गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की गोलियां कब लेना बंद करें?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

गर्भवती महिला के शरीर से ही उसके गर्भस्‍थ शिशु को पोषण मिलता है। अन्‍य पोषक तत्‍वों की तरह कैल्शियम भी प्रेग्‍नेंसी में मां और बच्‍चे दोनों के लिए जरूरी होता है।

गर्भावस्‍था में कैल्शियम प्रमुख खनिज पदार्थ होता है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में मदद मिलती है। उम्र के हिसाब से शरीर में पर्याप्‍त कैल्शियम न होने या बहुत ज्‍यादा या कम मात्रा में कैल्शियम होने की वजह से प्रेग्‍नेंसी में जटिलताएं सामने आ सकती हैं।

अगर आप भी प्रेगनेंट हैं या कंसीव करने की सोच रही हैं तो पहले ही जान लें कि प्रेग्‍नेंसी में कितनी मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है और आपके एवं शिशु के लिए ये क्‍यों जरूरी होता है।

गर्भावस्‍था में क्‍यों जरूरी है कैल्शियम
कैल्शियम गर्भ में पल रहे शिशु के विकसित हो रहे दांतों और हड्डियों को मजबूती देता है एवं मांसपेशियों, दिल और नसों के विकास को भी बढ़ावा देता है। अगर आप प्रेग्‍नेंसी में अपनी डायट से पर्याप्‍त कैल्शियम नहीं लेती हैं तो शरीर में पहले से जमा कैल्शियम बच्‍चे को मिलने लगता है। प्रेग्‍नेंसी की तीसरी तिमाही में खासतौर पर मां और बच्‍चे को कैल्शियम च‍ाहिए होता है क्‍योंकि इस समय शिशु की हड्डियों का विकास अपने चरम पर होता है।

वहीं अगर आप गर्भावस्‍था के दौरान पर्याप्‍त कैल्शियम नहीं लेती हैं तो आपमें कमजोर हड्डियों से संबंधित रोग यानी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा काफी बढ़ जाता है। प्रेग्‍नेंसी और स्‍तनपान की वजह से कई महिलाओं की हड्डियों का घनत्‍व भी कम हो जाता है।

गर्भावस्‍था में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया को कंट्रोल

- आयरन डेफिशियंसी एनीमिया एक मेडिकल स्थिति है जो कि शरीर में आयरन का स्‍तर घटने की वजह से होती है। जब शरीर पर्याप्‍त मात्रा में लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण नहीं कर पाता है, तब एनी‍मिया की स्थिति उत्‍पन्‍न होती है। यदि लाल रक्‍त कोशिकाएं ठीक तरह से कार्य न कर पाएं, तो भी एनीमिया हो सकता है।

आयरन का स्‍तर कम होने पर आपको नीचे बताए गए लक्षण दिख सकते हैं :
थकानहाथ-पैर ठंडे होनाचक्‍कर आनासीने में दर्दनाखूनों का पीला पड़नादिल की धड़कन अनियमित होनासिरदर्दशरीर का तापमान कम होनासांस फूलना

यदि आपका शरीर बाकी हिस्‍सों तक ऑक्‍सीजन पहुंचाने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में हीमोग्‍लोबिन नहीं बना पा रहा है तो आपको ऊपर बताए गए एक या उससे ज्‍यादा लक्षण दिख सकते हैं।

आमतौर पर कम मात्रा में आयरन के सेवन से आयरन डेफिशियंसी एनीमिया होता है। यदि आप आयरनयुक्‍त आहार या सप्‍लीमेंट नहीं लेते हैं या खून बहने या सिलिएक या क्रोन डिजीज के कारण ऐसा हो सकता है। इन स्थितियों में शरीर को भोजन से आयरन को अवशोषित करने में दिक्‍कत होती है।

