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गर्भनिरोधक गोली अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने के लिए महिलाओं द्वारा ली जाती है। इसके अलग-अलग प्रकार होते हैं - एक को नियमित रूप से मासिक अनुसूची में लिया जाता है, कर दूसरी प्रकार की गोली को गर्भ से बचने के उद्देश्य से सेक्स के तुरंत बाद उपयोग किया जाता है।
सेक्स के बाद ली जाने वाली गोलियों को आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां कहा जाता है। इसके भी दो उपप्रकार हैं - एक को सेक्स के 24 घंटों के भीतर लेना होता है और दूसरी को 72 घंटों के भीतर।
गर्भनिरोधक गोलियां जो एक मासिक चक्र पर ली जाती हैं, उसके भी दो उपप्रकार हैं - कंबाइंड गोली और मिनी गोली। ये दोनों गोलियां में अलग-अलग दवा होती हैं। ये गोलियां ओवुलेशन साइकिल में हस्तक्षेप करके कार्य करती हैं।
सभी प्रकार की गोलियां जन्म नियंत्रण में प्रभावी होती हैं लेकिन उनके अपने फायदे, जोखिम और दुष्प्रभाव होते हैं। यही कारण है कि उन्हें आपके चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं लिया जाना चाहिए। इन गोलियों का उपयोग करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें निर्दिष्ट समय पर लें और एक खुराक भी लेने से न चूकें क्योंकि इससे इनका असर कम हो जाता है। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी रोकने के तरीके)
आइए इस लेख में इन गर्भनिरोधक गोलियों के काम करने के तरीके, लाभ, खुराक, जोखिम, उपयोग और नुकसान के बारे में अधिक चर्चा करें।
गर्भनिरोधक गोलियां अनचाहे गर्भ को रोकने का प्रभावी तरीका हैं। वे महिला हार्मोन के कृत्रिम संयोजन होते हैं, अनिवार्य रूप से मौखिक मार्ग द्वारा खपत होते हैं। गर्भनिरोधक गोलियां निषेचन की प्रक्रिया को रोककर कार्य करती हैं।
तीन तरह की गर्भनिरोधक गोलियों होती हैं, और यह सब एक दूसरे से भिन्न होती हैं -
कंबाइंड गर्भनिरोधक गोली
कंबाइंड गोली में कृत्रिम प्रोजेस्टेरोन और कृत्रिम एस्ट्रोजन होते हैं, जो प्राथमिक महिला हार्मोन हैं। जब सही तरीके से उपयोग किया जाता है, तो गोली लगभग 99% प्रभावी होती है और इसके हलके दुष्प्रभाव ही होते हैं। (और पढ़ें - प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के लक्षण)
मिनी गर्भनिरोधक गोली
मिनी गोली में केवल प्रोजेस्टेरोन होता है, यानी कंबाइंड गोली की तरह इनमें एस्ट्रोजन नहीं होता। इसलिए इन्हें "प्रोजेस्टेरोन-ओनली गोलियां" भी कहा जाता है। इनका इस्तेमाल जन्म नियंत्रण का एक सामान्य तरीका है और यह कंबाइंड गोलियों की तरह ही काम करती हैं। (और पढ़ें - एस्ट्रोजन बढ़ने के लक्षण)
आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली
आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली, जिसे "अगली सुबह की गोली" भी कहा जाता है, को सेक्स के तुरंत बाद प्रेगनेंसी रोकने के लिए लिया जाता है। ये एकमात्र प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां हैं जो सेक्स करने के बाद प्रेगनेंसी होने को रोक सकती हैं। इन गोलियों को असुरक्षित यौन संबंध के बाद 3 या 5 दिनों के भीतर लेना होता है। यह माना जाता है कि जितनी जल्दी आप इन्हे लेंगे, गोली उतनी ही प्रभावी होगी।
गर्भनिरोधक गोलियों के प्रकार और नाम -
गर्भनिरोधक गोलियों के तीन प्रकार और बाज़ार में मिलने वाले उनके ब्रांड के नाम हैं -
कंबाइंड गोली के प्रकार और ब्रांड
