क्या सातवें महीने में डिलीवरी हो सकती है?pregnancytips.in

Posted on Wed 12th Oct 2022 : 15:42

गर्भावस्‍था के 37वें हफ्ते से पहले ही डिलीवरी करवानी पड़े तो इसे प्रीमैच्‍योर डिलीवरी या प्रीटर्म लेबर कहते हैं। नौ महीने पूरे होने से पहले डिलीवरी करवाने पर शिशु का पूरा विकास नहीं होता है। इन बच्‍चों को कई गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं और अगर शिशु का जन्‍म बहुत जल्‍दी हो जाए तो उसकी जान को भी खतरा रहता है।

समय से पहले (प्रीमैच्योर) जन्म का क्या मतलब है?
जब आपकी 37 सप्ताह की गर्भावस्था पूरी हो जाती है, तो आपके शिशु को पूर्ण अवधि (फुल टर्म) शिशु कहा जाता है।

शिशु का जन्म यदि गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूरे करने से पहले ही हो जाता है, तो इसे समय से पहले जन्म (प्रीमैच्योर बर्थ) और शिशु को प्रीमैच्योर शिशु कहा जाता है।

गर्भावधि उम्र के अनुसार प्रीटर्म बर्थ को निम्नांकित श्रेणियों में बांटा गया है:

एक्सट्रीम प्रीटर्म: यह तब होता है जब बच्चा अत्याधिक प्रीटर्म हो और उसका जन्म 28 सप्ताह की गर्भावस्था से पहले हो जाए।
वेरी प्रीटर्म: यह तब होता है जब बच्चा 28 और 32 सप्ताह के बीच में जन्म लेता है।
मॉडरेट प्रीटर्म: यह तब होता है जब बच्चा 32 से 33 सप्ताह के बीच जन्म लेता है।
लेट प्रीटर्म: यह तब होता है जब बच्चे का जन्म 34 से 36 सप्ताह के बीच हो।

प्रीमैच्योर डिलीवरी होना कितना आम है?
समय से पहले जन्म विश्व भर में बढ़ रहे हैं। किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में सबसे ज्यादा प्रीटर्म जन्म होते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक विश्व भर में होने वाली कुल प्रीमैच्योर डिलीवरी में करीब एक चौथाई हिस्सा भारत का है।
समय से पहले प्रसव और शिशु के जन्म के क्या कारण हैं?
कुछ शिशु समय से पहले पैदा क्यों होते हैं, यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं है।

अधिकांश प्रीटर्म डिलीवरी तब होती हैं जब प्रसव पानी की थैली फटे बिना अपने आप शुरु हो जाता है।

हालांकि, कई बार शिशु के समय से पहले जन्म लेने के कुछ कारण हो सकते हैं। कुछ मामलों में समय से पहले जन्म इसलिए होते हैं क्योंकि चिकित्सकीय कारणों से ऐसा करना जरुरी था।

आपको समय से पहले प्रसव प्रेरित करवाने या पूर्व नियोजित सिजेरियन ऑपरेशन करवाने की जरुरत निम्न स्थितियों में हो सकती है:

आपका गर्भस्थ शिशु उचित ढंग से विकसित नहीं हो रहा है।
आपके शिशु के साथ कोई ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें जन्म के बाद उपचार की जरुरत है।
आपको ऐसी जटिलताएं उत्पन्न हो गई हैं, जो आपकी या शिशु की सेहत के लिए नुकसानदेह हैं।

यदि आपके गर्भ में एक से ज्यादा शिशु पल रहे हों, तो भी प्रीमैच्योर डिलीवरी की संभावना ज्यादा होती है। जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु सामान्यत: जल्दी जन्म ले लेते हैं।

निम्नांकित स्थितियों में भी समय से पहले प्रसव और जन्म हो सकता है:

आप पहले भी प्रीमैच्योर शिशु को जन्म दे चुकी हैं।
आपका गर्भाशय पूरी तरह भरा हुआ और कसा हुआ है। ऐसा तब हो सकता है जब शिशु के आसपास बहुत ज्यादा एमनियोटिक द्रव हो जाए (पॉलिहाइड्रेमनियोस)।
आपके साथ पहले से मौजूद कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 1 मधुमेह या गुर्दों से संबंधित बीमारी।
आपको ग्रीवा की कमजोरी या छोटी ग्रीवा होने की समस्या है। एनॉमली स्कैन के दौरान अल्ट्रासाउंड डॉक्टर देखेंगी कि क्या आपको समय से पहले प्रसव शुरु होने का खतरा है या नहीं।
एमनियोटिक थैली या एमनियोटिक द्रव में जीवाण्विक संक्रमण (बैक्टीरियल इनफेक्शन) है।
आपको गर्भावस्था संबंधी जटिलता जैसे कि प्री-एक्लेमप्सिया या गर्भावधि मधुमेह (जैस्टेशनल डायबिटीज) है या फिर अपरा (प्लेसेंटा) गर्भाशय की ​दीवार से हटना शुरु हो गई है (प्लेसेंटल एबरप्शन)।
आपको गंभीर एनीमिया है।
आपकी पानी की थैली 37 सप्ताह की गर्भावस्था से पहले ही फट गई है। इसे अंग्रेजी में प्रीटर्म प्रीमैच्योर रप्चर ऑफ मेम्ब्रेन (पीपीआरओएम) कहा जाता है।
आपको भारी रक्तस्त्राव हो रहा है।
आपके गर्भाशय में असामान्यता है या एक या इससे ज्यादा बड़े फाइब्रॉइड हैं।

यदि आपने उपचार की सहायता से गर्भधारण किया था, तो समय से पहले डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है, फिर चाहे आपके गर्भ में एक ही शिशु हो तो भी।

यदि आपकी गर्भावस्थाओं में ज्यादा समय का अंतर न हो, तो भी प्रीटर्म बर्थ की संभावना बढ़ जाती है।

कुछ सामाजिक और जीवनशैली से जुड़े कारण भी समय से पहले प्रसव के लिए जिम्मेदार होे सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

गरीबी में रहना
घरेलू हिंसा का शिकार होना
नौकरी में लंबे समय तक काम करना और कठोर शारीरिक श्रम करना।
धूम्रपान व मादक पदार्थों यानि ड्रग्स (विशेषकर कोकेन)​ का सेवन।

आप चिंता न करें, यदि आप स्वस्थ हैं और आपकी गर्भावस्था सही चल रही है, तो आपकी प्रीमैच्योर डिलीवरी होने की संभावना बहुत कम होती है।
समय से पहले प्रसव शुरु होने के क्या लक्षण हैं?
यदि आपकी गर्भावस्था 37 सप्ताह से कम की है और आपको निम्नांकित लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से बात करें:

नियमित संकुचन। यहां जानें कि संकुचन कैसे महसूस होते हैं।
पेट के चारों तरफ कसाव महसूस होना, या माहवारी जैसा दर्द होना।
बहुत ज्यादा या हल्का या बीच-बीच में पीठ दर्द होना, ऐसा दर्द आपने पहले कभी न महसूस किया हो।
सामान्य से ज्यादा योनिस्त्राव।
योनिस्त्राव में बदलाव- यदि पानी जैसा पतला स्त्राव आ रहा हो या स्त्राव पतला, श्लेम युक्त हो जाए या इसमें खून भी आए। इसकी रंगत गुलाबी भी हो सकती है।
अंडरवियर में या शौचालय जाते समय आपको ग्रीवा बंद रखने वाला श्लेम डाट (म्यूकस प्लग) बाहर निकला हुआ दिखाई दे।
योनि से तेज बहाव से या रिसाव से तरल निकलना। इसका मतलब हो सकता है कि आपकी पानी की थैली जल्दी फट गई हो।
श्रोणि क्षेत्र में ज्यादा दबाव (ऐसा महसूस होना कि शिशु नीचे जोर लगा रहा है)।

आपकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टर आपको सीधे अस्पताल आने की या फिर एम्बुलेंस बुलाने की सलाह दे सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय आपको कुछ असामान्य सा महसूस हो तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें।

बेहतर है कि आपको ऐसे लक्षणों को बारे में पता हो जिन्हें गर्भावस्था में अनदेखा नहीं करना चाहिए। इस तरह आप संभावित समस्याओं को जल्दी पहचान सकती हैं।

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