इसके अलावा आयरन डेफिशियंसी एनीमिया पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को प्रभावित करता है और गर्भधारण करने या गर्भवती महिलाओं को इसका खतरा ज्‍यादा रहता है। गर्भावस्‍था में सामान्‍य विकास के लिए अत्‍यधिक आयरन की जरूरत होती है, खासतौर पर प्रेग्‍नेंसी के दूसरे हिस्‍से में।
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अगर प्रेग्‍नेंसी से पहले एनीमिया का निदान हो तो सबसे पहले आपको ये पता लगाना चाहिए कि आपको किस प्रकार का एनीमिया हुआ है।विटामन बी12 की कमी या फोलेट की कमी और लाल रक्‍त कोशिकाओं में गड़बड़ी जैसे कि सिकेल सेल या थैलेसीमिया जैसे कारणों से एनीमिया होने का पता लगाने के लिए डॉक्‍टर टेस्‍ट कर सकते हैं।

पीरियड्स के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने की वजह से भी फर्टिलिटी उम्र में महिलाओं में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया हो सकता है। गर्भावस्‍था से पहले एनीमिया का इलाज वहीं है जो प्रेग्‍नेंसी में एनीमिया का होता है। इसमें आयरन युक्‍त आहार और आयरन के सप्‍लीमेंट से इलाज किया जाता है। जिन महिलाओं को माहवारी के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने पर आपको गायनेकोलोजिस्‍ट से परामर्श अवश्‍य करना चाहिए।

प्रेग्‍नेंसी से पहले दिए जाने वाले विटामिनों (प्रीनैटल विटामिन) में आयरन होता है। आयरन युक्‍त प्रीनैटल विटामिन गर्भावस्‍था के दौरान आयरन डेफिशियंसी एनीमिया के इलाज और उसे रोकने में मदद कर सकता है। कुछ मामलों में डॉक्‍टर अगल से आयरल सप्‍लीमेंट लेने के लिए कह सकते हैं। गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को प्रतिदिन 27 मि.ग्रा आयरन की जरूरत होती है।

गर्भावस्‍था के दौरान सही पोषण लेकर भी आयरन डेफिशियंसी एनीमिया से बचा जा सकता है। रेड मीट, अंडा और मछली आयरन के बेहतरीन स्रोत होते हैं। इसके अलावा आप मटर, बींस और अनाज से भी आयरन ले सकती हैं।

भोजन से प्राप्‍त आयरन के शरीर में अवशोषण को बढ़ाने के लिए उच्‍च विटामिन सी खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन करें। इसमें संतरे का जूस, टमाटर का जूस और स्‍ट्रॉबेरी शामिल हैं।
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डिलीवरी के बाद और प्रसव के पहले कुछ हफ्तों एवं महीनों में कई महिलाओं में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया के लक्षणों में सुधार देखा जाता है। डिलीवरी के बाद अक्‍सर आयरन डेफिशियंसी एनीमिया कम हो जाता है क्‍योंकि इस दौरान स्‍तनपान के कारण मासिक धर्म की ब्‍लीडिंग कम हो जाती है।

वहीं कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी आयरन डेफिशियंसी एनीमिया की समस्‍या बनी रह सकती है। ऐसा गर्भावस्‍था के दौरान पर्याप्‍त आयरन न लेने और डिलीवरी के दौरान ज्‍यादा खून बहने की वजह से होता है। डिलीवरी के बाद एनीमिया से चिंता, तनाव और डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।

इस दौरान महिलाओं को एनर्जी बनाए रखने के लिए आयरन के सप्‍लीमेंट लेने चाहिए। अपने आहार में आयरन और विटामिन-सी युक्‍त चीजों को शामिल करें।

इस तरह फर्टिलिटी की उम्र की महिलाएं आयरन डेफिशियंसी एनीमिया से बच सकती है और समय पर इसका इलाज करवा अपनी और अपने शिशु की रक्षा कर सकती हैं।

