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6 मंथ प्रेगनेंसी डाइट चार्ट/गर्भावस्था आहार प्लान - क्या खाएं और क्या न खाएं ?
विशेषज्ञ पैनल द्वारा सत्यापित
प्रेग्नेंसी में स्वस्थ खाना-पीना गर्भवती के साथ-साथ पेट में मौजूद शिशु के लिए भी काफी जरूरी है। इस अवस्था में आप जो कुछ खाती-पीती हैं, उसका असर पेट के अंदर मौजूद बच्चे पर भी पड़ता है। ऐसे में आपको आहार को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। ये सावधानी गर्भावस्था के छठे महीने में ज्यादा बरतनी चाहिए। ध्यान रहे आहार को कब और कैसे ग्रहण करना चाहिए ये बहुत मायने रखता है। अब इसको आप ऐसे समझिए कि कोई भी खाद्य पदार्थ भले वो विटामिन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर हो लेकिन उसको कब और कैसे खाना चाहिए ये बहुत जरूरी होता है जानना। सुबह का नाश्ता हो , दिन का भोजन हो या रात के समय का भोजन इसमें आपको खाद्य पदार्थों का चयन सोच समझ कर करना चाहिए। गर्भावस्था के छठे महीने में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए ये आपको जानकारी होनी ही चाहिए। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे कि आखिर छठे महीने में गर्भवती को क्या आहार लेना चाहिए और किससे परहेज करना चाहिए। [कैसा होना चाहिए गर्भवती महिला का खान पान?]
गर्भावस्था के छठे महीने में क्या होना चाहिए आहार?/ Sixth Month Pregnancy Diet Chart In Hindi
प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपके गर्भ में पल रहे शिशु का तेजी से विकास हो रहा होता है इसलिए आपको अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।
पोषक तत्वों से भरपूर भोजन - प्रेग्नेंसी के छठे महीने में पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। इससे न सिर्फ आप बल्कि बच्चे को भी पोषक तत्व मिलेगा और दोनों स्वस्थ रहेंगे। वॉइट मछली, अंडे, काले सेम, टोफू जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
कैल्शियम युक्त आहार – गर्भावस्था के छठे महीने में कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करना आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। इसके लिए आप पनीर, दही और दूध को अपने आहार में शामिल करें।
कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन – छठे महीने में आपको वजन पर ध्यान देने की जरूरत होती है। इस जरूरत को आप अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को शामिल करके पूरा कर सकते हैं। आप इसके लिए आलू, पास्ता, स्वीट कॉर्न, बीज, नट्स और जई का सेवन करें।
सब्जियां भी जमकर खाएं - इस टाइम पीरियड में आपको सब्जियों का सेवन भी जमकर करना चाहिए। आप आहार में चुकंदर, पत्ता गोभी, पालक, गाजर, कद्दू, शलगम व टमाटर को शामिल करें।
पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं – प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपको पानी का सेवन अधिक करना चाहिए। दिन में कम से कम 10 गिलास पानी जरूर पीएं।
आयरन युक्त आहार - गर्भावस्था के छठे महीने में गर्भवती में आयरन की कमी होने की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए आपको इस समय से अधिक से अधिक आयरन युक्त आहार लेना चाहिए। आपको दाल, पालक व सेब में पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलेगा।
संतरा – संतरे का सेवन भी आपको छठे महीने में काफी फायदा पहुंचाएगा। दरअसल संतरे में विटामिन सी और फाइबर होता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है।
प्रेग्नेंसी के छठे महीने में क्या नहीं खाना चाहिए / Foods To Avoid While in Sixth Month of Pregnancy in Hindi
आपने ऊपर ये तो जान लिया कि आपको इस समय में क्या खाना चाहिए लेकिन ये जानना भी आपके लिए उतना ही जरूरी है कि छठे महीने में आपको क्या नहीं खाना चाहिए।
फास्ट फूड – इस महीने में आपको फास्ट फूड व बाहरी खाना खाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल साफ-सफाई व अधिक मसालने की वजह से ये आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा इनका सेवन करने से आपको चिड़चिड़ापन व थकावट महसूस होगी, जो आपके व बच्चे के लिए ठीक नहीं रहेगा।
उच्च मरकरी वाली मछली - गर्भावस्था के छठे महीने में आपको उच्च मरकरी वाली मछली, कच्चे अंडे व कच्चा मांस खाने से भी बचना चाहिए। कच्चा होने की स्थिति में इन दोनों से आपके स्वास्थय को नुकसान पहुंच सकता है।
सॉफ्ट चीज न खाएं – प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपको सॉफ्ट चीज खाने से भी बचना चाहिए। दरअसल इसमें इस्तेमाल किया गया दूध पाश्चयुरीकृत नहीं होता है, जिससे आपको भोजन विषाक्ता हो सकती है।
शराब व तंबाकू – शराब व तंबाकू का सेवन करना किसी के लिए भी नुकसानदायक होता है। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं और छठे महीने में हैं तो इससे दूर ही रहें। इन दोनों का सेवन आपको व पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके अलावा हमारी सलाह है कि आप अपने डॉक्टर के संपर्क में भी बने रहें और किसी भी तरह की समस्या होने पर परामर्श जरूर लें।
आपका एक सुझाव हमारे अगले ब्लॉग को और बेहतर बना सकता है तो कृपया कमेंट करें, अगर आप ब्लॉग में दी गई जानकारी से संतुष्ट हैं तो अन्य पैरेंट्स के साथ शेयर जरूर करें।
इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।
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