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अच्छी और गहरी नींद के लिए शिशु का सही पोजीशन में सोना बहुत जरूरी होता है। इससे बच्चा सुरक्षित भी रहता है।
इस पोजीशन में नवजात शिशु का सोना बिलकुल सेफ है
शिशु को अच्छी और नींद आने में पोजीशन का बहुत महत्व होता है। बड़ों की तरह बच्चे भी गलत या असहज पोजीशन में नहीं सो पाते हैं। इसकी वजह से सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम तक हो सकता है जिसमें अचानक बच्चे की मृत्यु हो जाती है। इसलिए आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आपके नवजात शिशु के लिए कौन-सी स्लीपिंग पोजीशन बेहतर रहेगी।
तो चलिए जानते हैं कि नवजात शिशु के लिए किस पोजीशन में सोना सबसे बेहतर रहता है और इसके क्या फायदे होते हैं।
करवट लेकर सोना
बच्चे का करवट लेकर सोना भी असुरक्षित होता है क्योंकि इसकी वजह से उसके पेट के एक हिस्से पर ज्यादा दबाव पड़ता है और सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ जाता है।
पेट के बल सोना
इस पोजीशन को शिशु के लिए सबसे गलत माना गया है। अध्ययनों के अनुसार इस पोजीशन में सोने से शिशु को ऑक्सीजन कम मिलता है और कार्बन डाइऑक्साइड भी कम निकलती है। आसान शब्दों में कहें तो इस पोजीशन की वजह से शिशु केवल नाक के आसपास की थोड़ी-सी जगह में मौजूद हवा में ही सांस ले पाता है।
इससे बच्चे के जबड़े पर दबाव पड़ता है जो श्वसन मार्ग को प्रभावित कर सांस आने से रोक देता है। अगर गद्दा काफी नरम हो तो पेट के बल सोने पर बच्चे का दम घुट सकता है। मैट्रेस पर मौजूद माइक्रोब्स में भी बच्चा सांस ले सकता है जो कि उसके लिए हानिकारक होगा।
प्रीटर्म शिशु के लिए स्लीप पोजीशन
जिन बच्चों का जन्म नौ महीने से पहले ही हो गया हो उनमें सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम का खतरा ज्यादा रहता है। इनके लिए पीठ के बल सोना ही सबसे सही है। यदि इन बच्चों में कोई एक्यूट सांस से संबंधित बीमारी हो तो पेट के बल सुला सकते हैं।
खासतौर से 12 महीने से कम उम्र के बच्चों में सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम से बचने के लिए स्लीपिंग पोजीशन बहुत महत्वपूर्ण होती है। बच्चे ने नौ महीने की प्रेग्नेंसी से जन्म लिया हो या फिर प्रीटर्म हो, दोनों ही स्थितियों में पीठ के बल सोना ही सुरक्षित माना गया है।
स्लीपिंग पोजीशन में बन बातों का रखें
विशेषज्ञों का कहना है कि सोते समय बच्चे के सिर या चेहरे के आसपास कोई तकिया या खिलौना नहीं रखना चाहिए।
बच्चे को ज्यादा नरम गद्दे पर नहीं सुलाना चाहिए।
सोते समय बच्चे को सीने तक ही ब्लैंकेट से ढकना सही रहता है। उसका सिर या चेहरा ढ़कने की गलती बिल्कुल न करें क्योंकि इसकी वजह से बच्चे का दम घुट सकता है।
नींद के दौरान शिशु के आसपास का वातावरण लगभग 20 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए।
बच्चे को माता-पिता के कमरे में ही सुलाएं लेकिन एक बिस्तर पर सुलाने की गलती न करें। इसमें बच्चे के दम घुटने की संभावना ज्यादा होती है।
सोते समय बच्चे को हल्के कपडे पहनाने चाहिए। ज्यादा भारी या गर्म कपड़े पहनाने से बचें।
आपने भी देखा होगा कि सोते समय बच्चे अपनी मर्जी से पोजीशन बदल लेते हैं। कभी-कभी ऐसा करना बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस तरह की किसी स्थिति से बचने के लिए आपको पता होना चाहिए कि बच्चे के लिए कौन-सी स्लीपिंग पोजीशन सही रहेगी।
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