प्रेग्‍नेंसी में कितना कैल्शियम है जरूरी
गर्भवती महिला को प्रतिदिन 1,000 मि.ग्रा कैल्शियम की जरूरत होती है। आपको रोज अपनी डायट में दिन में 4 बार कैल्शियम युक्‍त आहार लेना चाहिए।
अधिकतर प्रीनैटल विटामिनों में रोजाना की जरूरत की पूर्ति के लिए पर्याप्‍त कैल्शियम नहीं होता है लेकिन कैल्शियम युक्‍त खाद्य पदार्थों से आसानी से इसकी प‍ूर्ति की जा सकती है।

कम कैल्शियम लेने का असर
प्रेग्‍नेंसी में जरूरत से कम या ज्‍यादा कैल्शियम लेने पर दिक्‍कतें आ सकते हैं। अगर आप कम मात्रा में कैल्श्यिम लेती हैं तो प्रेग्‍नेंसी में हाई ब्‍लड प्रेशर, प्रीमैच्‍योर डिलीवरी, शिशु का जन्‍म के समय वजन कम होना, उंगलियों में सुन्‍नता और झनझनाहट, शिशु का धीमा विकास, बच्‍चे की हड्डियों को पर्याप्‍त कैल्शियम न मिल पाना, मांसपेशियों और टांगों में ऐंठन, भूख कम लगना और कुछ दुर्लभ मामलों में हड्डियों का फ्रैक्‍चर भी हो सकता है।

गर्भावस्‍था में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया को कंट्रोल

आयरन डेफिशियंसी एनीमिया एक मेडिकल स्थिति है जो कि शरीर में आयरन का स्‍तर घटने की वजह से होती है। जब शरीर पर्याप्‍त मात्रा में लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण नहीं कर पाता है, तब एनी‍मिया की स्थिति उत्‍पन्‍न होती है। यदि लाल रक्‍त कोशिकाएं ठीक तरह से कार्य न कर पाएं, तो भी एनीमिया हो सकता है।
आयरन का स्‍तर कम होने पर आपको नीचे बताए गए लक्षण दिख सकते हैं :
थकानहाथ-पैर ठंडे होनाचक्‍कर आनासीने में दर्दनाखूनों का पीला पड़नादिल की धड़कन अनियमित होनासिरदर्दशरीर का तापमान कम होनासांस फूलना

यदि आपका शरीर बाकी हिस्‍सों तक ऑक्‍सीजन पहुंचाने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में हीमोग्‍लोबिन नहीं बना पा रहा है तो आपको ऊपर बताए गए एक या उससे ज्‍यादा लक्षण दिख सकते हैं।

आमतौर पर कम मात्रा में आयरन के सेवन से आयरन डेफिशियंसी एनीमिया होता है। यदि आप आयरनयुक्‍त आहार या सप्‍लीमेंट नहीं लेते हैं या खून बहने या सिलिएक या क्रोन डिजीज के कारण ऐसा हो सकता है। इन स्थितियों में शरीर को भोजन से आयरन को अवशोषित करने में दिक्‍कत होती है।

इसके अलावा आयरन डेफिशियंसी एनीमिया पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को प्रभावित करता है और गर्भधारण करने या गर्भवती महिलाओं को इसका खतरा ज्‍यादा रहता है। गर्भावस्‍था में सामान्‍य विकास के लिए अत्‍यधिक आयरन की जरूरत होती है, खासतौर पर प्रेग्‍नेंसी के दूसरे हिस्‍से में।
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अगर प्रेग्‍नेंसी से पहले एनीमिया का निदान हो तो सबसे पहले आपको ये पता लगाना चाहिए कि आपको किस प्रकार का एनीमिया हुआ है।विटामन बी12 की कमी या फोलेट की कमी और लाल रक्‍त कोशिकाओं में गड़बड़ी जैसे कि सिकेल सेल या थैलेसीमिया जैसे कारणों से एनीमिया होने का पता लगाने के लिए डॉक्‍टर टेस्‍ट कर सकते हैं।

