क्या दूसरा सी सेक्शन एक ही जगह काटा जाता है?pregnancytips.in

Posted on Wed 12th Oct 2022 : 17:34

सिजेरियन या सी-सेक्शन डिलिवरी से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक यही है कि इस दौरान किसी तरह का दर्द नहीं होता। आप नॉर्मल डिलिवरी करवाएं या फिर सी-सेक्शन, बच्चे को जन्म देने में दर्द होता ही है। डॉक्टरों की मानें तो चूंकि ऑपरेशन के दौरान आपको ऐनेस्थिसिया दिया जाता है इसलिए उस दौरान आपको भले ही दर्द महसूस ना हो लेकिन एक बार ऐनेस्थिसिया का असर खत्म हो जाता है उसके बाद आपको दर्द, तकलीफ और असहजता महसूस होती है जो करीब 10-15 दिनों तक रहता है।

आपकी पुरोनितम्ब अस्थि (प्यूबिक बोन) से दो से तीन उंगलियों की चौड़ाई जितना ऊपर, प्यूबिक हेयर के एकदम ऊपर पेट की त्वचा में आड़ा (हॉरिजॉन्टल) चीरा लगाया जाता है।

इस तरह के चीरे को बिकिनी कट कहा जाता है। आजकल, बिकिनी कट चीरे ज्यादा किए जाते हैं, क्योंकि ये ज्यादा अच्छे तरीके से ठीक हो पाते हैं। इस तरह के चीरे को लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) भी कहा जाता है।

सिजेरियन​ ​ऑपरेशन के दौरान
जब आप ऑपरेशन टेबल पर लेटती हैं, तो आपकी छाती के ऊपर से एक पर्दा या स्क्रीन लगा दी जाएगी ताकि आप ऑपरेशन देख न पाएं।

चीरा लगाने की तैयारी
एनेस्थीसिया वाले डॉक्टर देखेंगे कि दर्द निवारक उचित ढंग से काम कर रही है या नहीं। जब वह क्षेत्र पूरी तरह सुन्न हो जाता है, तो डॉक्टर एनेस्थीसिया वाले डॉक्टर देखेंगे कि दर्द निवारक उचित ढंग से काम कर रही है या नहीं। जब वह क्षेत्र पूरी तरह सुन्न हो जाता है, तो डॉक्टर पेट की त्वचा में चीरा लगाते हैं। यह चीरा आमतौर पर आड़ा (हॉरिजॉन्टल) लगाया जाता है, मगर कुछ मामलों में लंबवत (​वर्टिकल) चीरे की जरुरत पड़ती है। (विभिन्न तरह के चीरों के बारे में नीचे पढ़ें)।

गर्भाशय तक पहुंचना
ऊत्तकों और मांसपेशियों की सतहों को खोला जाता है, ताकि गर्भाशय तक पहुंचा जा सके। आपके पेट की मांसपेशियों को काटने की बजाय अलग कर दिया जाता है। गर्भाशय के निचले हिस्से को देखने के लिए आपके मूत्राशय को थोड़ा नीचे की तरफ खिसका दिया जाता है।

गर्भाशय को खोलना
इसके बाद डॉक्टर गर्भाशय में एक छोटा चीरा लगाएंगी और कैंची या उंगलियों की सहायता से इसे बड़ा करेंगी। बड़ा चीरा लगाने की तुलना में इस तरह रक्तस्त्राव कम होता है। आमतौर पर गर्भाशय के निचले हिस्से को ही चीरा लगाकर खोला जाता है।

झिल्लियों के थैले को खोला जाता है और आपको अचानक तेजी से तरल पदार्थ बहने की आवाज सुनाई दे सकती है। यह एमनियोटिक द्रव को बाहर निकलने की आवाज होती है।

शिशु को बाहर निकालना
आप शायद महसूस कर पाएंगी कि डॉक्टर आपके पेट को दबा रहीं हैं, ताकि शिशु का जन्म हो सके। अगर, आपका शिशु ब्रीच स्थिति में है, यानि की उसके नितंब या पैर नीचे की ओर हैं, तो पहले उसका नितंब बाहर आएगा।

यदि आपके जुड़वा शिशु हैं, तो जो शिशु नीचे की तरफ होगा वह पहले बाहर आएगा। नॉर्मल डिलीवरी में भी ऐसा ही होता।

कई बार डॉक्टर शिशु का सिर सावधानीपूर्वक बाहर निकालने के लिए प्रसूती चिमटी (फॉरसेप्स) का इस्तेमाल करती हैं। मगर ऐसा केवल तभी किया जाएगा जब शिशु का सिर बाहर निकलने में मुश्किल हो रही हो। शिशु के ब्रीच अवस्था में होने या प्रीमैच्योर होने की वजह से ऐसी स्थिति हो सकती है।

