जल्दी से जल्दी प्रेग्नेंट कैसे हो सकते हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

शादी के बाद कुछ कपल्स को गर्भधारण करने में समस्या होती है। उनके मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। जैसे कि गर्भवती होने का सही समय क्या है? जल्दी गर्भवती होने के तरीके क्या हैं? साथ ही गर्भवती होने के लिए कब यौन संबंध चाहिए? इन सवालों का सटीक जवाब मालूम न होने की वजह से कई महिलाओं को गर्भधारण करने में लंबा समय लग जाता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम ऐसे तमाम सवालों के जवाब देने का प्रयास करेंगे। साथ ही उन उपायों के बारे में भी बताएंगे, जिन्हें अपनाकर गर्भाधान में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।


चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि गर्भधारण होने का सही समय क्या है।
गर्भवती होने का सही समय जानने का तरीका

डिंबोत्सर्जन (Ovulation) के समय गर्भधारण करने की संभावना सबसे अधिक होती है। इसलिए, संतान पैदा करने की इच्छा रखने वाले कपल्स को इस दौरान संभोग करना चाहिए। अगर किसी महिला का मासिक चक्र 28 दिन का है, तो उसके डिंबोत्सर्जन का समय 11वें से 14वें दिन के बीच हो सकता है। हालांकि, सभी महिलाओं की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए डिंबोत्सर्जन के एकदम सटीक समय का पता लगाना मुश्किल होता है। कई मेडिकल एक्सपर्ट गर्भधारण करने के लिए मासिक चक्र के 7वें दिन से लेकर 20वें दिन के बीच संभोग करने की सलाह देते हैं (1)।

आप चाहें तो अपने शारीरिक तापमान की जांच करके या ओव्यूलेशन कैलकुलेटर की मदद से भी अपने डिंबोत्सर्जन के सही समय का अंदाजा लगा सकती हैं।

जहां तक पुरुष के शुक्राणुओं का सवाल है, वे स्त्री के शरीर में पांच दिन तक रह सकते हैं। वहीं, स्त्री का डिम्ब यानी ओवम फैलोपियन ट्यूब में मात्र 12 से 24 घंटे तक ही जीवित रह सकता है (1)। ऐसे में अगर डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया के दौरान संभोग किया जाए, तो शुक्राणु को अंडे को निषेचित यानी फर्टिलाइज करने में आसानी होती है। इससे स्त्री के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

आइए, अब गर्भ ठहरने की विधि के बारे में बात करते हैं।
जल्दी गर्भधारण करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान | Jaldi Pregnant Hone Ke Upay
1. तनाव से दूर रहें

इसमें कोई दो राय नहीं है कि तनाव कई बीमारियों की जड़ है। आजकल हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी वजह से तनाव ग्रस्त है। तनाव से हॉर्मोनल संतुलन बिगड़ता है, जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं होती हैं। तनाव से न सिर्फ महिला बल्कि पुरुष की प्रजनन क्षमता पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। अगर आपको किसी बात को लेकर तनाव होता है, तो उस तरफ से ध्यान हटाने की कोशिश करें। तनाव से बचने के लिए आप योगासन करें, ध्यान लगाएं और जितना हो सके खुश रहें। खुश रहने और तनाव मुक्त रहने से आपका हॉर्मोनल संतुलन बना रहेगा और प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा (2)।
2. नशा करने से बचें

नशा करने से भी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। ड्रग्स, शराब, नशीली दवाओं, तंबाकू आदि के सेवन से महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है (3)।
3. वजन संतुलित रखें

जरूरत से ज्यादा वजन या जरूरत से कम वजन प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। जिन महिलाओं का वजन सामान्य से ज्यादा है, उन्हें मधुमेह या दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, अधिक वजन वाली महिलाओं को मासिक धर्म की अनियमितता की समस्या भी हो सकती है। इस तरह की समस्या से डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है और महिला को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है (4)।
4. शारीरिक तापमान पर नजर बनाएं

शारीरिक तापमान पर भी ध्यान दें। अन्य दिनों के मुकाबले शरीर का तापमान डिंबोत्सर्जन की प्रकिया के दौरान कुछ बढ़ जाता है। सुबह उठकर रोजाना शरीर का तापमान जांचें। अगर सामान्य दिनों के मुकाबले शरीर का तापमान ज्यादा है, तो यह डिंबोत्सर्जन का समय हो सकता है। सामान्य दिनों में महिला के शरीर का तापमान 96 से 98 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। वहीं, डिंबोत्सर्जन के दौरान महिला के शरीर का तापमान 0.6 से 0.8 डिग्री फॉरेनहाइट तक बढ़ सकता है (5)।
5. डॉक्टर से जांच कराएं

