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गर्भवती महिला को कभी भी निर्जला व्रत नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है. ऐसा नहीं करने से आपके साथ आपके बच्चे की सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है. मल्टी विटामिंस लेती रहें.
गर्भावस्था का समय बहुत नाजुक होता है। इस दौरान महिलाओं का वजन बढ़ जाता है तो वहीं दूसरी ओर उनके शरीर में कई तरह के बदलाव भी आते हैं। गर्भ में शिशु होने के कारण पेट का वजन भी बढ़ जाता है जिसकी वजह से महिलाओं को कुशलता से काम करने में भी दिक्कत आती है। ऐसे में घर के काम करने तो जरूरी होते हैं लेकिन प्रेगनेंट महिलाओं को इस नाजुक समय में घर के कुछ कामों से बिलकुल दूरी बना लेनी चाहिए।
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रेग्नेंसी में घर के कौन-से काम नहीं करने चाहिए और किन घरेलू कामों को गर्भवती महिलाएं आसानी से कर सकती हैं।
क्या प्रेग्नेंसी में घरेलू काम करना सुरक्षित है
इस मामले में आपको थोड़ा संतुलन बनाकर चलना पड़ेगा। प्रेग्नेंसी में ज्यादा तनाव वाले काम करने से बचें। कठिन काम करने से थकान तो जल्दी होगी ही साथ ही ये आपके स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं रहेगा। वहीं अगर आप कुछ भी काम नहीं करती हैं या गतिहीन जीवनशैली अपना लेती हैं तो इसका दुष्प्रभाव आपकी प्रेग्नेंसी पर पड़ सकता है। इसलिए आपको घर के ऐसे काम करने चाहिए जो आपके लिए सुरक्षित हों।
प्रेग्नेंसी में धूप में जाने से बच्चे को हो सकते हैं ये नुकसान
- शरीर में विटामिन डी की पूर्ति के लिए धूप लेना जरूरी होता है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं के लिए भी धूप जरूरी होती है और इससे भ्रण की हड्डियों को बनने में मदद मिलती है। ये मां और बच्चे की इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है।
वहीं दूसरी ओर प्रेग्नेंसी में हार्मोनल स्तर भी असंतुलित हो जाता है जिस वजह से त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में प्रेगनेंट महिलाओं को बहुत ज्यादा देर तक धूप में नहीं रहना चाहिए।
गर्भावस्था में धूप के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है और इसका खतरा आप पर और आपके शिशु को हो सकता है।
स्किन कैंसर : यदि प्रेगनेंट महिलाए लंबे समय तक सूर्य की किरणों के संपर्क में रहती है उसे स्किन कैंसर हो सकता है।मेलाजमा : इसमें त्वचा का रंग बदल जाता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के कारण मेलानिन का उत्पादन अधिक होता है। इसमें अगर आप धूप में जाते हैं जो त्वचा का रंग और आसानी से खराक होने लगता है।डिहाइड्रेशन : धूप लेने पर अगर पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थों का सेवन न किया जाए तो इसकी वजह डिहाइड्रेशन हो सकती है। इसकी वजह से हार्ट रेट बढ़ सकती है और भ्रूण तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है।फोलिक एसिड का टूटना : कुछ अध्ययनों में ये बात सामने आई है कि बहुत ज्यादा धूप में रहने से फोलेट के स्तर में कमी आ सकती है। ऐसा होने पर मिसकैरेज या शिशु में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट हो सकता है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में फोलिक एसिड बहुत जरूरी होता है इसलिए गर्भावस्था में धूप में कम जाने की सलाह दी जाती है।
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सनबर्न और त्वचा को धूप से पहुंचने वाले नुकसान से बचने के लिए सनस्क्रीन बेहतर विकल्प है और गर्भवती महिलाएं भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन इससे पहले ये जान लें कि आपको किस तरह का सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
सनस्क्रीन दो तरह के होते हैं - फिजीकल ब्लॉकर्स और केमिकल ब्लॉकर्स। फिजीकल ब्लॉकर्स में टाइटेनियम डाइऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड होता है जो मिलकर त्वचा को यूवी किरणों से बचाते हैं। इसलिए फिजीकल ब्लॉकर्स लगाना सुरक्षित है।
वहीं दूसरी ओर केमिकल ब्लॉकर्स प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए सही नहीं होते हैं। इनमें यूवी किरणों को सोख लेने वाले तत्व होते हैं। इनमें से एक है ऑक्सीबेंजोन जो कि आमतौर पर केमिकल ब्लॉकर्स में पाया जाता है। ऑक्सीबेंजोन त्वचा के अंदर जाकर स्किन एलर्जी और हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है। इससे जन्म के समय शिशु का वजन भी कम हो सकता है।
गर्भावस्था में थोड़ी-बहुत धूप लेना तो जरूरी है लेकिन इसके साथ ही आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ेंगीं।हल्के रंग के और ढीले कपड़े पहनें। अपने साथ छतरी, चश्मा और कैप जरूर रखें।धूप में बैठने पर अपने साथ पानी, जूस और एनर्जी ड्रिंक रखना जरूरी है।विटामिन डी की पूर्ति के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच में हाथ और पैरों पर केवल 10 मिनट की धूप लेनी चाहिए। आप अपना विटामिन डी का टेस्ट करवा कर रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर से भी पूछ सकती हैं कि आपको कितनी धूप लेनी चाहिए। अगर आपने सनस्क्रीन नहीं लगाया है तो 20 मिनट से अधिक देर तक धूप में न बैठें।
अध्ययनों में सामने आया है कि शाम या सुबह के समय धूप लेने से ज्यादा बेहतर दोपहर की धूप होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे शरीर को ज्यादा से ज्यादा विटािमिन डी मिलता है मैलिगनेंट मेलानोमा का खतरा कम रहता है।
गर्भावस्था में कर सकती हैं घर के ये काम
प्रेग्नेंसी में बड़ी आसानी से सब्जियां को काटने और साफ करने का काम किया जा सकता है। कई महिलाएं खड़े होकर सब्जियां काटती हैं जबकि प्रेग्नेंसी में ऐसा करना है। आपको बैठकर ये काम करना चाहिए।
आप लंबे हैंडल वाली झाडू और पोछे का इस्तेमाल कर घर की सफाई भी कर सकती हैं। झाडू या पोछा लगाने के लिए ज्यादा झुकने की जरूरत नहीं है। अगर इस काम को करने में आपको दिक्कत हो रही है तो तुरंत छोड़ दें।
गर्भवती महिलाएं बाथरूम की सफाई भी कर सकती हैं। इसमें ईको फ्रेंडली क्लीनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। प्रेग्नेंसी में सफेद सिरका, नींबू का रस और बेकिंग सोड़ा का इस्तेमाल सुरक्षित होता है।
आप घर पर बर्तन धोने का काम भी कर सकती हैं लेकिन 15 से 20 मिनट से ज्यादा समय तक खड़ी न रहें।
प्रेग्नेंसी में धूप में जाने से बच्चे को हो सकते हैं ये नुकसान
शरीर में विटामिन डी की पूर्ति के लिए धूप लेना जरूरी होता है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं के लिए भी धूप जरूरी होती है और इससे भ्रण की हड्डियों को बनने में मदद मिलती है। ये मां और बच्चे की इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है।
वहीं दूसरी ओर प्रेग्नेंसी में हार्मोनल स्तर भी असंतुलित हो जाता है जिस वजह से त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में प्रेगनेंट महिलाओं को बहुत ज्यादा देर तक धूप में नहीं रहना चाहिए।
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