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मां बनने के लिए महिलाओं को न जाने कितनी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। पहले नौ महीने तकलीफ सहना और फिर प्रसव पीड़ा। प्रसव के दौरान ऐसा बहुत कुछ होता है जो मानसिक और शारीरिक पीड़ा एवं बदलाव का कारण बनता है।
प्रसव के दौरान शरीर के कई अंगों को अपने चरम तक जाकर काम करना पड़ता है और इन अंगों में से एक गर्भाशय ग्रीवा भी है। लेबर और प्रसव क्रिया में गर्भाशय ग्रीवा एक अहम भूमिका निभाती है।
प्रेग्नेंसी गर्भाशय ग्रीवा
बच्चेदानी के मुंह को गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) कहा जाता है। योनि और गर्भाशय के बीच मौजूद और इन्हें जोड़ने वाली नली को गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है। सर्विक्स का मुंह हल्का सा खुला होता है जो कि गर्भावस्था के शुरुआती समय में गाढ़े और चिपचिपे म्यूकस से बंद हो जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान सर्विक्स में आने वाला यह पहला बदलाव होता है। इसके बाद प्रेग्नेंसी बढ़ने पर और खासतौर पर प्रसव के दौरान सर्विक्स में कई तरह के बदलाव आते हैं।
लेबर के दौरान बच्चेदानी का मुंह
गर्भावस्था में अधिकतर समय बच्चेदानी का मुंह बंद ही रहता है लेकिन प्रेग्नेंसी बढ़ने पर यह लंबी और मुलायम होने लगती है। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में इसमें काफी बदलाव आता है।
नौवें महीने से पहले बच्चेदानी का मुंह लगभग 4 से.मी लंबा होता है। नौवें महीने में यह छोटा होना शुरू हो जाता है और पोस्टीरियर से एंटीरियर पोजीशन में आ जाता है।
सर्विक्स पतला और गर्भाशय के निचले हिस्से की ओर आना शुरू हो जाता है। यह शरीर के लेबर के लिए तैयार होने का प्रमुख संकेत है। इस स्टेज को इफेसमेंट कहते हैं।
इस स्टेज पर बच्चेदानी का मुंह चौड़ा होना शुरू होता है। इसमें सर्विक्स शिशु के सिर को बाहर निकालने के लिए तैयार होता है। डिलीवरी के दौरान सर्विक्स लगभग 10 सेंटीमीटर तक चौड़ा हो जाता है।
पेट में कॉन्ट्रैक्टशन उठने की वजह से बच्चेदानी का मुंह खुलने लगता है जिससे बच्चे को बाहर आने में मदद मिलती है। लेबर के दौरान सर्विक्स की दीवार पतली हो जाती है। यह इफेसमेंट तक पहुंचने में मदद करता है।
लेबर के समय सर्विक्स के अंदर मौजूद एम्निओटिक फ्लूइड बढ़ जाता है। कॉन्ट्रैक्शन से डील करने के लिए सर्विक्स नरम होने लगता है और इसका रंग भी बदल जाता है। इससे यह चौड़ा और पतला भी होता है जो शिशु के बाहर आने के लिए जरूरी है।
बच्चेदानी के मुंह के जरिए शिशु के सिर को बाहर निकालने के लिए सर्विक्स लेबर के दौरान 0 से 10 सेंटीमीटर तक चौड़ा होता है।
लेटेंट फेज : 0 से 3 से.मी
एक्टिव लेबर : 4 से 7 से.मी
ट्रांजिशन : 8 से 10 से.मी
बच्चेदानी का मुंह पूरा खुलना : सर्विक्स के 10 से.मी तक खुलने पर तुरंत बच्चा बाहर आ सकता है।
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