गर्भपात के बाद आप कितनी जल्दी ओव्यूलेट करती हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st Oct 2022 : 16:14

ओव्यूलेशन महीने का वह समय होता है जब आपके गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना होती है (गर्भवती होने की सबसे अधिक सम्भावना)। हालांकि, कुछ लोगों का मासिक धर्म चक्र स्वाभाविक रूप से छोटा होता है, और वे 8 दिन की शुरुआत में ही ओव्यूलेट कर सकते हैं। इसका मतलब है कि गर्भपात होने के 8 दिनों के भीतर गर्भवती होना संभव है।

अगर आपका पिछला गर्भपात (एबॉर्शन) बिना किसी जटिलता के हुआ है, तो उसका आपके दोबारा गर्भवती होने की संभावनाओं पर असर पड़ना मुमकिन नहीं है।

जिन महिलाओं को ऑपरेशन के जरिये या दवाई लेकर गर्भपात करवाना पड़ा हो, उनमें से अधिकांश महिलाएं बाद में बिना किसी समस्या के गर्भवती हो जाती हैं और स्वास्थ शिशु को जन्म देती हैं।

अगर, आप पहले गर्भाधान कर चुकी हैं, तो यह स्पष्ट है कि आप डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) करती हैं और गर्भवती हो सकती हैं। इसलिए, यदि आपको गर्भवती होने में उम्मीद से अधिक समय लग रहा हो, तो भी चिंता न करें। इस देरी की वजह आपका पिछला गर्भपात नहीं हो सकता।

हालांकि, कभी-कभार, अगर गर्भपात सामान्य तरीके से न हुआ हो, तो यह आपकी जननक्षमता (फर्टिलिटी) को प्रभावित कर सकता है। वैसे, ऐसा बहुत कम ही होता है।

हमारे देश में काफी अधिक असुरक्षित गर्भपात होते हैं, जो कि महिलाओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर देते हैं। अवैध तरीके से, अप्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में गर्भपात कराना भविष्य में जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है।

अपूर्ण गर्भपात (गर्भाधान के कुछ अवशेष अंदर रह जाना) से संक्रमण और अंदरुनी क्षति का खतरा बढ़ सकता है। कुछ दुर्लभ मामलों में गर्भाशय को साफ करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी एंड सी) की प्रक्रिया से भी नुकसान हो सकता है।

इस प्रक्रिया के बाद यदि श्रोणि प्रदाहक रोग (पेल्विक इन्फलेमेटरी डिजीज-पीआईडी) जैसा संक्रमण हो जाए, तो यह परेशानी का सबब बन सकता है। अगर, इसका जल्द उपचार न किया जाए, तो पी.आई.डी. डिंबवाही नलिकाओं (फैलोपियन ट्यूब्स) में और इसके आसपास अवरोध का कारण बन सकता है। इसकी वजह से डिंब का गर्भ तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है। साथ ही, अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेगनेंसी) का भी जोखिम बढ़ जाता है।

इसके अलावा ग्रीवा के सबसे ऊपर (गर्भाशय के मुख पर) या गर्भाशय के अंदर घाव भी हो सकता है।

अगर, डी एंड सी प्रक्रिया के बाद आपकी माहवारी न आए या फिर केवल हल्का स्त्राव हो, तो यह अंदरुनी घाव का संकेत हो सकता है। अगर, आप इसे लेकर चिंतित हों, तो अपनी डॉक्टर से बात करें। वह आपको हिस्टेरोस्कॉपी करवाने की सलाह दे सकती हैं।

इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपकी ग्रीवा के जरिये आपके गर्भाशय में एक छोटा सा कैमरा डालती हैं, ताकि घाव का पता लगाया जा सके। कई बार डॉक्टर उसी समय स्कार टिश्यू को ठीक कर देते हैं।

अगर, आपके साथ यह स्थिति न भी हो, तो भी आपको पता होना चाहिए कि ग्रीवा के विस्तारण की कोई भी प्रक्रिया (बहुत से गर्भपातों में जरुरी कदम), इसे कमजोर बना देती है। इसलिए, यदि आपका एक से अधिक बार गर्भपात हुआ है और आप बाद में दोबारा गर्भवती हो जाती हैं, तो आपको ग्रीवा की कमजोरी (सर्वाइकल वीकनेस) महसूस हो सकती है। कमजोर ग्रीवा समय से पहले ही विस्तारित होना शुरु हो सकती है। इसे कई बार टांके लगाकर (सरक्लाज़) ठीक किया जाता है, ताकि ग्रीवा बंद रहे।

इसके बावजूद भी ऐसा होना शायद ही संभव है कि आपके गर्भाशय को इससे नुकसान पहुंचे। नियमित रूप से असुरक्षित संभोग करने वाले अधिकांश दंपत्ति एक साल के भीतर गर्भधारण कर देते हैं। अगर, आप भी एक साल से गर्भाधान के प्रयास कर रहे हैं (छह माह से, अगर आपकी उम्र 35 साल से अधिक है), मगर अभी तक सफलता नहीं मिली है, तो अपनी डॉक्टर से मिलें।

आपकी डॉक्टर आपके सवालों का जवाब दे सकेंगी, कुछ शुरुआती जांचें करवाएंगी और अगर जरुरी हुआ, तो आपको प्रजनन विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह भी दे सकेंगी।

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