कंबाइंड गर्भनिरोधक गोली के तीन प्रकार होते हैं। तीनो में एक ही हार्मोनल संयोजन होता है, हालांकि हार्मोन की मात्रा अलग अलग होती है जिसके आधार पर इसके विभिन्न प्रकार के होते हैं -
मोनोफैसिक 21-दिन की गोलियाँ - इस प्रकार में सभी गोलियों में समान मात्रा में हार्मोन होता है। 21 दिनों तक ली जाती है और फिर 7 दिनों तक नहीं। यह सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली गोली है।
फासिक 21-दिन की गोलियाँ - इस प्रकार में अलग-अलग रंग की गोलियों के 2 से 3 खंड होते हैं, जिनमें रंग के अनुसार हार्मोन की मात्रा भिन्न होती है। इन्हें भी उस ही तरीके से लिया जाता है लेकिन उचित क्रम में लेना ज़रूरी होता है।
दैनिक गोली - जैसा कि नाम से पता चलता है, इसे रोज़ लेना होता है। इसके एक पैकेट में 28 गोलियां होती हैं, जिनमें से 21 सक्रिय गोलियां होती हैं और 7 निष्क्रिय।
Femfolin इसका एक आम ब्रांड हैं। भारत में इस तरह की गोली को ज़्यादातर सिर्फ उन महिलाओं को सुझाया जाता है जो ब्रैस्टफीडिंग करा रही होती हैं क्योंकि इन महिलाओं को एस्ट्रोजन नहीं दिया जा सकता।
आपातकालीन गोली के प्रकार और ब्रांड
दो प्रकार की आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां होती हैं -
लेवोनोरजेस्ट्रेल - इस गोली को संभोग के पहले 3 दिनों के भीतर लेना होता है। इसके पॉपुलर ब्रांड हैं Unwanted 72 और i-Pill.
यूलिप्रिस्टल एसीटेट - इसे सेक्स के 5 दिनों के भीतर लेना होता है। भारत में डॉक्टर प्रेगनेंसी रोकने के लिए इसको इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देते हैं। इसका उपयोग फाइब्रॉएड के इलाज के लिए किया जाता है।
गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने का तरीका खुराक -
तीनो तरह की गर्भनिरोधक गोलियों को लेने का तरीका और खुराक अलग होती है। यह निमंलिखित है -
कंबाइंड गर्भनिरोधक गोलियां कैसे प्रयोग करें और कितनी लेनी होती है
कंबाइंड गर्भनिरोधक गोलियां आमतौर पर 21 गोलियों के एक पैकेट में आती हैं, जो 21 दिनों के लिए प्रत्येक दिन लेनी होती है। फिर 7 दिनों के लिए गोली लेना बंद करना होता है। इस दौरान आपको ब्लीडिंग होगी। 7 दिनों के बाद, एक नए पैक के साथ गोली लेना फिर शुरू करना होता है। इस ही तरह चक्र जारी रहता है। हर गोली को लेना आवश्यक होता है, और हो सके तो रोज़ एक निर्धारित समय। खुराक मिस हो जाए तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें कि क्या करना है।
यदि आपको डॉ ने दैनिक गोली लेने को कहा है तो आपको बिना नागा रोज़ गोली लेनी है। 28 गोलियों के पैक में 21 सक्रीय गोलियां और 7 निष्क्रिय गोलियां होती हैं, जिस दौरान आपको ब्लीडिंग होगी। अगला पैकेट पहला समाप्त होने के तुरंत बाद शुरू करना होता है। (और पढ़ें - गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से बढ़ सकता है मानसिक रोग का जोखिम)
मिनी गोली की खुराक कैसे प्रयोग करें और कितनी लेनी होती है
मिनी गोलियां 28-दिन के पैक में आती हैं और महीने के प्रत्येक दिन ली जाती हैं। आपको प्रत्येक दिन एक निर्धारित समय पर या ज़्यादा से ज़्यादा उसके 3 घंटे के आस-पास एक गोली लेने होती है। कंबाइंड गोलियों के विपरीत, इसमें सभी 28 गोलियां सक्रिय होती हैं। यानी कोई "दवा-मुक्त" सप्ताह नहीं होता है और एक पैक समाप्त होते ही अगला शुरू करना होता है। चौथे सप्ताह के दौरान आपको अपना रक्तस्राव हो सकता है।
आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों कैसे प्रयोग करें और कितनी लेनी होती है
असुरक्षित यौन संबंध के तुरंत बाद आपको एक आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली लेना आवश्यक है। यदि आप लेवोनोर्गेस्ट्रेल के लिए 3 दिनों के ब्रैकेट से चूक गए हैं, तो यूलिप्रिस्टल को अगले 2 दिनों के भीतर लिया जा सकता है। 5 दिनों के बाद आपातकालीन गर्भनिरोधक काम नहीं करेगा और आप गोली का उपयोग करने के बावजूद गर्भवती हो सकती हैं। आप संभोग से पहले एक आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली भी ले सकते हैं, जब आपको लगता है कि गर्भनिरोधक की आपकी सामान्य विधि विफल हो रही है या यदि आप छुट्टी पर जा रहे हैं और गोली गायब होने की संभावना है।
कंबाइंड गर्भनिरोधक गोलियां लेना कब शुरू करें
इन गोलियों की शुरुआती खुराक आपके मासिक धर्म चक्र के अनुसार की जाती है। डॉ आपको शुरुआती दिनों में अन्य गर्भनिरोधक लेने को कह सकते हैं।
आमतौर पर, यदि आप अपने मासिक चक्र के पहले दिन से इन गोलियों को लेना शुरू करती हैं, तो यह प्रभावी रूप से काम करती हैं, और अतिरिक्त गर्भनिरोधक की कोई आवश्यकता नहीं होती।
यदि आप अपने चक्र के दौरान गोली लेना शुरू करती हैं तो आपको कोई अन्य गर्भनिरोधक की आवश्यकता होगी, जैसे कि कंडोम। गोली लेने के 7 दिनों के बाद उसका असर शुरू हो जाता है और आप अन्य गर्भनिरोधक को बंद कर सकती हैं।
मिनी गोली कब शुरू करें
प्रोजेस्टेरोन-ओनली गोलियां मासिक चक्र के दौरान किसी भी समय शुरू की जा सकती हैं। दवा शुरू करने के 48 घंटे के भीतर इनका प्रभाव शुरू हो जाता है। यदि आप दवा लेने के 48 घंटे के भीतर सेक्स करती हैं, तो कंडोम का उपयोग अवश्य करें।
आपातकालीन गोलियां कब लें
इन गोलियों को असुरक्षित सेक्स करने के तुरंत बाद जल्द से जल्द लेना होता है। 3 दिन वाली गोली को 3 दिन के भीतर लेना होता है और 5 दिन वाली गोली को 5 दिन के भीतर।
कंबाइंड गोलियों के लाभ
सही ढंग से उपयोग किए जाने पर कंबाइंड गोली 99% प्रभावी होती हैं।
गोलियां गर्भ रोकने का गैर-दर्दनाक तरीका है।
इनका असर तब तक ही रहता है जब तक आप इन्हे ले रही हैं। अगर आप प्रेगनेंसी चाहें तो गोलियां लेना बंद कर सकती हैं। इनसे आपकी प्रजनन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
गोलियां आसानी से घर पर ली जा सकती हैं और बार-बार क्लिनिक जाने की आवश्यकता नहीं होती है।
गोलियां आपकी सेक्स लाइफ में बाधा नहीं डालती हैं।
गोलियाँ लेना मासिक चक्र को भी नियमित करता है क्योंकि आपके पीरियड्स उन 7 दिनों के दौरान ही होते हैं जब आप गोली नहीं ले रही होती हैं (या निष्क्रिय गोली ले रही होती हैं)। (
इनको लेने से पीरियड्स से संबंधित विकारों को ठीक करने में मदद मिल सकती है जैसे कि फाइब्रॉएड, ओवरी में सिस्ट और पीसीओएस।
मिनी गोली के लाभ
इसके लाभ कंबाइंड गोली के समान हैं। भारत में, यह विशेष रूप से नयी माताओं के लिए उपयोग की जाती है जो स्तनपान करा रही होती हैं क्योंकि उन्हें एस्ट्रोजेन नहीं दिया जा सकता है। (और पढ़ें - गर्भनिरोधक गोलियों से मिलती है कैंसर से सुरक्षा: वैज्ञानिक)
आपातकालीन गोलियों के लाभ
यह एकमात्र तरीका है जो तत्काल जन्म नियंत्रण प्रदान करता है और असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद आपको अनचाहे गर्भ से बचाता है।