मां बनने की योजना शुरू करने से पहले, जरूरी है कि मेडिकल जांच कराई जाएं। डॉक्टर से जांच कराकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कहीं शरीर किसी तरह की बीमारी की चपेट में तो नहीं है। अगर जांच में किसी तरह की समस्या सामने आए, तो घबराने की जगह समय रहते बीमारी का इलाज कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार गर्भधारण करें। इसे प्रीकन्सैप्शन चेकअप या प्रीकन्सैपशन मेडिकल काउंसलिंग कहा जाता है। अगर गर्भधारण से पहले ही इच्छुक कपल्स परामर्श लेने के बाद बताए गए आवश्यक जांच कराते हैं, तो गर्भावस्था में अवांछित स्थितियों से बचने में सहायता मिलती है।
6. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

जीवनशैली का असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। मां बनने की तैयारी कर रही महिलाओं को सबसे पहले एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। उन्हें भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। ऐसा करने से महिला की प्रजनन क्षमता बेहतर होती है और गर्भधारण करने में आसानी होती है।
7. अच्छा खान-पान अपनाएं

खान-पान की आदत प्रजनन क्षमता पर असर डालती है। इसलिए, जरूरी है कि गर्भधारण करने की तैयारी कर रही महिलाएं पौष्टिक और संतुलित आहार लें। ऐसी महिलाओं को विटामिन और खनिज से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए। खान-पान में फल और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा, फॉलिक एसिड, विटामिन-बी12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड से प्रचूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है (6)।
8. गर्भ-निरोधक दवाएं लेना बंद करें

अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो सबसे पहले आपको गर्भ-निरोधक दवाओं का सेवन बंद करना होगा। ध्यान रहे कि गर्भधारण की योजना शुरू करने से पहले गर्भ-निरोधक दवा का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
9. ओव्यूलेशन के समय संभोग करें

गर्भवती होने के लिए सबसे जरूरी है ओव्यूलेशन के समय संभोग करना। मासिक धर्म चक्र के 7 से 20 दिन के बीच संभोग करना गर्भधारण करने के लिए अहम माना जाता है। इससे गर्भधारण करने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं (1)।
10. तनाव में रहकर संभोग न करें

कई पति-पत्नी संतान प्राप्ति को लेकर जरूरत से ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। इसकी वजह से संभोग के समय भी उन पर तनाव हावी रहता है। हम पहले ही बता चुके हैं कि तनाव गर्भधारण करने की क्षमता पर बुरा असर डालता है। इसी वजह से संभोग करते समय तनाव बिल्कुल भी न लें।
11. ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें

बहुत से लोग शारीरिक संबंध बनाने के दौरान ल्यूब्रिकेंट का प्रयोग करते हैं। ऐसा करने से ल्यूब्रिकेंट की वजह से स्पर्म पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे गर्भधारण में समस्या होती है। इसी वजह से कहा जाता है कि गर्भधारण की कोशिश करते समय ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें (7)।
13. संभोग की मुद्रा का ध्यान रखें

गर्भधारण करने के लिए किसी खास मुद्रा में संभोग करना जरूरी नहीं होता है। इसके लिए बस शुक्राणु और अंडे का सही मिलन काफी होता है। फिर गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए संभोग के बाद कुछ देर तक पीठ के बल लेटे रहना अच्छा रहता है। इससे शुक्राणुओं के बाहर निकलने की गुंजाइश कम हो जाती है (8)।
14. चाय व कॉफी का सेवन कम करें

गर्भधारण करने की कोशिश कर रही महिलाओं को चाय व कॉफी का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि इनमें कैफीन होता है। दिन भर में एक से दो कप कॉफी पीना ठीक है, लेकिन इससे ज्यादा कॉफी का सेवन गर्भधारण करने की प्रक्रिया में बाधा बन सकता है। साथ ही गर्भावस्था के समय इनकी वजह से जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है (9)।
15. भरपूर नींद लें

सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। गर्भधारण की कोशिश करने वाली महिलाओं को रात में सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा, दोपहर के समय कुछ देर की झपकी मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखती है। इससे आपके शरीर में हॉर्मोन का संतुलन बना रहता है और आपके गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है (10)।

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