही नहीं बल्कि अब तो भारत (India) में भी कॉमन हो गया है. बड़ी संख्या में महिलाएं भी अब अपने काम और करियर को ज्यादा महत्व देने लगी हैं और करियर में अच्छी तरह से सेटल होने के बाद ही शादी करना और मां बनना चाहती हैं. लेकिन अब तो कई सेलेब्रिटीज को देखकर बहुत सी महिलाएं सिर्फ 35 ही नहीं बल्कि 40 की उम्र के बाद मां बनने के बारे में सोचती हैं. लेकिन क्या 40 से 50 की उम्र के बीच गर्भवती होना संभव है? क्या इतने समय तक बच्चे के लिए इंतजार करना ठीक है? क्या इस उम्र में प्राकृतिक रूप से गर्भधारण होना संभव है? इस तरह के कई सवाल हैं जो ऐसी कई महिलाओं के मन में होंगे जो 40 साल की उम्र के बाद या तो बच्चे के लिए कोशिश करती हैं या फिर किसी वजह से बार-बार कोशिश करने के बाद भी मां नहीं बन पाती हैं. हमने माइ उपचार से जुड़ीं गाइनैकॉलजिस्ट डॉ अर्चना निरुला से बात की क्या 40 से 50 की उम्र के बीच मां बनना संभव है और इस दौरान क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं और अगर आप इस उम्र में मां बनना चाहती हैं तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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महिला की उम्र और प्रेगनेंसी के बीच क्या है लिंक?
डॉ अर्चना कहती हैं कि ज्यादातर डॉक्टर इस विचार को ही फॉलो करते हैं कि अगर महिला की उम्र 35 साल के आसपास होती है तो वह उन्हें 1 साल तक इंतजार करने के लिए कहते हैं ताकि वह नैचुरल तरीके से गर्भधारण कर सकें. तो वहीं 35 से 40 के बीच की महिलाओं को 6 महीने तक प्राकृतिक रूप से कंसीव करने के लिए इंतजार करने को कहा जाता है. लेकिन यदि महिला की उम्र 40 साल से अधिक है तो फिर इंतजार करने की बजाए महिला को फर्टिलिटी एक्सपर्ट से मिलकर प्रेगनेंसी की प्लानिंग के लिए आगे कैसे बढ़ना है इस बारे में बताया जाता है. डॉ अर्चना बताती हैं कि भारत में अब भी सिर्फ 8 से 10 प्रतिशत और वो भी सिर्फ बड़े शहरों में रहने वाली आबादी ही ऐसी है जो इतने अधिक उम्र में बच्चे के बारे में सोचती है.
दरअसल, हर लड़की के शरीर में जन्म के समय से ही गर्भाशय के बगल में स्थित अंडाशय में अंडों की एक निश्चित संख्या होती है और पीरियड्स शुरू होने के बाद से हर महीने इन अंड़ों की संख्या कम होने लगती है. 30-35 की उम्र के बाद न सिर्फ अंडों की संख्या में कमी आने लगती है बल्कि उनकी क्वॉलिटी भी खराब होने लगती है जिस वजह से महिला के गर्भवती होने में कई तरह की दिक्कतें आती हैं.
जब बात 40 से 50 साल की महिलाओं की आती है तो इस उम्र में मेनोपॉज भी शुरू होने वाला होता है और इस दौरान शरीर में अंडों की संख्या और भी कम हो जाती है और उनकी क्वॉलिटी भी पहले की तरह बेहतर नहीं रहती. इन दोनों ही कारणों की वजह से न सिर्फ गर्भधारण करने में मुश्किल आती है बल्कि होने वाले बच्चे में क्रोमोसोम यानी गुणसूत्र से संबंधित असामान्यताएं और बीमारियां होने का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं इस उम्र में मिसकैरेज का खतरा भी काफी बढ़ जाता है.
40-50 की उम्र में प्रेगनेंसी कैसे संभव हो सकती है?
इस उम्र की महिलाएं अपने पेरिमेनोपॉज की स्थिति में होती हैं और उनके पीरियड्स साइकल को प्रिडिक्ट करना मुश्किल होता है इसलिए ऐसी महिलाओं को डॉक्टर फर्टिलिटी से जुड़ी दवाइयां देते हैं ताकि वे सही से ऑव्यूलेट कर सकें. कई बार ये दवाइयां लेने के बाद ही महिला गर्भवती हो जाती है लेकिन अगर इसके बाद भी गर्भधारण न हो तो आईवीएफ की सलाह दी जाती है. इस प्रक्रिया में महिला के शरीर के अंडों और पार्टनर के स्पर्म को लेकर लैब में भ्रूण को तैयार किया जाता है और फिर उसे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है. लेकिन सिर्फ तभी जब डॉक्टर इस बात से संतुष्ट हों कि महिला का शरीर बच्चे को कैरी करने के लिए तैयार है.
एग फ्रीज करवाना
हालांकि इन दिनों एक और प्रक्रिया काफी प्रचलित हो गई है जिसे क्रायोप्रिसर्वेशन या एग फ्रीजिंग भी कहते हैं. इसमें महिलाएं 30 साल की उम्र के आसपास ही अपने एग्स को फ्रीज करवा लेती हैं और फिर बाद में जब 40 की उम्र के बाद मां बनना चाहती हैं तो इन फ्रोजन एग्स का इस्तेमाल कर गर्भवती हो सकती हैं. एग्स फ्रीज करवा लेने से सफल प्रेगनेंसी की गारंटी तो नहीं होती लेकिन जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है अंडों की क्वॉलिटी में कमी आने लगती है. लिहाजा कम उम्र में अंडों को फ्रीज करवा लेने से होने वाले बच्चे में किसी तरह की जेनेटिक समस्या होने की आशंका कम हो जाती है.
क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं?
अधिक उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं के लिए न सिर्फ कंसीव करना मुश्किल होता है बल्कि अगर महिला गर्भवती हो जाती है तब भी उसे हाई रिस्क ग्रुप में रखा जाता है. इसका कारण ये है कि 40 से 50 साल की उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान निम्नलिखित खतरों का सामना करना पड़ता है :
प्री-एक्लेम्प्सिया (हाई ब्लड प्रेशर का एक प्रकार जो गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है और जानलेवा साबित हो सकता है)
जेस्टेशनल डायबिटीज (प्रेगनेंसी के दौरान मधुमेह की समस्या होना)
इक्टोपिक प्रेगनेंसी
मिसकैरेज या गर्भपात का खतरा
स्टिलबर्थ (गर्भ में ही बच्चे का मरना)
सी-सेक्शन डिलिवरी का खतरा
प्री-मैच्योर डिलिवरी का खतरा
अधिक उम्र की मांओं से जन्म लेने वाले बच्चों में ये दिक्कतें हो सकती हैं :
जन्मजात दोष
सीखने की क्षमता में कमी
क्रोमोसोम से जुड़ी बीमारियां जैसे- डाउन सिंड्रोम
जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें हमारा आर्टिकल मां बनने की सही उम्र क्या है.न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
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