छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर?pregnancytips.in

Posted on Thu 27th Jun 2019 : 11:29

छत्तीसगढ़ में मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत धमतरी से
5 वर्ष पहले

स्वास्थ्य विभाग और रोटरी क्लब एपीक्रास आस्ट्रेलिया का प्रयास

भास्कर न्यूज | धमतरी

प्रसव पीड़ा के समय माताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्भ में शिशु का पलट जाना, झटके आना, एनीमिया सहित कई गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ता है। यदि त्वरित उपचार न हो पाए तो प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान माताओं की मृत्यु भी हो जाती है। इस समस्या से निपटने और छत्तीसगढ़ में मातृ-शिशु मृत्यु दर को देशभर में सबसे कम करने के उद्देश्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग व रोटरी क्लब एपीक्रास आॅस्ट्रेलिया, धमतरी रोटरी क्लब द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

इस पायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत धमतरी जिले से हो रही है। मातृ-शिशु मृत्यु दर भारत में 215 (प्रति लाख) छत्तीसगढ़ में 244 (प्रति लाख) है, इसलिए छग के धमतरी जिले से शुरूआत कर रहे हैं। छग में मातृ-शिशु मृत्युदर पूरे देश में सबसे कम स्तर पर लाना हमारा उद्देश्य है, पूरे प्रदेश में इसे लागू करने व आगे की योजना तय करने 23 सितंबर को आॅस्ट्रेलिया की टीम मंत्री अजय चंद्राकर से फिर से मुलाकात कर रही है।

आॅस्ट्रेलिया की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के 6 लोगों को दी थी ट्रेनिंग
2 महीने पहले आॅस्ट्रेलिया के डॉक्टर व रोटरी क्लब आस्ट्रेलिया की टीम धमतरी पहुंची थी। स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से चर्चा कर 20 लोगों की टीम बनाकर धमतरी जिला स्वास्थ्य विभाग के 6 लोगों को ट्रेनिंग दी गई। इन मास्टर ट्रेनरों का फीड बैक लेने गुरूवार को रोटरी क्लब आस्ट्रेलिया के डॉ. बैरी, हेल्थ डिपार्टमेंट गवर्नमेंट आफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की बिलिन्डा जिनिंग्स के साथ पूर्व रोटरी गवर्नर शशि वरवंडकर पहुंचे थे। जिले के मास्‍टर ट्रेनर डाॅ. आदित्य सिन्हा, डाॅ. सरोज देशन, डाॅ. सूर्यवंशी, एमओ राजेश भतपहरी, स्टाफ नर्स पूर्णिमा पवार, इंदु बघेल ने धमतरी, कुरूद, मगरलोड में ट्रेनिंग पूर्ण होने व गुजरा सीएससी में 22 सितंबर को ट्रेनिंग रखने की जानकारी दी। डाॅ. बैरी, बिलिन्डा जिनिंग्स ने ट्रेनिंग के कार्यो आदि की समीक्षा कर सुझाव भी दिए। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे, रोटरी क्लब अध्यक्ष अमित जायसवाल, मदन मोहन खंडेलवाल, आरके साहू, मोहन अग्रवाल, अशरफ रोकड़िया उपस्थित थे।

सिखा रहे... कैसे कराएं सुरक्षित प्रसव

सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे ने कहा कि महिलाओं में खून की कमी, ब्लड प्रेशर, झटके की बीमारी, कम ऊंचाई, ब्लीडिंग टेंडेंसी आदि के कारण प्रसव पूर्व या प्रसव के दौरान माताओं की मौत हो जाती है। ऐसी मृत्यु से माताओं को बचाना है। इसके लिए आॅस्ट्रेलिया की टीम के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं कि किस परिस्थिति में कैसे सुरक्षित प्रसव कराया जाए। प्रशिक्षण का काम अंतिम चरण में है। गुरूवार को आॅस्ट्रेलिया के डॉक्टर आए थे, जिनसे शुरू हो रहे पहल पर चर्चा हुई है। पहले माताओं को मानसिक रूप से जागरूक करेंगे।

12 लाख होगा खर्च
आॅस्ट्रेलिया से आए डॉ. बैरी ने बताया कि धमतरी जिले में इस योजना के तहत 12 लाख रुपए उनका क्लब खर्च कर रहा है। डेमोस्ट्रेशन सामग्री किट भी दी है। उनकी संस्था मातृ-पितृ मृत्युदर पर काम कर रही है। भारत में छत्तीसगढ़ के धमतरी से इसकी शुरूआत कर रहे हैं। पहली कड़ी में हेल्थ वर्क्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं। माताओं का आहार, संसाधन आदि पर चर्चा हुई है।

आॅस्ट्रेलिया हमारे लिए चिंतित
पूर्व रोटरी गवर्नर शशि वरवंडकर, रोटरी क्लब धमतरी अध्यक्ष अमित जायसवाल ने कहा कि आॅस्ट्रेलिया में मातृ-शिशु मृत्यु दर प्रति 1 लाख में 10 है। आस्ट्रेलिया हमारे देश के लिए चिंतित है। रोटरी क्लब एपोक्रास आस्ट्रेलिया डिस्ट्रिक्ट 9455, 9465 व धमतरी रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3261 (छग, ओडिशा, मध्यप्रदेश) व स्वास्थ्य विभाग मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने प्रयास कर रहा है।

2 माह बाद आॅस्ट्रेलिया की टीम फिर आई धमतरी, मास्टर ट्रेनराें से लिया फीडबैक
02 महीने पहले डॉक्टरों संग रोटरी क्लब आस्ट्रेलिया की टीम धमतरी आई थी

111.24

244

25. 93

46

40

215

धमतरी

छत्तीसगढ़

भारत

मातृ-शिशु मृत्यु दर के राष्ट्रीय व प्रादेशिक आंकड़े
शिशु मृत्यु दर

मातृ मृत्यु दर

धमतरी. जिले के मास्टर ट्रेनरों से फीडबैक लेती आस्ट्रेलिया से पहुंची टीम।

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