छोटे बच्चों की सर्दी कैसे दूर करें?pregnancytips.in

Posted on Tue 18th Oct 2022 : 12:06

6 महीने के शिशु को उबला हुआ पानी पिलाएं। पानी बच्‍चे के हिसाब से हल्‍का गुनगुना होना चाहिए। इससे शिशु का शरीर हाइड्रेट रहता है और शरीर से विषाक्‍त पदार्थ निकल जाते हैं। ये जुकाम से जल्‍दी राहत दिलाने का असरदार तरीका है।


बच्चों को जुकाम से बचाने के उपाय (Prevention Tips for Cold in Babies)

सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम संक्रमण की वजह से होते हैं और बिना इलाज के ही एक से दो सप्ताह के भीतर अपने आप सही भी हो जाते हैं। हालांकि, आपको सर्दी जुकाम के लक्षण महसूस होने पर स्वस्थ आहार खाना चाहिए, यह सर्दी जुकाम के जल्दी ठीक करने में मदद करता है। कुछ खाद्य और पेय पदार्थ सर्दी जुकाम के लक्षणों को कम करते हैं और इससे राहत भी दिलाते हैं।

–सर्दी जुकाम में डेरी प्रोडक्ट्स खाना बहुत अधिक नुकसानदायक होता है, क्योंकि यह बलगम को गाढ़ा करता है और इसे बढ़ाता भी है। सर्दी जुकाम के दौरान डेरी उत्पाद खाने से इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है, इसलिए सर्दी जुकाम में डेयरी उत्पाद बच्चों को नहीं देनी चाहिए।

-तले हुए खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक वसा होती है, जो सर्दी जुकाम को बढ़ा सकता है। इसलिए तले हुए खाद्य पदार्थों को न खाएं। इसके अलावा तले हुए खाद्य पदार्थ सूजन को भी बढ़ाते हैं। सूजन बढ़ने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसके साथ ही साथ तले हुए खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं।

-प्रोसेस्ड फूड में किसी भी प्रकार के पोषक तत्व नहीं होते हैं। इसलिए सर्दी जुकाम में फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक होते हां।

-भरपूर नींद लेने से आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

-एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं, लेकिन यह सर्दी जुकाम के वायरस को मारने में किसी तरह से मदद नहीं कर पाते हैं। इसलिए सर्दी जुकाम में किसी तरह के एंटीबायोटिक्स नहीं देनी चाहिए।

-बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर अपने मन से दवाईयां न दें, इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए किसी प्रकार की दवा देने से पहले बच्चों के डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

-सर्दी जुकाम में चिकन सूप को बहुत फायदेमंद बताया गया है। इसका इस्तेमाल सर्दी जुकाम को ठीक करने के लिए सालों से किया जा रहा है। सर्दी जुकाम में चिकन सूप पीना लाभदायक होता है।

-लहसुन के कई स्वास्थ्य लाभ है। लहसुन में जीवाणुरोधी, एंटीफंगल एवं एंटीवायरल गुण होते हैं और इन्हीं गुणों की वजह से सर्दियों से इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटीयों के रूप में किया जा रहा है।

-बीमारी के दौरान बच्चों को हाइड्रेट रखना चाहिए। सर्दी जुकाम में बुखार सामान्य बात है। बुखार की वजह से शरीर में पानी की कमी होती है। इसलिए सर्दी जुकाम में नारियल पानी पीना आपके लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है और यह शरीर में पानी की मात्रा को बराबर बनाए रखने में मदद करता है। नारियल पानी में ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट मौजूद होते हैं, जो आपके शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं।

-शहद में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। शहद का उपयोग घाव को ठीक करने में भी किया जाता है। इसके अलावा इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि शहद प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) को मजबूत बनाता है।

-अदरक को पीसकर उसका रस निकाल लें और इसे अपने बच्चे को चटा दें। बच्चों को सर्दी, खांसी लग जाने पर रोजाना रात को सोते समय व सुबह उठने के बाद दें। यह उपाय सर्दी जुकाम को दूर करता है।

-छोटे बच्चों को सर्दी होने पर छोटी सी कली लहसुन की लें और बारीक पीस लें। उसमें हल्का सा शहद मिला दें और बच्चे को चटवाये। यह दिन में दो से तीन बार करें। रात को सोने से पहले सुबह उठने के बाद व दोपहर तक।

