क्या मैं नवजात को ग्राइप वाटर दे सकती हूं?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 15:11

शिशु को ग्राइप वॉटर देना कितना सुरक्षित है

रोते हुए शिशु को शांत करने के लिए ग्राइप वॉटर का इस्‍तेमाल किया जाता है। हालांकि, मांओं को यह जरूर जान लेना चाहिए कि ग्राइप वॉटर बच्‍चे के लिए सुरक्षित है या नहीं।
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शिशु को ग्राइप वॉटर देना कितना सुरक्षित है
छोटे बच्‍चे रोकर ही अपनी बात कहते हैं। बच्‍चे की भाषा को मां से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता है। वैसे तो बच्‍चे का रोना सामान्‍य बात है। पेट भरा होने पर भी शिशु दांत आने या कोलिक की स्थिति में बुहत ज्‍यादा रो सकता है।
कोलिक बेबी कई घंटों तक लगातार रो सकता है और कभी पेट दर्द या अन्‍य किसी वजह से बच्‍चा रोता है। बच्‍चे को आराम देने के लिए ग्राइप वॉटर पर विश्‍वास किया जाता है। आइए जानते हैं कि शिशु को दिए जाने वाला ग्राइप वॉटर कितना सुरक्षित है।

​क्‍या होता है ग्राइप वॉटर

शिशु में कोलिक के लक्षणों से रा‍हत दिलाने के लिए डॉक्‍टर के पर्चे के बिना कई प्रोडक्‍ट मिलते हैं। आपको इनमें से वही विकल्‍प चुनना चाहिए जो सुरक्षित हो। ग्राइप वॉटर लिक्विड रूप में आता है और यह एक हर्बल उपाय है। इसमें सौंफ, अदरक, कैमोमाइल, मुलेठी, दालचीनी और लेमन बाम होता है।

गैस होने पर पेट दर्द की वजह से बच्‍चे ज्‍यादा रोते हैं। कुछ बच्‍चे दिन में लगातार कई घंटों तक रोते हैं तो कुछ में यह समस्‍या कई सप्‍ताह तक देखी जा सकती है। चूंकि, जड़ी-बूटियां पाचन में मदद करती हैं इसलिए ग्राइप वॉटर का इस्‍तेमाल कोलिक से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। दांत आने पर दर्द होने और हिचकी के लिए भी ग्राइप वॉटर का इस्‍तेमाल किया जाता है।
​क्‍या शिशु के लिए ग्राइप वॉटर सुरक्षित है
कई तरह के ग्राइप वॉटर होते हैं। शुगर और एल्‍कोहल युक्‍त ग्राइप वॉटर भी आता है। बहुत ज्‍यादा शुगर की वजह से दांतों में कीड़ा लग सकता है और इससे शिशु के दूध पीने में भी बदलाव आ सकता है।

आप ऐसे ग्राइप वॉटर को चुनें जो शिशु के लिए सुरक्षित हों। पैकेट पर लिखी गई सामग्रियों को अच्‍छी तरह से पढ़ने के बाद ही खरीदें। आप सोडियम बायोकार्बोनेट और पुदीना युक्‍त ग्राइप वॉटर भी दे सकते हैं।

सोडियम बायोकार्बोनेट या बेकिंग सोडा डॉक्‍टर की सलाह के बिना कोलिक बेबी को नहीं देना चाहिए। इससे शिशु के पेट में पीएच लेवल पर असर पड़ सकता है और शिशु में कोलिक के लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
पुदीना युक्‍त ग्राइप वॉटर शिशु में रिफलक्‍स के लक्षणों को बढ़ा सकता है। ग्‍लूटेन, डेयरी, पैराबींस और वेजिटेबल कार्बन युक्‍त ग्राइप वॉटर देने से भी बचना चाहिए।

आमतौर पर ग्राइप वॉटर शिशु के लिए सुरक्षित होता है लेकिन एक महीने से कम उम्र के शिशु को इसकी सलाह नहीं दी जाती है। इस उम्र तक शिशु के पाचन तंत्र का विकास हो रहा होता है।
​शिशु को कब दें ग्राइप वॉटर

ग्राइप वॉटर के उत्‍पादक यह दावा करते हैं दो सप्‍ताह तक के शिशु को ग्राइप वॉटर दिया जा सकता है। हालांकि, एक महीने के होने तक शिशु को ग्राइप वॉटर नहीं देना चाहिए। कई लोगों का यह भी मानना है कि छह महीने तक के शिशु को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क ही देना चाहिए।

इसलिए बेहतर होगा कि शिशु को ग्राइप वॉटर देने से पहले पीडियाट्रिशियन से बात कर लें। दूध पिलाने के लगभग दस मिनट बाद शिशु को ग्राइप वॉटर देना सही रहता है। आप चम्‍मच या ड्रॉपर से ग्राइप वॉटर दे सकती हैं।

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