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करवट से सोना- नवजात शिशु के लिए करवट से सोना भी नुकसानदायक हो सकता है. करवट से शिशु का सारा वजन एक तरफ आ जाता है, जिससे बच्चे के दिमाग का विकास भी धीमा पड़ सकता है. कई बार इस पोजीशन में सोने से बच्चे को सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है. एक साल के बाद आप बच्चे को करवट से सुला सकते हैं.
क्या बच्चों का करवट से सोना सही है?
क्या बच्चा करवट से सो सकता है? नहीं बच्चे को करवट से सुलाना सुरक्षित नहीं है क्योंकि इससे उसे स्वास्थ्य संबंधी कई हानियां हो सकती हैं, जैसे;
1. हार्लेक्विन कलर चेंज
इस समस्या में बच्चा जिस भी तरफ सिर करके सोता है उस तरफ रंग लाल या गुलाबी में बदल जाता है जबकि दूसरी तरफ कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। बच्चे के शरीर के बीचों बीच में ऊपर से नीचे तक एक स्पष्ट लाइन बन जाती है जिससे उसका एक तरफ का रंग अलग दिखाई देता है। यह तभी होता है जब बच्चा एक ही पोजीशन में कई घंटों तक सोता रहता है। यद्यपि इस बात का ध्यान रखें कि यह एक गंभीर समस्या का संकेत जैसा दिखाई देता है पर इससे बच्चे को कोई भी हानि नहीं होती है। यह कोई गंभीर समस्या नहीं है और बच्चे की पोजीशन बदलते ही रंग भी गायब होने लगता है। ऐसा माना जाता है कि बच्चे की इमैच्युर ब्लड वेसल में खून के बहाव पर ग्रेविटेशनल फोर्स का प्रभाव पड़ता है जिससे रेड ब्लड सेल्स त्वचा के बिलकुल पास आ जाते हैं।
ट्रीटमेंट
इस समस्या के लिए किसी भी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है क्योंकि बच्चे की पोजीशन बदलते ही रंग कुछ देर में ही फीके पड़ जाते हैं।
2. फ्लैटहेड्स
छोटी उम्र में बच्चे का सिर सॉफ्ट व नाजुक होते है। इससे उसका दिमाग बढ़ता और विकसित होता है और सिर भी बड़ा होता है। यदि बच्चे के सिर में दबाव पड़ता है तो इससे उसका सिर चपटा या कॉनकेव शेप का हो सकता है या यहाँ तक कि भीतर की तरफ भी धस सकता है। यह तभी होगा जब बच्चे को लगातार एक ही पोजीशन में सुलाया जाता है जिसमें उसके सिर पर एक ही तरफ से दबाव पड़ता है। सिर का शेप खराब होने से दिमाग बढ़ना बंद कर देता है और इसके परिणामस्वरूप दिमाग का विकास रुक जाता है।
ट्रीटमेंट
इस समस्या को ठीक करने के लिए बेबी हेल्मेट नामक ब्रेसेस का उपयोग किया जाता है। यह सिर्फ सर्टिफाइड मैन्युफैक्चरर या हॉस्पिटल द्वारा बनाए जाते हैं जिससे बच्चे के सिर की पोजीशन को ठीक करने में मदद मिलती है।
3. टॉर्टिकॉलिस
टॉर्टिकॉलिस अक्सर बच्चे में स्टर्नोक्लेडोमैस्टॉइड मसल्स की कमी से उसकी गर्दन गलत तरीके से मुड़ने से होता है और यह मसल्स बच्चे के सिर के पिछले हिस्से को हंसली से जोड़ती है। चूंकि बच्चे की मसल्स अब भी नाजुक है और बढ़ रही हैं इसलिए बार-बार करवट से सोने या सिर घुमाने से भी इन मसल्स पर प्रभाव पड़ता है या यह कम हो जाती हैं।
ट्रीटमेंट
बच्चे की मांसपेशियों में जकड़न को फिजिकल थेरेपी या रिकवरी हार्नेस पहनने से ठीक किया जा सकता है। हार्नेस को शरीर में लपेटा जाता है और इसमें गर्दन के लिए सॉफ्ट पैड्स होते हैं। यह पैड्स गर्दन को विपरीत दिशा में धकेलते हैं जिससे यह गर्दन नॉर्मल पोजीशन में आ जाती है।
4. चोकिंग का खतरा
जब सांस लेने की नली में टॉरशन बन जाता है तब बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होती है। कभी-कभी गले में फंसने वाला खाना खिलाने से यह ट्रैकिया में भर जाता है और जिससे चोकिंग होने का खतरा भी रहता है। बच्चे जब अपनी करवट पर सोते हैं तो उनका पेट के बल पलटने की संभावना ज्यादा होती है और यह एसआईडीएस के खतरे को भी बढ़ाता है।
ट्रीटमेंट
इसका कोई भी इलाज नहीं है पर बचाव के लिए आप बच्चे को करवट से न सुलाएं।
यदि बच्चा पीठ के बल सोने मं कॉर्टेबल नहीं है तो क्या करना चाहिए?
यह सिर्फ बच्चे की सुविधा के लिए ही नहीं है बल्कि उसकी सेफ्टी भी बहुत जरूरी है। आप बच्चे को सही पोजीशन बताकर उसे पीठ के बल सोने की आदत डालें। इस प्रकार से शुरूआती आयु में आप उसे पीठ के बल सोना सिखा सकती हैं। यदि बच्चा इस पोजिशन में कंफर्टेबल नहीं है तो भी इस प्रकार से वह पीठ के बल सोना सीख जाएगा।
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