अगर आप अन्य गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं तो यह उनके कार्य को प्रभावित नहीं करती हैं।
यह कंडोम जैसे "बैरियर गर्भनिरोधक" के फेल होने के मामले में उपयोगी विकल्प हैं।
यह गर्भपात या आपकी प्रजनन क्षमता या सेक्सुअल एक्टिविटी को प्रभावित नहीं करती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट -
निश्चित की गार्भिरोधक गोलियों के कई फायदे हैं। इन्हे डॉक्टर की सलाह से ठीक से लिया जाए तो गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट बहुत कम होते हैं। लेकिन कुछ हलके दुष्प्रभाव अवश्य ही मुमकिन जिनके बारे में यहाँ बताया गया है -
कंबाइंड गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट
शुरुआती दिनों में सिरदर्द, मतली, स्तन कोमलता और मूड स्विंग हो सकते हैं।
शुरुआती महीनों में स्पॉटिंग और पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग आम साइड इफेक्ट हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों के लंबे समय तक उपयोग से स्तन कैंसर और थ्रोम्बोसिस होने का जोखिम बढ़ सकता है।
इनको लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। (और पढ़ें - ब्लड प्रेशर बढ़ने के लक्षण)
अंत में, यह गोलियाँ एसटीडी के खिलाफ बिलकुल भी सुरक्षा प्रदान नहीं करती हैं। (और पढ़ें - हाई बीपी के घरेलू उपाय)
मिनी गोली के साइड इफेक्ट्स
इस गोली के साइड इफेक्ट कंबाइंड गोली के जैसे ही होते हैं लेकिन कुछ महिलाओं को मिनी गोली के उपयोग से पीरियड्स में काफी बदलाव का अनुभव हो सकता है। पूरे महीने के दौरान हलकी स्पॉटिंग या कभी-कभी पीरियड न आना भी इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। (और पढ़ें - अनियमित पीरियड्स का कारण)
आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव
आपातकालीन गोली का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है, लेकिन निम्नलिखित का अनुभव हो सकता है -
सिरदर्द
पेट दर्द
बीमार होने जैसा महसूस होना
अगले पीरियड में बदलाव हो सकता है। आपके पीरियड हल्के या भारी हो सकते हैं या आपको सामान्य से अधिक दर्द या बेचैनी का अनुभव हो सकता है।
दुर्लभ मामलों में, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली का उपयोग अस्थानिक गर्भावस्था का कारण बन सकता है।
आपातकालीन गोली सिर्फ कुछ समय के लिए ही प्रभावी होती हैं। यदि आप गोली लेने के कुछ दिनों बाद असुरक्षित संभोग करते हैं, तो यह प्रभावी नहीं होंगी और आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप इसके उपयोग के बाद गर्भनिरोधक की अपनी सामान्य विधि जारी रखें।
यदि आप गोली लेने के बाद बहुत बीमार महसूस करती हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने चिकित्सक से बात करें क्योंकि यह गंभीर दुष्प्रभाव की ओर इशारा कर सकता है। पेट के निचले हिस्से में गंभीर दर्द एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है।
यदि गोली लेने के 2 से 3 घंटे बाद मतली या उल्टी होती है तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से जांच कराएं क्योंकि आपको दूसरी गोली लेने की आवश्यकता होगी।
गर्भनिरोधक गोलियों के इतने विकल्प होने की वजह से बेहतर होगा कि आपके लिए सही विकल्प चुनना कठिन हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि वह सारी बातों को मद्देनज़र रखते हुए आपको सही विकल्प चुनने में मदद कर सकेंगी।
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