पीरियड्स के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने की वजह से भी फर्टिलिटी उम्र में महिलाओं में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया हो सकता है। गर्भावस्‍था से पहले एनीमिया का इलाज वहीं है जो प्रेग्‍नेंसी में एनीमिया का होता है। इसमें आयरन युक्‍त आहार और आयरन के सप्‍लीमेंट से इलाज किया जाता है। जिन महिलाओं को माहवारी के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने पर आपको गायनेकोलोजिस्‍ट से परामर्श अवश्‍य करना चाहिए।

प्रेग्‍नेंसी से पहले दिए जाने वाले विटामिनों (प्रीनैटल विटामिन) में आयरन होता है। आयरन युक्‍त प्रीनैटल विटामिन गर्भावस्‍था के दौरान आयरन डेफिशियंसी एनीमिया के इलाज और उसे रोकने में मदद कर सकता है। कुछ मामलों में डॉक्‍टर अगल से आयरल सप्‍लीमेंट लेने के लिए कह सकते हैं। गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को प्रतिदिन 27 मि.ग्रा आयरन की जरूरत होती है।

गर्भावस्‍था के दौरान सही पोषण लेकर भी आयरन डेफिशियंसी एनीमिया से बचा जा सकता है। रेड मीट, अंडा और मछली आयरन के बेहतरीन स्रोत होते हैं। इसके अलावा आप मटर, बींस और अनाज से भी आयरन ले सकती हैं।

भोजन से प्राप्‍त आयरन के शरीर में अवशोषण को बढ़ाने के लिए उच्‍च विटामिन सी खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन करें। इसमें संतरे का जूस, टमाटर का जूस और स्‍ट्रॉबेरी शामिल हैं।
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डिलीवरी के बाद और प्रसव के पहले कुछ हफ्तों एवं महीनों में कई महिलाओं में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया के लक्षणों में सुधार देखा जाता है। डिलीवरी के बाद अक्‍सर आयरन डेफिशियंसी एनीमिया कम हो जाता है क्‍योंकि इस दौरान स्‍तनपान के कारण मासिक धर्म की ब्‍लीडिंग कम हो जाती है।

वहीं कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी आयरन डेफिशियंसी एनीमिया की समस्‍या बनी रह सकती है। ऐसा गर्भावस्‍था के दौरान पर्याप्‍त आयरन न लेने और डिलीवरी के दौरान ज्‍यादा खून बहने की वजह से होता है। डिलीवरी के बाद एनीमिया से चिंता, तनाव और डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।

इस दौरान महिलाओं को एनर्जी बनाए रखने के लिए आयरन के सप्‍लीमेंट लेने चाहिए। अपने आहार में आयरन और विटामिन-सी युक्‍त चीजों को शामिल करें।

इस तरह फर्टिलिटी की उम्र की महिलाएं आयरन डेफिशियंसी एनीमिया से बच सकती है और समय पर इसका इलाज करवा अपनी और अपने शिशु की रक्षा कर सकती हैं।

अधिक कैल्शियम लेने का नुकसान
ऐसा बहुत ही कम होता है जब आप खाने से अधिक मात्रा में कैल्‍शियम प्राप्‍त कर लें। सल्‍पीमेंट लेने पर ही शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ती है। ज्‍यादा कैल्शियम लेने से प्रेग्‍नेंसी में कब्‍ज, पथरी, अन्‍य खनिज पदार्थों जैसे कि आयरन और जिंक को सोखने में दिक्‍कत, दिल की धड़कन अनियमित होना और शिशु के शरीर में कैल्शियम कम होने जैसी परेशानियां आ सकती हैं।


कैल्शियम के स्रोत
गर्भावस्‍था में कैल्शियम की कमी होने या शरीर की रोजाना कैल्शियम की आवश्‍यकता को खाद्य पदार्थों से पूरा किया जा सकता है। दूध, चीज, दही, ब्रोकली, सोयाबीन, बींस, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियों, तिल, किशमिश, टोफू आ‍दि में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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