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प्लेसेंटा यानी अपरा गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के अंदर विकसित होने वाली संरचना है। इससे गर्भस्थ शिशु को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है। प्लेसेंटा गर्भनाल के जरिए शिशु से जुड़ी होती है। अधिकतर प्रेगनेंट महिलाओं में प्लेसेंटा गर्भाशय के ऊपर या साइड से जुड़ी होती है।
जब प्लेसेंटा आंशिक रूप से या पूरी तरह से मां की गर्भाशय ग्रीवा को ढक लेती है तो प्लेसेंटा प्रिविआ की स्थिति उत्पन्न होती है। प्लेसेंटा प्रिविआ की वजह से प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान गंभीर ब्लीडिंग हो सकती है।
क्या है प्लेसेंटा प्रिविआ
प्लेसेंटा प्रिविआ में हो सकता है कि आपको पूरी प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान ब्लीडिंग हो। डॉक्टर ऐसे काम करने से मना कर सकते हैं जिससे संकुचन पैदा हो सकता हो। इसमें सेक्स, कपड़े धोना, टेंपन का इस्तेमाल आदि शामिल है।
वहीं, भागने और कूदने से भी ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। यदि प्लेसेंटा प्रिविआ ठीक न हो तो सिजेरियन डिलीवरी करवाने की जरूरत होगी।
प्लेसेंटा प्रिविआ का किसे है खतरा
200 गर्भवती महिलाओं में से एक को प्लेसेंटा प्रिविआ होता है। धूम्रपान या कोकीन लेने वाली, 35 या इससे अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं, पहले सिजेरियन डिलीवरी करवा चुकी महिलाओं, गर्भाशय की कोई अन्य प्रकार की सर्जरी या गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा बच्चे होने पर प्लेसेंटा प्रिविआ का खतरा रहता है।
प्लेसेंटा प्रिविआ के लक्षण
अल्ट्रासाउंड से ही प्रेगनेंट महिला में प्लेसेंटा प्रिविआ का पता चलता है। इसका सबसे सामान्य लक्षण प्रेग्नेंसी के साढ़े चार महीने के बाद योनि से लाल रंग का खून आना शामिल है। इसमें हल्के से भारी ब्लीडिंग हो सकती है और अक्सर दर्द भी नहीं होता है। कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग के साथ संकुचन भी हो सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर आपको प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही या गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। गंभीर स्थिति में अस्पताल जाएं।
प्लेसेंटा प्रिविआ से जुड़ी जटिलताएं
अगर आपको प्लेसेंटा प्रिविआ है तो डॉक्टर निम्न तरह की गंभीर जटिलता के जोखिम को कम करने के लिए मां और बच्चे को मॉनिटर करते हैं।
ब्लीडिंग : गंभीर ब्लीडिंग डिलीवरी के बाद के कुछ घंटों, प्रसव के दौरान जानलेवा साबित हो सकती है।
प्रीटर्म लेबर : यदि ब्लीडिंग ज्यादा हो तो नौ महीने से पहले ही सी-सेक्शन की मदद से प्रीटर्म लेबर करवाया जाता है।
प्लेसेंटा प्रिविआ का इलाज
प्लेसेंटा प्रिविआ के इलाज के लिए कोई मेडिकल ट्रीटमेंट या सर्जरी उपलब्ध नहीं है लेकिन इसमें होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए कई विकल्प हैं।
कम ब्लीडिंग होने पर : इसमें डॉक्टर आराम करने और सेक्स एवं एक्सरसाइज जैसी एक्टिविटी करने के लिए मना करते हैं। ब्लीडिंग शुरू होते ही डॉक्टर को इस बारे में सूचित करें।
ज्यादा ब्लीडिंग होने पर : गंभीर ब्लीडिंग होने पर खून चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। इसमें प्रेग्नेंसी के 36वें हफ्ते के बाद जितना जल्दी हो सके सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है। यदि गर्भावस्था के 37वें हफ्ते से पहले डिलीवरी करवानी पड़े तो शिशु के फेफड़ों को ठीक तरह से विकसित करने के लिए डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरॉइड देते हैं।
जब ब्लीडिंग न रुके: यदि ब्लीडिंग कंट्रोल न हो रही हो या शिशु पर दबाव पड़ रहा हो तो इस स्थिति में तुरंत सी-सेक्शन डिलीवरी (शिशु के प्रीमैच्योर होने पर भी) की जरूरत पड़ती है।
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