गर्भ की सफाई कैसे करते हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 13:43

सफाई की जानकारी

पेट (गर्भ) में ठहरे अनचाहे बच्चे को गिराने की क्रिया को सफाई कहते है. लोग सफाई को अलग-अलग नाम से जानते है जैसे, ‘अबोरशं’, ‘डी. एन. सी.’, ‘ऍम. टी. पी.’, ‘कैंसल करना’, ‘बच्चा गिरना’, आदि।

जड़ी बूटियों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. गलत तरीके से सफाई करवाना, जान के लिए खतरनाक हो सकता है. इसीलिए, पेट (गर्भ) में तहरे अनचाहे बच्चे को गिराने की क्रिया को सफाई कहते है।

अगर कोई किशोरी या नव- विवाहित महिला असुरक्षित यौन करते है और उन्हें गर्भ ठाहरता है तो वो महिला या किशोरी सफाई करवा सकती है। इसमें शर्म की कोई बात नही है।

कोई भी महिला, अगर सफाई करवाना चाहे, तो 5 महीने या 20 हफ्ते तक के गर्भ की सफाई करवा सकती है।

भारत सरकार ने 1971 से महिलायों को गर्भपात (यानी सफाई) करने की अनुमति दी है। कानून “M.T.P. एक्ट 1971” के अनुसार कोई भी महिला 20 हफ्ते (5 महीने) तक के गर्भ की सफाई करवा सकती है। महिलाएं इन कारणों के लिए सफाई करवा सकती है।

गर्भाशय या बच्चेदानी की सफाई कैसे की जाती है - Garbhashay ki Safai Kaise Hoti Hai

डायलेशन एंड क्यूरेटेज (डी एंड सी) एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय का निचला, संकीर्ण हिस्सा) को डाएलेट (फैलाते) करते हैं ताकि गर्भाशय की परत को क्युरेट के द्वारा क्यूरेटेज (खुरच कर निकालना) किया जा सके जिससे असामान्य ऊतकों को निकाला जा सके. प्रत्येक मासिक चक्र के साथ, एंडोमेट्रियम जो गर्भाशय की लाइनिंग है, भ्रूण का पोषण करने के लिए तैयार होती है. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर इसकी इस लाइनिंग को मोटाई देने में मदद करते हैं. यदि निषेचित अंडे का आरोपण नहीं होता है, तो एंडोमेट्रियम लाइनिंग टूट जाती है. यह लाइनिंग योनि और गर्भाशय ग्रीवा से रक्त और म्यूकस के साथ मिलकर, मासिक की ब्लीडिंग के साथ निकाल दी जाती है. पोलिप, बॉडी सेल्स की असामान्य ग्रोथ को कहते हैं. जब पोलिप गर्भाशय की भीतरी दीवार से जुड़ा होता है तो, यह गर्भाशय के पॉलीव्स / यूट्रिन पोलिप या एंडोमेट्रियल पोलिप कहलाता है. यह गर्भाशय की कैविटी में लटकता है.

पोलिप कैसे हटाते हैं? - Uterine Polyps Kaise Nikalte Hai
गर्भाशय के अस्तर में कोशिकाओं के अधिक बढ़ जाने पर यह पोलिप बनते हैं. यूट्रिन पोलिप का आकार एक तिल के दाने से छोटा से लाकर गोल्फ बॉल जितना बड़ा हो सकता है. पोलिप एक बड़े आधार या पतले तने से गर्भाशय की दीवार से जुड़े रहते हैं. बड़े पोलिप को हटाने के लिए बहुत बार डीएनसी के लिए कहा जाता है. कई बार गर्भाशय से एबनार्मल ब्लीडिंग होने लगती है. ऐसा गर्भाशय के अंदर पोलिप होने से, लाइनिंग बढ़ जाने, पूरी तरह से गर्भपात नहीं होने या डिलीवरी के बाद गर्भाशय की सफाई नहीं होने से हो सकता है. स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाने पर वे पेल्विक की जांच के बाद गर्भाशय की सफाई या डी एंड सी के लिए कह सकती हैं. डायलेशन एंड क्यूरेटेज को सफाई के लिए, गर्भपात के लिए, पीरियड के असामान्य होने पर, या पूरे गर्भपात नहीं होने पर किया जाता है.

डी एंड सी इस प्रक्रिया के लिए: - Dilation and Curettage Se Kaise Garbhashay ki Safai Hoti Hai
आपको अस्पताल द्वारा दिया गया कपड़ा पहनने को दिया जायेगा. आपको मूत्राशय को खाली करने का निर्देश दिया जाएगा. आपको ऑपरेटिंग टेबल पर पोजीशन किया जाएगा. आपके बांह या हाथ में एक अंतःशिरा (IV) लाइन शुरू हो सकती है. एक मूत्र कैथेटर डाला जा सकता है. योनि की दीवारों को फैलाने के लिए गर्भाशय ग्रीवा को देखने के लिए अपनी योनि में एक स्पेकुलम नामक एक इंस्ट्रूमेंट डाला जाएगा.
सर्विक्स को एंटीसेप्टिक से साफ़ किया जाएगा. एनेस्थीसिया दिया जाएगा. टेनाकुलम नामक एक इंस्ट्रूमेंट से गर्भाशय ग्रीवा को स्थिर रखने के लिए किया जा सकता है. गर्भाशय की लंबाई निर्धारित करने के लिए गर्भाशय ग्रीवा के अंदर यूटेरिन साउंड डाला जा सकता है. सर्विक्स को पतली रोड्स से फैलया जाएगा.
क्यूरेट से गर्भाशय साफ़ किया जाएगा. प्रक्रिया के बाद कुछ दिनों तक ब्लीडिंग होना सामान्य है. डी एंड सी के बाद कुछ दिनों तक आपको ऐंठन का अनुभव हो सकता है. आपको निर्देश दिया जा सकता है कि डी एंड सी के दो से तीन सप्ताह बाद तक, आप डूश, टैम्पोन का इस्तेमाल न करें, सेक्स नहीं करें और योनि में कुछ न डालें, या जब तक ब्लीडिंग नहीं रुक जाए. 1-2 सप्ताह बाद तक क्रेम्पिंग हो सकती है. अगला पीरियड जल्दी या देर से आ सकता है. ऐंठन या पीड़ा के लिए एक दर्द निवारक के रूप में अपने चिकित्सक द्वारा सिफारिश की दवा ही लें. एस्पिरिन या कुछ अन्य दर्द नाशक दवाओं से रक्तस्राव की संभावना बढ़ सकती है.

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