क्या केसर वाला दूध प्रेगनेंसी के लिए अच्छा है?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 10:07

तो इस सवाल का जवाब है- हां प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना पूरी तरह से सेफ है क्योंकि गोल्डन स्पाइस के नाम से मशहूर केसर में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। केसर, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले स्ट्रेस को कम करता है, मूड स्विंग्स की समस्या को दूर करता है, किसी भी तरह के दर्द या तकलीफ को दूर करने में मदद करता है।
अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपको अब तक कई लोगों से यह सलाह मिल चुकी होगी कि आपको गर्भावस्था में केसर वाला दूध पीना चाहिए या फिर किसी दूसरे तरह से भी केसर का सेवन करना चाहिए क्योंकि केसर खाने से होने वाले बच्चे का रंग गोरा होता है। आप इस बात पर भले ही यकीन ना करती हों लेकिन प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना बेहद फायदेमंद है और यह प्रेग्नेंसी से जुड़े कई लक्षणों के साथ डील करने में आपकी मदद करता है। हालांकि कई दूसरी चीजों की ही तरह प्रेग्नेंसी में केसर खाने के फायदे भी हैं और कुछ नुकसान भी। अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान कितनी मात्रा में केसर का सेवन करना चाहिए तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।

​क्या प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना चाहिए?

तो इस सवाल का जवाब है- हां प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना पूरी तरह से सेफ है क्योंकि गोल्डन स्पाइस के नाम से मशहूर केसर में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। केसर, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले स्ट्रेस को कम करता है, मूड स्विंग्स की समस्या को दूर करता है, किसी भी तरह के दर्द या तकलीफ को दूर करने में मदद करता है। हालांकि प्रेग्नेंसी में केसर यूज करते वक्त आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। चूंकि केसर बहुत महंगा आता है इसलिए इसमें काफी मिलावट भी होती है। लिहाजा शुद्ध केसर की पहचान करने के बाद ही इसका सेवन करें। साथ ही ज्यादा केसर यूज करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है इसलिए 2 या 3 रेशे से ज्यादा केसर यूज ना करें। साथ ही केसर का सेवन प्रेग्नेंसी के 3 महीने के बाद से ही करना शुरू करें। प्रेग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने में केसर का सेवन ना करें।
​प्रेग्नेंसी में केसर यूज करने के हैं कई फायदे- बीपी कंट्रोल करने में मददगार

प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं का हार्ट रेट करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जिस वजह से ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होने लगता है। प्रेग्नेंसी में अगर ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाए तो प्रीक्लैम्प्सिया की भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में केसर जिसमें पोटैशियम और क्रोसेटिन होता है ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। लिहाजा प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
​मूड स्विंग्स की समस्या होगी दूर

गर्भावस्था के दौरान शरीर में हॉर्मोन्स से जुड़े कई तरह के बदलाव आते हैं और इन बदलावों का आपकी फीलिंग्स और मूड पर सीधा असर होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि आपको एक ही समय में गुस्सा भी आए, खुशी भी महसूस हो और इमोशनल भी फील हो रहा हो। ऐसे समय में केसर आपकी मदद कर सकता है। सैफ्रन यानी केसर ऐंटी-डिप्रेसेंट का काम करता है जो ब्रेन में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। साथ ही केसर के सेवन से सेरोटॉनिन नाम के हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ता है जो स्ट्रेस को कम कर मूड को बेहतर बनाने के काम करता है।
​मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होगी दूर

प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में या फिर कई बार तो पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या रहती है। उल्टी आना, चक्कर आना, सिर घूमना जैसी दिक्कते मॉर्निंग सिकनेस कहलाती हैं। इस दौरान आपको ऐसा महसूस होता है मानो शरीर में एनर्जी नहीं रही और आप डल महसूस करने लगती हैं। ऐसे में अगर आप केसर वाली चाय का सेवन करें तो जी मिचलाने और चक्कर आने जैसे लक्षणों में कमी आ सकती है।
​पाचन तंत्र बनेगा मजबूत

प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं को पेट में दर्द की शिकायत रहती है क्योंकि इस दौरान डाइजेशन यानी पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। लिहाजा होने वाली मां को कुछ ऐसी चीजों को जरूरत होती है जो डाइजेशन के प्रोसेस को बेहतर बनाने में मदद करें। ऐसे में केसर आपके लिए मददगार साबित हो सकता है क्योंकि केसर पाचन तंत्र तक ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने का काम करता है जिससे मेटाबॉलिज्म मजबूत बनता है। ऐसा करने से डाइजेशन की प्रक्रिया बेहतर बनती है। केसर के सेवन से ऐसिडिटी और पेट फूलने की समस्या भी नहीं होती।
​नहीं होगी क्रैम्प्स की दिक्कत

क्रैम्प्स सिर्फ पीरियड्स से ही जुड़े नहीं है बल्कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी क्रैम्प्स की काफी दिक्कत होती है। कुछ महिलाओं को हल्के-फुल्के क्रैम्प्स होते हैं तो वहीं बहुत सी महिलाओं को डिलिवरी आते-आते गंभीर क्रैम्प्स हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले बच्चे को संभालने के लिए शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसे में केसर नैचरल पेनकिलर का काम करता है जो मासंपेशियों को रिलैक्स करके पेट में दर्द और क्रैम्प्स की दिक्कत को दूर करता है।
​प्रेग्नेंसी में केसर के कुछ नुकसान भी हैं

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वैसे तो केसर कई तरह से फायदेमंद है लेकिन अगर इसका बहुत ज्यादा मात्रा में या फिर हाई डोज में सेवन किया जाए तो होने वाली मां के लिए यह कई तरह से नुकसानदेह भी हो सकता है। बहुत ज्यादा केसर का सेवन करने से गर्भाशय में संकुचन का खतरा हो सकता है जिससे कई तरह से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
​मिसकैरेज का खतरा

ये तो हम सभी जानते हैं कि केसर की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे बॉडी टेंपरेचर भी बढ़ जाता है। इस वजह से गर्भाशय में कॉन्ट्रैक्शन्स यानी संकुचन होने लगता है। ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बहुत ज्यादा केसर का सेवन किया जाए तो मिसकैरेज होने का खतरा रहता है। लिहाजा प्रेग्नेंट महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि वे प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही यानी 3 से 6 महीने के दौरान ही केसर का सेवन शुरू करें और वह भी अपनी गाइनैकॉलजिस्ट से पूछने के बाद ही।
​बार-बार उल्टी आना

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