आईवीएफ करवाने के बाद क्या सावधानी रखनी चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st Oct 2022 : 15:18

भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद क्या सावधानी रखें-

बहुत उम्मीदों और आशाओं के साथ व कई तकनीकों द्वारा इलाज करवाने के बाद, संतानहीन दंपति आखिरकार आईवीएफ कराने का फैसला लेते हैं। लेकिन आईवीएफ की प्रक्रिया शुरू होने के बाद, उनके मन में कई सवाल होते है जैसे उनके शरीर में भ्रूण प्रत्यारोपण होने के बाद, उन्हें किस-किस तरह की सावधानियां बरतनी होंगी और क्या ऐसी आदतें होंगी जिनमें उन्हें बेहतर परिणाम के लिए बदलाव लाने होंगे?

जानें भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद महिलाओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए-

निःसंतानता की समस्या से जूझ रहे दंपतियों के लिए कृत्रिम परिवेशी निषेचन अर्थात् आईवीएफ एक बहुत प्रभावी तरीका है। इस प्रक्रिया में अंडे को निषेचित करने के बाद महिला के गर्भ में स्थानांतरित किया जाता है। इससे कई परिवारों में नन्हीं कलियां खिली हैं और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई है। लेकिन आईवीएफ क्रिया से गुज़र रहे हर दंपति को भ्रूण प्रत्यारोपण के उपरांत कुछ बेहद अहम सावधानियां बरतने की आवष्यकता होती है।
आइये जानते है भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद क्या सावधानी रखें? ये सावधानियां निम्नांकित है-

1 संभोग से बचे-
भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद पति-पत्नी को संभोग से बचाव अर्थात् एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। संभोग के कारण महिलाओं में वैजाइनल इंफेक्षन फैलने का अधिकतम खतरा रहता है जिससे इस प्रक्रिया के सफल होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

2 खुश और सन्तुष्ट रहें-

कई डाक्टरों द्वारा बताया जाता है और ऐसी सलाह भी दी जाती है कि यदि आप इस प्रक्रिया से गुज़र रहे हैं तो इसकी सफलता सबसे अधिक इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने खुश और चिंतामुक्त है। आपकी संतुष्टि इसकी सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

3 अधिकतम आराम और अधिकतम काम- दोनों से ही बचे-

यदि आप एक कामकाजी महिला है और इस प्रक्रिया के बाद भी आप अपने काम को जारी रखना चाहती हैं तो आप अपना काम आसानी से जारी रख सकती है बषर्ते आप अपने शरीर व मश्तिष्क को ज़्यादा कष्ट ना दें। साथ ही दोपहिया वाहन व खराब गड्डें वाली सड़कों से बचे। आप बहुत अधिक आराम से भी बचे।

इस प्रक्रिया के चलते भारी सामान उठाना भी शरीर और भ्रूण के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कुछ डाॅक्टरों का यह भी मानना है कि महिलाओं को तब तक भारी सामान उठाने से बचना चाहिए जब तक कि वे यह सुनिश्चित ना कर लें कि वे गर्भवती हैं क्योंकि ऐसा करने से पेट की मांशपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे आईवीएफ प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इस दौरान महिलाओं को कठिन कामों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

4 प्रक्रिया के दो हफ्ते तक स्नान नहीं ले-
डाॅक्टरों के अनुसार इस प्रक्रिया के शुरू होने के दो हफ्ते तक महिलाओं को स्नान नहीं करना चाहिए। इससे प्रत्यारोपण प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है जिसके कारण महिला के अंदर प्रत्यारोपित अंडा अपने स्थान से हिल सकता है। अधिकतर डाॅक्टरों द्वारा इस अवस्था में महिलाओं को शॉवर बाथ लेने की सलाह दी जाती है।

5 ज़्यादा हिलने वाले व्यायाम से बचे-
आईवीएफ प्रक्रिया के चलते महिलाओं को ऐरोबिक्स और अन्य कठिन व्यायामों से बचना चाहिए। इस समय में महिलाओं को जोगिंग करने की अपेक्षा हल्के व्यायाम जैसे टहलना और पैदल चलना चाहिए। इसके अलावा ध्यान भी इस स्थिति में उपयोगी होता है।

6 प्रोजेस्ट्रोैन लें-
गर्भावस्था को बनाए रखने के लिए, डिंबक्षरण के बाद यह बहुत ज़रूरी है कि महिला के षरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की पर्याप्त मात्रा हो। महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन एक हार्मोन होता है जिसका उत्पादन अंडाशय के द्वारा होता है। डाॅक्टरों द्वारा इनजेक्शन के माध्यम से महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा को पर्याप्त रखने के लिए आईवीएफकी प्र

क्रिया के बाद कृत्रिम प्रोजेस्ट्रोन दिए जाते हैं। ये प्रोजेस्ट्रोन इंजेक्शन गर्भावस्था के 12 सप्ताह तक दिए जाते हैं, जब तक कि महिला का शरीर खुद पर्याप्त हार्मोन की रचना नहीं करने लग जाता है।

7 इन बातों का भी ध्यान रखें-
इन सावधानियों के अलावा महिलाओं को कैफीन, एल्कोहोल, ध्रूमपान, ड्रग्स व किसी भी तरह के नशीले व नुकसानदायी पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा स्वीमिंग व सनबाथ जैसी चीज़ों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

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