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शिशु को फॉर्मूला दूध पिलाने से पहले जान लें इन 6 सवालों के जवाब, वैज्ञानिक भी मानते हैं सही
जो महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान नहीं करा पाती हैं वे फॉर्मूला दूध के माध्यम से बच्चों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकती हैं।
शिशु को फॉर्मूला दूध पिलाने से पहले जान लें इन 6 सवालों के जवाब, वैज्ञानिक भी मानते हैं सही
शिशु को शुरुआती दिनों में मां के दूध का सेवन करवाने की सलाह देते हैं। लेकिन कई कारणों के चलते कुछ बच्चे मां का दूध का सेवन नहीं कर पाते हैं। ऐसे में इन बच्चों को फॉर्मूला दूध (Formula milk) दिया जाता है। अब सवाल यह है कि फॉर्मूला दूध क्या होता है? तो बता दें कि फार्मूला दूर विटामिंस, मिनरल्स, प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्वों से मिलकर तैयार किया जाता है। आमतौर पर बच्चों को यह दूध तब दिया जाता है जब मां अपने बच्चे को किसी कारण से ब्रेस्ट मिल्क नहीं दे पाती है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि बच्चों को फॉर्मूला मिल्क देना कितना सुरक्षित है। साथ ही फॉर्मूला दूध से संबंधित कुछ प्रश्न जैसे इस दूध को देने के फायदे, खुरार, सावधानियों आदि के जवाब के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
1 - शिशुओं के लिए फॉर्मूला दूध कितना सुरक्षित है?
बता दें कि जब बच्चा स्तनपान नहीं कर पाता है तब उसे फॉर्मूला मिल्क देना बेहद सुरक्षित माना जा सकता है। इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है जो यह साबित करती है कि शिशुओं के लिए फॉर्मूला मिल्क देना सुरक्षित है। हालांकि, इसे बनाते वक्त कुछ सावधानी की जरूरत होती है। रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
2 - एक दिन में बच्चे को कितनी बार फॉर्मूला दूध देना चाहिए?
बता दें कि शिशु को एक दिन में छह से आठ बार फॉर्मूला दूध दिया जा सकता है। हालांकि, हमने पहले भी बताया है कि इसकी मात्रा बच्चे की सेहत पर भी निर्भर करती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूरी है। इससे संबंधित रिसर्च भी सामने आई है। रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
3 - फॉर्मूला मिल्क कैसे बनाएं?
फॉर्मूला दूध बनाने के लिए सबसे पहले आपके हाथ साफ होने चाहिए। इसके अलावा जिस जगह पर आप ये दूध बना रहे हैं वो जगह भी आप अच्छे से साफ होनी चाहिए।
जिस बोतल में आप ये दूध डालेंगे उसे भी अच्छे से साफ कर लें। बोतल को साफ करने के लिए आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अब फॉर्मूला दूध के पैकेट में बनाने की तारीख और एक्सपायरी डेट को अच्छे से पढ़ लें।
अब एक पैन में ताजा पानी गर्म करें।
उस गर्म को बोतल में डालें और फॉर्मूला मिल्क पाउडर को तय सीमित मात्रा में डालें। अब बोतल में फॉर्मूला डालने के बाद बोतल को अच्छे से बंद करें और तेज तेज हिलाएं।
बोतल को तब तक हिलाते रहें जब तक फॉर्मूला पाउडर उस पानी में घुल ना जाए।
ध्यान रहे कि फॉर्मूला दूध केवल उतनी मात्रा में ही बनाएं, जितना आपका शिशु सेवन कर सके। ज्यादा मात्रा में बनाकर रख देने से उस दूध के अंदर बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं।
अपने हाथ पर दूध के टेंपरेचर का अनुमान लगाएं और सामान्य होने पर बच्चे को इसका सेवन करने दें।
नोट - ध्यान दें कि पैकेट में इसकी जरूरी मात्रा लिखी होती है। यदि आप कम फॉर्मूला मिलाते हैं तो वह अधिक पतला हो सकता है और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसके अलावा यदि आप ज्यादा फॉर्मूला मिलाते हैं तो दूध ज्यादा गाढ़ा हो सकता है और ज्यादा पोषक तत्व बच्चों के शरीर में जा सकते हैं, जिससे आंतों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में दूध का मा ज्यादा पतला होना और ना ज्यादा गाढ़ा होना बेहद जरूरी है।
4 - शिशु के लिए कितना फॉर्मूला दूध सही रहता है?
आमतौर पर शिशु के फार्मूला दूध की सीमित मात्रा अलग-अलग होती है। ये उसकी उम्र के साथ-साथ उसकी सेहत पर भी निर्भर करता है कि बच्चों को कितना फॉर्मूला दूध देना चाहिए। वहीं इसके ऊपर एक रिसर्च भी समने आई है जो यह बताती है कि 24 घंटों के दौरान शिशु को 32 औंस यानी 960ML दूध पिलाना सुरक्षित हो सकता है। जबकि तीन से चार औंस यानि 90 से 120ml फॉर्मूला बच्चे को पहले महीने के दौरान दिया जा सकता है। इससे संबंधित रिजल्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
5 - फॉर्मूला दूध देते वक्त बरतने वाली सावधानियां क्या हैं?
फॉर्मूला दूध को कभी भी माइक्रोवेव में गर्म नहीं करना चाहिए।
फॉर्मूला दूध देने के बाद बच्चों की बोतल को गर्म पानी से साफ करना चाहिए।
बच्चों को फॉर्मूला दूध पिलाते वक्त बोतल को सीधे पकड़ना चाहिए।
बच्चों को फॉर्मूला दूध पिलाने से पहले अपने हाथ पर इसके तापमान की जांच करनी चाहिए। ज्यादा गर्म फॉर्मूला दूध बच्चे के मुंह को जला सकता है।
फॉर्मूला दूध को एक बार बनाने के बाद बार-बार गर्म ना करें।
बचा हुआ फॉर्मूला दूध का सेवन बच्चों को ना करवाएं।
अच्छे ब्रांड का फॉर्मूला मिल्क पाउडर ही खरीदें।
फॉर्मूला मिल्क पाउडर का इस्तेमाल करने से पहले उसके एक्सपायरी डेट अवश्य पढ़ लें।
बच्चों को फॉर्मूला दूध पिलाने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। साथ ही डॉक्टर से इसकी सीमित मात्रा भी जान लें।
6 - फॉर्मूला दूध के फायदे क्या हैं?
फॉर्मूला दूध के सेवन से शिशु को कम भूख लगती है। ऐसा इसलिए क्योंकि फॉर्मूला मिल्क को पचाने में थोड़ा सा वक्त लग सकता है।
फॉर्मूला दूध के सेवन से बच्चों की सेहत को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं।
मार्केट में कुछ फॉर्मूले मिल्क के अंदर Docosahexaenoic acid पाया जाता है जो न केवल शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए उपयोगी है बल्कि यह उनके शारीरक विकास में भी उपयोगी है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि शिशु को यदि मां का दूध नहीं मिलता है तो उन्हें फॉर्मूला दूध दिया जा सकता है। लेकिन जैसा कि हमने पहले भी बताया कि फॉर्मूला दूध का सेवन करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह लेनी जरूरी होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि फॉर्मूला दूध बच्चे की सेहत के लिए जरूरी है। लेकिन फॉर्मूला दूध को बनाते उसका पतला होना या ज्यादा गाढ़ा होना भी नुकसानदायक हो सकता है। दूध के सेवन से यदि आपके बच्चे को किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।
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