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गर्भनिरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल करना सही है क्या?
हम सेक्स को नेचुरल तरीके से भी एंजॉय करना चाहते हैं। मैंने कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के बारे में सुना है। क्या इसका इस्तेमाल करना सही है? कृपया जानकारी दें।
सवाल: मैं एक 25 वर्षीय कामकाजी युवती हूं। बॉयफ्रेंड के साथ रिलेशन बनाने के दौरान वह कंडोम का प्रयोग करता है। क्योंकि मुझे गोलियां (Pills) सूट नहीं करतीं। हम सेक्स को नेचुरल तरीके से भी एंजॉय करना चाहते हैं। मैंने कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के बारे में सुना है। क्या इसका इस्तेमाल करना सही है? कृपया जानकारी दें।
जवाब : इस उम्र में सेक्स एन्जॉय करना नेचुरल है, लेकिन अपने शरीर के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। यह अच्छी बात है कि अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए आपके साथी कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। सभी महिलाओं का शरीर इमरजेंसी पिल्स और इंजेक्शन के साथ अलग-अलग रिएक्शन करता है। यह देखना है कि आपका शरीर किसके साथ कैसा रिएक्ट करता है।
क्या है कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन?
महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए हर तीन महीने में कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस गर्भनिरोधक इंजेक्शन का नाम DMPA इंजेक्शन है। DMPA का अर्थ है डिपो मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रॉन एसीटेट। इस इंजेक्शन में हॉर्मोन प्रोजेस्ट्रॉन का इस्तेमाल किया जाता है। कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन लगाने के बाद इसका असर महिला के शरीर में बनने वाले अंडाणु पर पड़ता है, जो बच्चेदानी के मुंह पर एक दीवार बना देता है, जिससे महिला के शरीर में शुक्राणु का प्रवेश मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण महिला गर्भवती नहीं हो पाती।
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कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के फ़ायदे
कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के इस्तेमाल के अपने फ़ायदे हैं। जो लोग गर्भनिरोधक के इस्तेमाल को प्राइवेट रखना चाहते हैं, उन्हें यह तरीका ज़्यादा बेहतर लगता है। इसे गोली की तरह हर ऱोज लेने का झंझट नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन लगाने के बाद महिलाओं में गर्भ धारण करने की संभावना न के बराबर होती है। तीन महीने पूरे होने के चार हफ्ते बाद तक इसे दोबारा लगाया जा सकता है। बीच में गर्भधारण का ख़तरा भी नहीं होता। हालांकि इंजेक्शन के इस्तेमाल के बाद कुछ महिलाओं में पीरियड के दौरान ब्लीडिंग बहुत कम हो जाती है। लेकिन डॉक्टर इसे अच्छा मानते हैं, क्योंकि इससे महिलाओं में एनीमिया का ख़तरा कम हो जाता है। इसके अलावा बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी इसका इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है, क्योंकि इसमें प्रोजेस्ट्रॉन होता है।
कब से शुरू हुआ कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन का इस्तेमाल
दुनिया के दूसरे देशों में कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है। भारत में भी 90 के दशक में इसके इस्तेमाल की इज़ाजत मिल गई थी। फिर भी भारत सरकार द्वारा परिवार नियोजन के लिए दिए जाने वाले किट में इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा था। कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन की सफलता की दर 99.7 प्रतिशत है, यह रिपोर्ट मिलने के बाद ही केन्द्र सरकार द्वारा परिवार नियोजन के लिए मुफ्त में दिए जाने वाले गर्भनिरोधक किट में कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन को रखा गया है।
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कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स
कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन (गर्भनिरोधक इंजेक्शन) के साइड इफेक्ट्स में पीरियड का अनियमित होना, वजन का बढ़ना, हड्डियों का कमजोर होना और फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। इन दिनों काफी कम साइड इफेक्ट वाली पिल्स मार्केट में मौजूद हैं। आप किसी गायनोकोलॉजिस्ट से सलाह लें। वे आपको आपकी जांच करने के बाद अच्छी पिल्स दे सकती हैं।
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