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क्या बच्चे को लेटकर दूध पिलाना सुरक्षित है?
क्या आप अपने बच्चे को लेटकर दूध पिलाती हैं, तो आप यह आर्टिकल ज़रूर पढ़ें।
गर्भावस्था और लेबर बहुत थकानेवाली अवस्थाएं हैं और इन दोनों की वजह से मांओं के पास अपने नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के लिए बहुत कम या बिल्कुल भी शक्ति नहीं बचती। डिलीवरी के बाद घंटों बैठकर बच्चे को दूध पिलाना, उसे थका हुआ और बेदम बना देता है। यही कारण है कि ज्यादातर माताओं को अपनी सुविधा के लिए लेटकर अपने बच्चे को दूध पिलाना पसंद करते हैं। इस स्थिति में निश्चित रूप से अधिक सपोर्ट मिलता है और बच्चे को स्तनपान कराने के लिए बहुत देर तक बैठने के तनाव से राहत भी मिलती है।
लेकिन सवाल यह है, क्या यह बच्चे के लिए भी उतना आरामदायक है जैसा कि यह मां के लिए होता है? अधिकांश माताओं का कहना है कि वे इस स्थिति में सहज महसूस करते हैं और उनके बच्चे के लिए भी। हालांकि, जब मैंने डॉ. बीना जयसिंह (कंसल्टेंट, गायनकोलॉजी, आब्स्टिट्रिक्स, मैटर्निटी हॉस्पिटल, बेंगलुरु) से बात की, और यह जानने की कोशिश की क्या यह लेटकर बच्चे को दूध पिलाना ठीक है? जानें उन्होंने क्या कहा: 'लेटकर दूध पिलाना एक ऐसी स्थिति है जो सी-सेक्शन के बाद ज़्यादातर मांएं पसंद करती हैं। ऐसी महिलाएं जो सीधे बैठकर अपने बच्चे को दूध पिलाने में सक्षम नहीं है, बिस्तर में लेटे-लेटे बच्चे को किसी एक तरफ लिटाकर दूध पिलाने से शुरुआत करने में मदद मिलती है।
हालांकि, यह स्थिति की सलाह केवल तब तक के लिए दी जाती है जब तक कि मां सीधे बैठकर अपने बच्चे को पकड़ न सके। सर्जरी के 1-2 दिन बाद, हम माताओं को सीधे बैठने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और दूध पिलाने की कोशिश करने के लिए कहते हैं, ताकि फेफड़ों में दूध जाने की संभावना कम रहे। दरअसल लेटकर दूध पिलाने से बच्चे के फेफड़ों में दूध जाने की संभावना काफी अधिक होती है। यह शिशुओं के लिए घातक हो सकता है इसलिए, लेटकर स्तनपान की सलाह बहुत ज्यादा नहीं की जाती है।'' इस स्थिति में दूध पिलाने की सलाह केवल उन माताओं को दी जाती है, जिनकी 24 घंटों के अंदर सी-सेक्शन सर्जरी हुई।
हालांकि, डॉ. जयसिंह एकमात्र डॉक्टर नहीं हैं जो लेटकर स्तनपान कराने से मना करती हैं। मेरे दूसरे सी-सेक्शन के दौरान जब मैंने अपने बच्चे को लेटकर स्तनपान कराना शुरू कर दिया, तो मुझे किसी पीडियाट्रिक्स से सलाह-मशविरा करने सलाह दी गयी थी, और उसकी वजहें ये बतायी गयीं:
1. पेट का दर्द- जहां बच्चे दूध के साथ हवा भी ग्रहण करते हैं, जिससे पेट में दर्द हो सकता है और वह लगातार रोता रहता है।
2. कान में संक्रमण- अगर दूध मुंह से फैल जाता है और कान की नहर या ईयर कैनाल तक पहुंच जाता है।
3. दुर्घटना या मौत- अगर मां दूध पिलाते हुए सो जाए और नींद में बच्चे के शरीर पर भार पड़े।
इसलिए अगर आप अपने बच्चे को लेटकर दूध पिलाने की योजना बना रही हैं, तो ऐसा करने से पहले इसके फायदे और नुकसान समझ लें। अपने बच्चे को दूध पिलाने की सही स्थिति जानने के लिए अपने डॉक्टर या किसी एंटीनेटल (antenatal) एक्सपर्ट से बात करें। अगर पीठ दर्द या अन्य प्रसवोत्तर तकलीफ के कारण आपको अपने बच्चे को बैठकर दूध पिलाने में परेशानी हो रही है, तो किसी लैक्टेशन एक्सपर्ट की सहायता से, स्तनपान कराने के लिए एक आरामदायक स्थिति तैयार करने की कोशिश करें जो आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित हो।
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