गर्भ में 4 महीने के बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Mon 2nd Mar 2020 : 05:54

गर्भ में कितना होना चाहिए शिशु का वजन, कैसे बढ़ाएं गर्भस्‍थ शिशु का वजन


कई बार जन्‍म के समय शिशु का वजन कम होता है जिसके कारण उसके विकास से संबंधित कई तरह की परेशानियां आती हैं इसलिए शिशु का वजन संतुलित होना बहुत जरूरी है।

fetal weight in hindi
गर्भ में कितना होना चाहिए शिशु का वजन, कैसे बढ़ाएं गर्भस्‍थ शिशु का वजन


जन्‍म के समय शिशु का वजन होना खतरनाक हो सकता है इसलिए प्रेगनेंट महिला को अपनी डाइट और एक्‍सरसाइज की मदद से गर्भ में ही शिशु के वजन को संतुलित कर लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी में डायट, एक्‍सरसाइज और जीवनशैली में कुछ सकारात्‍मक बदलाव लाने होते हैं जिससे गर्भस्‍थ शिशु का स्‍वस्‍थ विकास हो सके। हर मां चाहती है कि उसका बच्‍चा स्‍वस्‍थ हो और गर्भ में पल रहे शिशु के स्‍वस्‍थ होने का पता उसके वजन से चलता है।

​भ्रूण का वजन कैसे पता चलता है

अधिकतर महिलाएं प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में अपना पहला अल्‍ट्रासाउंड करवाती हैं। भ्रूण के विकास को समझने के लिए रेडियोलोजिस्‍ट कई तरह के माप लेते हैं, जैसे कि फेमुर लैंथ, सिर और पेट की चौड़ाई, ओसिपिटोफ्रंटल डायमीटर, बाइपेरिटल डायमीटर और हुमरस लैंथ।

इनके आधार पर भ्रूण का वजन और गर्भावस्‍था का महीना पता चलता है। इससे डिलीवरी की डेट भी पता चलती है।
​भ्रूण का कितना होना चाहिए वजन

हफ्ते के अनुसार भ्रूण का वजन इस तरह होना चाहिए :

8वें हफ्ते में 1 ग्राम, 9 में 2 ग्राम, 10में 4 ग्राम, 11 में 4 ग्राम, 12 में 14 ग्राम, 13 में 23 ग्राम, 14 में 43 ग्राम, 15 में 70 ग्राम, 16 में 100 ग्राम, 17 में 140 ग्राम, 18 में 190 ग्राम, 19 में 240 ग्राम, 20 में 300 ग्राम, 21 में 360 ग्राम, 22 में 430 ग्राम, 23 में 501 ग्राम, 24 में 600 ग्राम, 25 में 660 ग्राम, 26 में 760 ग्राम, 27 में 875 ग्राम, 28 में 1005 ग्राम, 29 में 1153 ग्राम, 30 में 1319 ग्राम, 31 में 1502 ग्राम, 32 में 1702 ग्राम, 33 में 1918 ग्राम, 34 में 2146 ग्राम, 35 में 2383 ग्राम, 36 में 2622 ग्राम, 37 में 2859 ग्राम, 38 में 3083, 39 में 3288 और 40वें हफ्ते में 3462 ग्राम भ्रूण का वजन होना चाहिए।

​प्रेग्‍नेंसी में भ्रूण का वजन बढ़ाने के टिप्‍स

अगर अल्‍ट्रासाउंड की रिपोर्ट में आपके बच्‍चे का वजन कम आया है तो उसके स्‍वस्‍थ विकास एवं वजन के लिए आप निम्‍न तरीके अपना सकती हैं :

डायट : अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मीट और पोल्‍ट्री को शामिल करें।
सूखे मेवे : संतुलित आहार में सूखे मेवे भी आते हैं। आप बादाम, खुबानी, अंजीर, अखरोट और अन्‍य कई सूखे मेवे खा सकती हैं। हालांकि, आपको इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना है।
प्रीनैटल विटामिन : शिशु के सही विकास के लिए प्रीनैटल विटामिन दिए जाएंगे । ये विटामिन बच्‍चे का वजन बढ़ाने में भी मदद करेंगे।
पानी पिएं : प्रेग्‍नेंसी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में पानी पिएं। गर्भावस्‍था में पानी की कमी के कारण कुछ गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं आ सकती हैं। आप फल-सब्जियों का रस, दूध, छाछ या पानी पी सकती हैं।
डॉक्‍टर की मदद : अगर शिशु का वजन कम है तो डॉक्‍टर आपको कुछ और सप्‍लीमेंट लेने या डायट में बदलाव करने के लिए कहेंगे।

​गर्भस्‍थ शिशु का वजन बढ़ाने के लिए क्‍या खाएं

य‍दि आपके पेट में पल रहे बच्‍चे का वजन सामान्‍य वजन से कम है तो अपने आहार में शकरकंद, दालें, बींस, संतरे का जूस, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा, दूध, चिकन और सोयाबीन को शामिल करें। ये सभी खाद्य पदार्थ शिशु का वजन बढ़ाने में मदद करने वाले पोषक तत्‍वों से युक्‍त होते हैं।

​​इन बातों का रखें ध्‍यान

प्रेग्‍नेंसी में शिशु का वजन बढ़ाने और सही विकास के लिए आपको कुछ एहतियात बरतना भी जरूरी है, जैसे कि :

शराब और सिगरेट: गर्भावस्‍था में शराब और सिगरेट बिल्‍कुल न लें। इसका बुरा असर शिशु पर पड़ सकता है और कोई गंभीर समस्‍या पैदा हो सकती है।
कैफीन का सेवन : अधिक मात्रा में कॉफी, चाय लेने से भ्रूण के स्‍वास्‍थ्‍य पर नकारात्‍मक असर पड़ सकता है।
तली हुई चीजें : रोज तली हुई, मीठी या वसायुक्‍त चीजें खाने से मोटापा हो सकता है जिससे कोलेस्‍ट्रोल और प्रेग्‍नेंसी में हाई बीपी का खतरा बढ़ जाता है। बेहतर होगा कि आप इन चीजों का सेवन न करें।

गर्भावस्‍था में गर्भस्‍थ शिशु का विकास हो रहा है या नहीं, इस बात का पता उसके वजन से लगाया जा सकता है। वहीं, अगर भ्रूण का वजन कम हो तो इसके कारण प्रेग्‍नेंसी में दिक्‍कतें आ सकती हैं या भ्रूण को भी कोई नुकसान पहुंच सकता है।

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