किस प्रकार की डिलीवरी सबसे अच्छी है?pregnancytips.in

Posted on Sun 9th Oct 2022 : 19:19

सिजेरियन डिलीवरी कि तुलना में नार्मल डिलीवरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि शिशु को जन्म देने के बाद मां कम से कम समय में रिकवर हो जाती है। जिसकी वजह से कुछ ही समय के बाद वे अपने बच्चे के साथ होती हैं तथा अपने बच्चे को ब्रेस्फीडिंग भी शुरू कर सकती हैं।
आमतौर पर दो तरह की डिलीवरी के बारे में लोग जानते हैं, जैसे नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी। हालांकि, अब डिलीवरी के और भी कई तरीके आ गए हैं जिनकी मदद से प्रसव प्रक्रिया को आसान और दर्द को कम किया जा सकता है। मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्‍की कर ली है कि अब कोई जोखिम या जटिलता होने पर सुरक्षित डिलीवरी करवाई जा सकती है।

यहां हम आपको डिलीवरी के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
​वैजाइनल डिलीवरी

यह प्रसव का सबसे आम तरीका है और इस तरह की डिलीवरी को सबसे सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। इसमें दर्द को कम करने या प्रसव को जल्‍दी करने के लिए किसी भी तरह की दवा का उपयोग नहीं किया जाता है। कुछ महिलाओं को शिशु की हार्ट रेट मॉनिटर करने जैसी मेडिकल हेल्‍प की जरूरत पड़ सकती है।

नॉर्मल डिलीवरी को महिलाओं के लिए सबसे सही माना जाता है, क्‍योंकि इसके बाद रिकवर करने में कम समय लगता है।
​सिजेरियन डिलीवरी

यदि प्रेगनेंसी में कोई परेशानी हो तो सिजेरियन डिलीवरी करवाई जाती है। इस प्रक्रिया में मां के पेट पर कट लगाकर बच्‍चे को बाहर निकाला जाता है। यह एक बड़ा ऑपरेशन होता है। कई महिलाएं प्रसव पीड़ा से बचने के लिए सिजेरियन का विकल्‍प पहले से ही चुन लेती हैं।
वहीं, अगर प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की जटिलता का पता चले या पेट में जुड़वां या तीन बच्‍चे हों या बच्‍चा उल्‍टा हो गया हो तो इस स्थिति में सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ता है। इस सर्जरी के बाद प्रेगनेंट महिला को रिकवर करने में अधिक समय लगता है।
​असिस्टिड वैजाइनल डिलीवरी

इसमें कई तरह से डिलीवरी करवाई जाती है, जैसे कि :

फोरसेप्‍स : बड़े चम्‍मच जैसा दिखने वाला उपकरण जिसे फोरसेप्‍स कहते हैं। डॉक्‍टर इससे शिशु के सिर को पकड़ कर बर्थ कैनाल से बाहर निकालते हैं।
वैक्‍यूम एक्‍सट्रैक्‍शन : फोरसेप्‍स की तरह ही वैक्‍यूम डिलीवरी होती है। इसमें डॉक्‍टर शिशु के सिर पर प्‍लास्टिक कप लगाकर बर्थ कैनाल से बाहर खींचते हैं।
एपिसिओटोमी : इसमें योनि मुख और गुदा के बीच के ऊतक पर एक कट लगाया जाता है। इस ऊतक को पेरिनियम कहते हैं। जब शिशु को जल्‍दी से डिलीवर करवाना होता है, तभी इस तरह की डिलीवरी करवाई जाती है।
एमनिओटोमी : इसमें डॉक्‍टर एमनिओटिक थैली के खुलने वाली जगह पर एक छोटा प्‍लास्टिक हुक लगाते हैं। इसमें योनि से तेजी से पानी निकलता है।


​वैजाइनल बर्थ आफ्टर सी-सेक्‍शन

हो सकता है कि जिन महिलाओं की पहले सिजेरियन डिलीवरी हुई हो, उनकी बाद में नॉर्मल डिलीवरी हो। जब तक लेबर पेन शुरू नहीं होता, तब तक सिजेरियन ऑपरेशन नहीं किया जाता है। पहली बार में ऑपरेशन से डिलीवरी होने पर दूसरी बार नॉर्मल डिलीवरी हो तो यूट्राइन रप्‍चर का खतरा रहता है।

इस तरह कई प्रकार की डिलीवरी होती हैं और प्रेगनेंट महिला की स्थिति के आधार पर ही डॉक्‍टर यह तय करते हैं कि प्रेगनेंट महिला की किस तरह की डिलीवरी करनी है।

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