Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
कंसीव करने के लिए, गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद भी महिलाओं के शरीर को पोषण की जरूरत होती है। डिलीवरी के बाद स्तनपान के लिए महिलाओं को अपनी डायट का ख्याल रखना पड़ताहै, क्योंकि मां के दूध पर ही शिशु का संपूर्ण पोषण निर्भर करता है।
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए अपने नियमित आहार में केला शामिल करना फायदेमंद होता है और इसका लाभ शिशु को भी मिलता है। आइए जानते हैं कि गर्भावस्था में केला खाने से ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं और शिशु को क्या लाभ मिलता है?
क्या ब्रेस्टफीडिंग में केला खा सकते हैं
जी हां, शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाएं केला खा सकती हैं। केले में पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन बी6, आयरन और डायट्री फाइबर आदि होते हैं। स्तनपान के दौरान केला खाने से मां और बच्चे को कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। केला एक पौष्टिक फल है जिसमें प्रचुर मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और बायोएक्टिव यौगिक जैसे कि फेनोलिक्स, कैरोटीनोइड, बायोजेनिक एमिंस और फाइटोस्टेरोल होते हैं।
स्तनपान करवाने वाली महिलाएं क्यों लगाती हैं अपनी ब्रेस्ट पर पत्ता गोभी
-निप्पल में आई दरार से बैक्टीरिया के स्तनों के अंदर जाने पर सूजन और ब्रेस्ट टिश्यू में संक्रमण होने को मैस्टाइटिस कहते हैं। बच्चे को लंबे समय तक दूध पिलाने और दूध पिलाने के बीच में ब्रेस्ट को आराम न देने की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
मैस्टाइटिस एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जिसे आमतौर पर एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है, लेकिन दर्द और सूजन को कम करने के लिए आप पत्तागोभी भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
साफ, सूखी और ठंडी बंदगोभी की कुछ पत्तियां लें और उन्हें अपनी ब्रेस्ट पर लगाएं। इन पत्तों से आपको अपनी पूरी ब्रेस्ट को कवर करना है। अगर निप्पल पर दर्द, दरार या ब्लीडिंग है तो इसे न ढकें।
जब पत्तियां गर्म हो जाएं या 20 मिनट के बाद इन्हें हटा दें। आप चाहें तो हल्के हाथों से ब्रेस्ट को धो सकती हैं। दोबारा इस नुस्खे को करने पर इस्तेमाल की गई पत्तियों का ही प्रयोग न करें।
अगर आपने दूध पिलाना बंद कर दिया है तो दिन में तीन बार 20-20 मिनट के लिए आप इस उपाय को कर सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि इसके अधिक इस्तेमाल के कारण स्तनों में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है।
कई बार बच्चे को स्तनपान बंद करवाने के बाद भी ब्रेस्ट में दूध आता रहता है और महिलाएं स्तनों में दूध सुखाने के उपाय ढूंढने लगती हैं। आपको बता दें कि पत्ता गोभी भी ब्रेस्ट के दूध को सुखाने का कारगर उपाय है। स्तनों में दूध कम करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आप पत्ता गोभी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
मैस्टाइटिस की तरह ही दूध सुखाने के लिए आपको पत्ता गोभी का इस्तेमाल करना है। पत्ता गोभी को गर्म होने तक ब्रेस्ट पर लगाए रखें। आप अपनी मर्जी से दिन में कई बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकती हैं।
इस नुस्खे से दूध को सुखाने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। इसके साथ आप ब्रेस्ट का दूध सुखाने के लिए और भी कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमा सकती हैं।
स्टडी रिव्यू के अनुसार, एंगॉर्जमेंट से राहत पाने में पत्ता गोभी एक असरकारी नुस्खा है। इस रिव्यू में पाया गया कि पत्ता गोभीसे दर्द और ब्रेस्ट की हार्डनेस को कम किया जा सकता है और इसकी मदद से महिलाएं लंबे समय तक अपने शिशु को दूध पिला सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग में केला खाने के फायदे
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को केला खाने से कई तरह के लाभ मिलते हैं :
केले से खूब एनर्जी मिलती है और आप स्नैक के तौर पर रोज एक केला खा सकती हैं।
केले में पोटैशियम प्रचुरता में होता है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट और फ्लूइड के संतुलन को बनाए रखता है।
केला फाइबर से युक्त होता है जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती है। केले में मौजूद प्री-बायोटिक होते हैं जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं।
केले में रोजाना की जरूरत का विटामिन बी6 का पच्चीस फीसदी होता है। ये विटामिन मां और बच्चे दोनों को संक्रमणों से बचाता है।
केले में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन होता है जो सेरोटोनिन नामक हार्मोन बनाने के लिए जरूरी है। यह केमिकल मूड, नींद, व्यवहार और याददाश्त को नियंत्रित करता है जिससे डिप्रेशन का खतरा कम होता है।
केला खाने के नुकसान
स्तनपान के दौरान कुछ महिलाओं को केला खाने से मना किया जाता है क्योंकि इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। कुछ लोगों में केला खाने से खांसी और जुकाम बढ़ता है। अगर आप शिशु को दूध पिलाती हैं और आपको खांसी या जुकाम हो गया है तो केला खाने से बचें।
एलर्जी का खतरा
जिन महिलाओं को लैटेक्स से एलर्जी हो, उन्हें केला खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे उनमें इस तरह का रिएक्शन देखा जा सकता है। केले में उच्च मात्रा में फ्रक्टोज होता है जो डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर के मरीजों के लिए सही नहीं होता है। डायबिटीज या हाई बीपी से ग्रस्त स्तनपान करवाने वाली महिलाएं केले का अधिक सेवन न करें।
संबंधित स्टोरीज़
--------------------------- | --------------------------- |