गर्भनाल को काटने के बाद आपको शिशु की झलक भर दिखाई जाएगी, इसके बाद उसे जांच के लिए शिशु के डॉक्टर को दे दिया जाएगा, जो कि आॅपरेशन थिएटर में ही मौजूद होंगे।।
ऑपरेशन से शिशु का जन्म होने के बाद
शिशु के डॉक्टर उसे जन्म के एक मिनट और पाँच मिनट पर एपगार (APGAR) स्कोर देंगी। इस स्कोर से आपके शिशु की सेहत को मापा जाता है। शिशु की जांच पूरी होने के बाद, उसे गर्माहट के लिए शायद सीधे आपको सीने से लगाने के लिए दे दिया जाएगा।

यदि शिशु के स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता हो, तो ड्यूटी पर मौजूद शिशु के डॉक्टर अगले कदम उठाएंगे। कुछ शिशुओं को ऑक्सीजन की जरुरत होती है या फिर कुछ समय के लिए गहन चिकित्सा कक्ष में भेजा जा सकता है।

आपकी डॉक्टर बाकी बची प्रसव की प्रक्रिया पूरी करने और टांके लगाने में ध्यान लगाएंगी। शिशु के जन्म के बाद आपको ड्रिप के जरिये ऑक्सीटॉसिन का सिंथेटिक रूप (सिंटोसिनॉन) दिया जाएगा। इससे आपको अपरा की डिलीवरी मे मदद मिलेगी और खून भी कम बहेगा। डॉक्टर हल्के से गर्भनाल को खींचेगी, ताकि सुनिश्चित हो सके कि अपरा गर्भाशय की दीवार से हट गई है। इसके बाद वे इसे खींचकर बाहर निकालेंगी।

पेट पर लगे चीरे को परतों में बंद किया जाएगा, मगर आमतौर पर सभी परतों को सिलने की जरुरत नहीं होती। चीरे के घाव को बंद करने के बहुत से तरीके होते हैं, जैसे कि स्वत: गलने वाले टांके, न गलने वाले टांके या स्टेपल आदि लगाकर।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद जब आप रिकवरी रूम में होंगी
ऑपरेशन पूरा होने के बाद आपको रिकवरी रूम में भेजा जाएगा, जहां कुछ घंटों तक आप पर नजदीकी नजर रखी जाएगी। जब आप रिकवरी रूम में होंगी, तो शायद आपको कंपकंपी शुरु हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑपरेशन के दौरान आपके शरीर का तापमान काफी कम हो जाता है और थियेटर को भी ठंडा रखा जाता है। कंपकंपी होने से आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता यह करीब 30 मिनट तक रह सकती है। आपको कंबल ओढ़ाकर गर्माहट देने का प्रयास करेंगी।

यदि आपको मदहोशी सी या मिचली महसूस हो, तो डॉक्टर आपकी असहजता कम करने के लिए दवा दे सकती हैं।

आपको प्रबल प्रभाव वाली दर्द निवारक दवा दी जाएंगी ताकि सिजेरियन के बाद भी आपको दर्द महसूस न हो। जब तक आप खाना और पीना शुरु न करें, तब तक आपको नसों के जरिये तरल पदार्थ दिया जाता रहेगा।

जब आप बेहतर महसूस करेंगी, तो आपको कमरे में भेज दिया जाएगा। यहां आप और आपके पति अपने नवजात शिशु या शिशुओं से मिल सकेंगे।

शिशु के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क रखने से आप उसके साथ जुड़ाव महसूस करेंगी और इससे स्तनपान करवाने और शिशु को राहत दिलाने में भी मदद मिलती है। आपकी डॉक्टर या नर्स शिशु को स्तनपान करवाने में आपकी मदद करेंगी और ऑपरेशन के तुरंत बाद से आपकी देखभाल में लग जाएंगी।
सिजेरियन डिलीवरी में चीरा किस तरह लगाया जाता है?
सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टर दो तरह से चीरा लगा सकती हैं:

आपकी पुरोनितम्ब अस्थि (प्यूबिक बोन) से दो से तीन उंगलियों की चौड़ाई जितना ऊपर, प्यूबिक हेयर के एकदम ऊपर पेट की त्वचा में आड़ा (हॉरिजॉन्टल) चीरा लगाया जाता है।

इस तरह के चीरे को बिकिनी कट कहा जाता है। आजकल, बिकिनी कट चीरे ज्यादा किए जाते हैं, क्योंकि ये ज्यादा अच्छे तरीके से ठीक हो पाते हैं। इस तरह के चीरे को लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) भी कहा जाता है।

कई बार डॉक्टर सीधा या खड़ा (वर्टिकल) चीरा लगाते हैं, जो कि पुरोनितम्ब अस्थि के ऊपर दो उंगलियों की चौड़ाई से बढ़ता हुआ नाभि के नीचे एक इंच तक हो जाता है। हालांकि, इस तरह का चीरा अब डॉक्टर कम ही लगाते हैं। वर्टिकल कट की जरुरत निम्न स्थितियों में पड़ सकती है:

आपका शिशु काफी प्रीमैच्योर है या गर्भ में आड़ा लेटा हुआ है और उसकी पीठ नीचे की तरफ है।
आपकी अपरा नीचे की तरफ स्थित है।
आपके गर्भाशय के निचले हिस्से में एड्हेशन्स या ग्रोथ (फाइब्रॉइड्स) हैं।
गंभीर आपातकाल की स्थिति हुई है जैसे कि गर्भनाल का खिसककर बाहर आ जाना और आपके शिशु का जन्म जल्द से जल्द करवाने की जरुरत है।


