छोटे बच्चे के पैर कैसे होते हैं?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 12:57

पैदा होने के बाद से ही टेढ़े हैं बच्चे के पैर, क्या सच में संभव है इस बीमारी का इलाज

जन्म से बच्चे के टेढ़े पैर होना एक प्रकार का जन्म दोष है। हालांकि इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन इससे पहले कुछ जरूरी बातों को जान लें।
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पैदा होने के बाद से ही टेढ़े हैं बच्चे के पैर, क्या सच में संभव है इस बीमारी का इलाज
यदि पैदा होने के बाद से ही बच्चे के पैर टेढ़े होते हैं, तो यह एक प्रकार का जन्म दोष होता है। इसे क्लब फुट के नाम से जाना जाता है। यह दोष होने पर बच्चे के पैर अंदर या बाहर की ओर मुड़े हुए होते हैं। बच्चे को ऐसा एक या दोनों पैरों में हो सकता है। यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया जाए, तो बच्चे को बड़े होकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उसे चलने में भी दिक्कतें आ सकती हैं। सर्जरी की मदद से इस जन्म दोष से छुटकारा पाया जाता है।

​जन्म से बच्चे के पैर टेढ़े हाने के लक्षण

बच्चे का पैर अंदर या बाहर की ओर मुड़ा हुआ होता है।
बच्चे की एढ़ी अंदर की ओर मुड़ी हुई होती है, जो कि आर्क शेप बनाती है।
गंभीर मामलों देखा गया है कि पंजे उल्टे हो सकते हैं।
प्रभावित पैर और टांग की लंबाई छोटी होती है।
प्रभावित पिंडली की मांसपेशियां अविकसित हो सकती हैं।
​जन्म से टेढ़े पैर होने का कारण

क्लब फुट होने के कारकों का अब तक ठीक-ठीक पता नहीं चलता है। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों की वजह से हो सकता है। आमतौर पर लड़कों को लड़कियों की तुलना क्लब फुट का रिस्क दोगुना होता है।

क्लबफुट के निम्न जोखिम कारक हैं-

माता-पिता या परिवार में पहले से किसी को क्लबफुट की बीमारी है, तो बच्चे को भी यह बीमारी हो सकती है।
क्लबफुट के पारिवारिक इतिहास से संबंधित महिला गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करती है, तो बच्चे में इसका जोखिम बढ़ जाता है।
जन्मजात स्थितियां भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं।

बच्चों में टेढ़े पैर का इलाज

चूंकि, बच्चे के पैर में हड्डियों और मांसपेशियों को जोड़ने वाले ऊतक काफी लचीले होते हैं, इसलिए इसका इलाज बच्चे के जन्म के कुछ सप्ताह बाद ही शुरू हो जाता है। डाॅक्टर की कोशिश रहती है कि चलना सीखने से पहले ही इसका इलाज किया जा सके। इलाज के दौरान पांव को सीधा कर चलने योग्य बनाया जाता है।

स्ट्रेचिंग और कास्टिंग भी क्‍लबफुट का एक इलाज है। इस तरीके को पोंसेटी भी कहा जाता है। इसे अंतर्गत बच्चे के पैरों को धीरे-धीरे सीधा किया जाता है। इसके बाद पैरों पर प्लास्टर, जिसे कास्ट भी कहते हैं, को चढ़ा दिया जाता है। टेढ़े पैर को सीधा करने के लिए इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया जाता है।

इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सर्जरी की जाती है। डाॅक्टर के सुझाव के अनुसार ऑपरेशन के बाद खास तरह के जूते और ब्रेसेस बच्चों को पहनाए जाते हैं और उन्हें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने की सलाह भी दी जाती है। उन्हें यह ब्रेसेस तथा जूते पूरे 3 साल तक रोजाना रात को पहने रखना होता है।

​सर्जरी भी है उपाय

बहुत गंभीर मामलों में ही क्लब फुट के इलाज के लिए सर्जरी की जाती है। ये ऐसे मामले होते हैं, जो काफी जटिल होते हैं और अन्य तरीके से पैर सीधे नहीं हो सकते हैं। सर्जरी में हड्डियों और मांसपेशियों के बीच मौजूद ऊतक को लंबा किया जाता है और सामान्य स्थिति में रखा जाता है।

सर्जरी के बाद कुछ महीनों के लिए बच्चे को कास्ट लगाकर रखना होता है। बच्चे को टेढ़े पैरों से स्थाई रूप से छुटकारा पाने के लिए एक साल तक ब्रेसेस पहनना पड़ सकता है।

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