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खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला लहसुन कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके औषधीय गुण अनेक बीमारियों से लड़ने की शक्ति रखते हैं। इसी वजह से गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में लहसुन का सेवन करने के लिए कहा जाता है लेकिन आपको बता दें कि इस मामले में आपको थोड़ी सावधानी बरतने की भी जरूरत होती है।
जानिए कि प्रेग्नेंसी में लहसुन के सेवन को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इसके फायदे और खाने का तरीका क्या है।
क्या गर्भावस्था में लहसुन खा सकते हैं
थोड़ी मात्रा में गर्भावस्था में लहसुन खाना सुरक्षित होता है। आप प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में लहसुन को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इस तिमाही में प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही के मुकाबले शिशु पर कम असर पड़ता है।
वहीं गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में लहसुन दो प्रमुख दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं - लो ब्लड प्रेशर और खून पतला होना। ये प्रभाव लहसुन का अधिक सेवन करने पर ही देखने को मिलते हैं। लहसुन को अपनी डायट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से एक बार अपना चेकअप जरूर करवा लें और उनसे पूछ लें कि आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार लहसुन का सेवन सुरक्षित रहेगा या नहीं।
प्रेग्नेंसी में कितना लहसुन खा सकते हैं
आमतौर पर लहसुन की दो से चार कलियां खाना सुरक्षित रहता है। ये 600 से 1,200 मि.ग्रा लहसुन के रस, 0.03 से 0.12 मि.ली लहसुन का एसेंशियल ऑयल के बराबर होता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए कच्चा लहसुन खाना नुकसानदायक हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में लहसुन खाने के फायदे
लहसुन में कई गुण होते हैं और इसीलिए इसे प्रेग्नेंसी डायट में शामिल करना जरूरी होता है। गर्भावस्था के दौरान लहसुन खाने के फायदे इस प्रकार हैं :
प्रीक्लैंप्सिया : ये हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति होती है जो दस में से एक गर्भवती महिला को प्रभावित करता है। लहसुन से प्रीक्लैंप्सिया का खतरा कम हो जाता है।
शिशु का वजन : अध्ययनों की मानें तो लहसुन से प्रीटर्म बच्चों में कम वजन होने की आशंका में कमी आती है।
बाल झड़ने : लहसुन में एलिसिन नामक तत्व अधिक मात्रा में होता है जो कि बाल झड़ने से रोकता है और नए बाल उगाता है। गर्भावस्था में बाल झड़ने की परेशानी बहुत होती है जिसे लहसुन कम कर देता है।
संक्रमण का खतरा : प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे फ्लू, जुकाम आदि का खतरा बढ़ जाता है। लहसुन शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकता है और इम्यून सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखता है जिससे फ्लू और जुकाम जैसे संक्रमणों से लड़ने में मदद मिलती है।
लहसुन स्किन और ओरल इंफेक्शन, यीस्ट इंफेक्शन, कोलोन कैंसर, कोलेस्ट्रोल और दिल की बीमारियों से भी बचाता है।
प्रेग्नेंसी में लहसुन खाने के नुकसान
वैसे तो लहसुन को लाभकारी माना जाता है लेकिन कुछ मामलों में इसका हानिकारक प्रभाव हो सकता है, जैसे कि :
लहसुन में खून पतला करने वाले तत्व होते हैं जिसकी वजह से सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती हैं। सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाएगा।
अगर आप खून के थक्के बनाने वाली दवाएं ले रही हैं तो लहसुन के सप्लीमेंट इन्हें प्रभावित कर सकती हैं। ये इंसुलिन को प्रभावित कर ब्लड शुगर को कम करता है।
अधिक लहसुन खाने से पाचन तंत्र खराब हो सकता है।
यदि कम मात्रा में लिया जाए तो लहसुन का सेवन सुरक्षित होता है। गर्भावस्था में सीमित मात्रा में लहसुन खाना सही रहता है।
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