ऑपरेशन से बच्चे का जन्म होने में कितना समय लगता है?
यदि आपकी डिलीवरी बिना किसी परेशानी के पूर्वनियोजित सिजेरियन के जरिये हो रही है तो ऑपरेशन में करीब 45 मिनट से एक घंटे तक का समय लग सकता है।

शिशु को बाहर निकालना आमतौर पर काफी जल्दी हो जाता है, करीब 5 से 15 मिनट में। आपके गर्भाशय और पेट को खोलने की तुलना में इन्हें सिलने में ज्यादा समय लगता है, आमतौर पर करीब 30 मिनट।

यदि कोई जटिलताएं हों या आपका पहले भी सिजेरियन ऑपरेशन हो चुका हो तो इसमें और ज्यादा समय लग सकता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि पिछले ऑपरेशनों की वजह से आपको कितने एड्हेशन और स्कार उत्तकों के बैंड हैं।


सिजेरियन ऑपरेशन में कितना दर्द होता है?
आॅपरेशन के दौरान आपको थोड़ा दबाव महसूस होगा और लगेगा कि खींच कर कुछ निकाला जा रहा है, मगर आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा। ऑपरेशन से पहले आपको एपिड्यूरल या स्पाइनल ब्लॉक दिया जाता है, जिसके प्रभाव से शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो जाता है।

बहरहाल, जैसा कि किसी भी अन्य ऑपरेशन में होता है, एनेस्थीसिया का असर खत्म होने पर आपको चीरे की जगर पर दर्द महसूस होने लगेगा। डिलीवरी के बाद आपको दर्द से राहत देने के लिए दवा दी जाएगी।

क्योंकि सीजेरियन एक बड़ा ऑपरेशन होता है, इसलिए इसके बाद कुछ दिनों या हफ्तों तक आपको कुछ दर्द तो रहेगा। जब आप सिजेरियन डिलीवरी से उबर रही होंगी, तो कुछ तरह की अवस्थाओं और हिलने-डुलने पर आपको असहजता या दर्द महसूस हो सकता है। दर्द कितना कम या ज्यादा होगा, इसका हर महिला का अनुभव अलग हो सकता है।

ऑपरेशन शुरु होने से पहले आपको जो एपिड्यूरल दिया जाएगा वह आपके शरीर के निचले हिस्से को सुन्न कर देगा। इसलिए जब यह अपना प्रभाव दिखाता है, तो आपको प्रसव के संकुचन या वास्तविक ऑपरेशन का दर्द महसूस नहीं होगा। मगर आपको एपिड्यूरल लेने से पहले तक संकुचन महसूस होते रहेंगे।

साथ ही, जैसा अन्य किसी ऑपरेशन में होता है, वैसे ही इसमें भी एनेस्थीसिया का प्रभाव समाप्त होने पर, चीरा लगने के स्थान पर आपको दर्द महसूस होगा।

आपकी डॉक्टर शिशु के जन्म के बाद दर्द कम करने के लिए आपको दवाएं देंगी, मगर कुछ दिनों तक कुछ विशेष मुद्राएं या हलचल आपके लिए दर्दभरी रहेंगी।

सिजेरियन ऑपरेशन के बाद शिशु को स्तनपान करवाना भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि चीरा लगने की जगह पर आपको असहजता रहेगी। सी-सेक्शन के बाद स्तनपान करवाने की आरामदेह अवस्था ढूंढ़ने में अक्सर समय लग जाता है, मगर आप हिम्मत न हारें। जल्द ही यह सब आपको आसान लगने लगेगा। स्तनपान करवाने की इन अवस्थाओं के बारे में यहां देखें!

क्या सी-सेक्शन ऑपरेशन के दौरान मेरे पति मेरे साथ रह सकते हैं?
यह उस अस्पताल की नीतियों पर निर्भर करेगा, जहां आपकी डिलीवरी हो रही है। इसलिए बेहतर है कि इस बारे में आप अपनी डॉक्टर से भी पूछ लें।

भारत में अधिकांश अस्पताल ऑपरेशन थियेटर में पति को आने की अनुमति नहीं देते हैं।

मगर अधिकांश मामलों में पति आपके ऑपरेशन थियेटर में जाने से पहली सभी तैयारियों के दौरान आपके साथ रह सकते हैं।

यदि अस्पताल आपके पति को ऑपरेशन के दौरान मौजूद रहने की अनुमति देता है, तो उन्हें ऑपरेशन थियेटर वाले कपड़े जैसे सर्जिकल गाउन, हैड कवरिंग, मास्क, दस्तानें और जूतों के कवर पहनने होंगे। वे आपके सिराहने पर कुर्सी पर बैठ सकते हैं।

हालांकि, यदि आपके सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान कोई आपात स्थिति उत्पन्न हो जाती है या आपको जनरल एनेस्थीसिया देने की जरुरत हो, तो आपके पति को ऑपरेशन थियेटर से बाहर जाने के लिए कह दिया जाएगा।

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