-1 चम्मच नींबू के रस में दो से तीन चम्मच शहद मिलाये और हर दो घंटे के बाद बच्चे को यह मिश्रण पिलाते रहें। इसके साथ ही एक गिलास गर्म दूध में एक से दो चम्मच शहद मिलाकर भी बच्चों को पीला सकते हैं।

-बच्चों को तुलसी व अदरक की चाय पिलाते रहें।

-रोजाना बच्चों को रात को सोते समय एक गिलास या एक कप में एक चम्मच हल्दी मिलाकर दें।

-अपने बच्चे को जिन्दगी भर सर्दी से दूर रखने के लिए उसे रोजाना सुबह के समय खाली पेट तुलसी के तीन से चार पत्ते खिलायें और एक गिलास पानी पिलाएं।

-मौसम में परिवर्तन आने पर अपने बच्चों को मौसम के अनुसार कपड़े पहनायें व पूरा बदन ढका हुआ रहे ऐसे कपड़े पहनाएं।

-बच्चों को ठण्डी हवा में जाने से रोके व अन्य गन्दी चीजें खाने से भी रोकें।

-थोड़े से नारियल के तेल में बहुत थोड़ा-सा कपूर का पाउडर लेकर गरम कर लें। इस तेल को ठण्डा करके इसके चार से पांच बूंदे अपनी हथेली पर लें और अपने बच्चे की छाती पर मालिश जैसा कर दें।

-नियमित रूप से हाथ धोने से जुकाम के विषाणुओं के संचरण या उन्हें फैलने से रोका जा सकता है।

-संक्रमित लोगों के आस-पास रहने के दौरान मास्क पहनना लाभकारी होता है।

इसके अलावा कुछ आसान से उपाय है जिनका ध्यान रखने में बच्चों को जुकाम होने से अनायास ही बचाया जा सकता है-

-बच्चे का कमरा साफ-सुथरा रखें।

-बच्चों को बार-बार न छूएं और बाहर से आते ही बिना धोए बच्चे को न उठाएं।

-बीमार या संक्रमित शख्स से बच्चों को दूर रखें।

-लक्षण नजर आने पर बच्चे का इलाज घर पर न करें, बल्कि तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं।

-बच्चों को गरम एवं पूरे कपड़े पहना के रखने चाहिए।

-सर्दी जुकाम से बचाने के लिए बच्चों को ठण्डी चीजे जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, आईस-क्रीम आदि का सेवन न करने दें।

-बच्चों को ठण्डे पानी से परहेज करवाएं।

-पीने को गुनगुना पानी ही दें।

-सर्दी के मौसम में बच्चों को गरम सूप पीने को दें।

-शिशु को स्तनपान करवाना उसके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के बेहतरीन उपायों में से एक है। शिशु की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यह पक्का उपाय नहीं है, मगर स्तनपान करने वाले शिशु सर्दी जुकाम और अन्य इन्फेक्शन से बेहतर बचाव कर पाते हैं।

-शिशु को संक्रमणों से बचाने के लिए बेहतर तो यही है कि उसे बीमार व्यक्ति से दूर रखा जाए या फिर आप उन्हें शिशु को पकड़ने या उसकी चीजों को छूने से पहले हाथ धोने के लिए कहे।

-यदि आप या आपके पति धूम्रपान करते हैं, तो इसे बंद कर देना शिशु के लिए अच्छा रहेगा। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के साथ रहने वाले शिशुओं को धुएँ के संपर्क में रहने वाले शिशुओं की तुलना में कम जुकाम होता है। शिशु को ऐसी जगहों पर भी ले जाने से बचें, जहां कोई धूम्रपान कर रहा हो।

-सर्दी जुकाम में मसालेदार भोजन करें। सर्दी जुकाम में मसालेदार खाद्य पदार्थ लाभदायक होते हैं। मिर्च में कैप्साइसिन नाम यौगिक मौजूद होता है, जो सर्दी-जुकाम के दौरान गर्म रखता है। कैप्साइसिन नामक यौगिक का इस्तेमाल दर्द निवारक दवाईयों में किया जाता है। बहुत से लोगों का मानना है कि मसालेदार भोजन से बंद नाक खोलने और बलगम को निकालने में मदद मिलती है।

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