डिलीवरी के दौरान कितना दर्द होना नॉर्मल है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) के लक्षण

प्रसव के दौरान नीचे सिर के बल वाली अवस्था में गर्भस्थ शिशुशिशु का जन्म 3D एनीमेशन में!
जैसे-जैसे ड्यू डेट नजदीक आती है, आपके मन में शायद ये सवाल चल रहे होंगे कि आप प्रसव के शुरुआती लक्षणों को किस तरह पहचानेंगी। प्रसव शुरू होने का सबसे प्रमुख लक्षण है नियमित संकुचन होना जो कि समय के साथ बार-बार, ज्‍यादा देर तक और अधिक प्रबलता से होने लगें। आपको प्रसव के अन्‍य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं जैसे कि योनि स्‍त्राव में बढोतरी या बदलाव, रक्‍तस्‍त्राव या खून के धब्‍बे आना, माहवारी जैसे मरोड उठना, श्‍लेम डाट (म्‍यूकस प्‍लग) हट जाना, पीठ के निचले हिस्‍से में दर्द, श्रोणि क्षेत्र में अत्‍याधिक दबाव जैसे कि शिशु नीचे खिसक रहा हो या फिर आपकी पानी की थैली फ‍ट जाना। अगर आप सुनिश्चित नहीं हों कि आपका प्रसव शुरू होने वाला है या नहीं तो इस बारे में डॉक्‍टर से बात करें।
प्रसव पीड़ा का मतलब क्‍या होता है?
गर्भ में पल रहे शिशु को और प्‍लेसेंटा को योनि के जरिये बाहर निकालने की प्रक्रिया को प्रसव (लेबर) कहा जाता है। जब आपका गर्भाशय शिशु को बाहर निकालने के लिए संकुचित होता है तो आपको दर्दभरे संकुचन महसूस होंगे। ये संकुचन ही प्रसव के दौरान दर्द का मुख्‍य कारण होते हैं। जब आपका शिशु नीचे की और खिकता है तो ग्रीवा, योनि और आसपास के क्षेत्र में खिंचाव और दबाव पडता है, जिससे अलग-अलग प्रबलता का दर्द होता है।

प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) इस बात का संकेत है कि आपका शरीर शिशु को जन्‍म दिलाने के लिए काम कर रहा है। यह दर्द अन्‍य किसी भी दर्द से अलग होता है। यह टांग टूटने पर होने वाला दर्द नहीं है और यह लगातार भी नहीं होता।

यह हल्‍के, नियमित संकुचनों से शुरू होता है। यह दर्द आता - जाता रहता है और जैसे-जैसे आपका शारीर डिलीवरी के विभिन्‍न चरणों से गुजरता है वैसे - वैसे समय के साथ यह दर्द और प्रबल होता जाता है। यह बीच - बीच में रुककर आपको सांस लेने का समय देता है ताकि आप इस समय का पूरा फायदा ऊठा सकें। डॉक्‍टर आपको प्रसव के दौरान उचित दर्द निवारक दवा भी देंगी।

लेबर पेन हर महिला के लिए अलग होता है और यहां तक कि एक ही महिला में पहली डिलीवरी और दूसरी डिलीवरी में भी यह दर्द अलग हो सकता है।

बहुत सी महिलाएं बताती हैं कि इस दर्द का मकसद शिशु का जन्म करवाना होता है और डिलीवरी होने के बाद यह गायब हो जाता है।
कौन से शुरुआती लक्षण बताते हैं कि प्रसव जल्‍द ही शुरू होने वाला है?
गर्भावस्था के अंतिम चरण में आप शायद कुछ ऐसे लक्षण महसूस करेंगी जो बताते हैं कि आपका शरीर प्रसव के लिए तैयार होना शुरु हो गया है। ये आपकी ड्यू डेट से कुछ दिन, कुछ हफ्ते या महीने पहले महसूस होने शुरु हो सकते हैं। आपका प्रसव शुरु होने वाला है, इस बात के निम्नांकित संकेत हो सकते हैं:

जब गर्भस्थ शिशु का सिर जन्म लेने की अवस्था में आपकी श्रोणी में नीचे की तरफ आ जाए, इसे अंग्रेजी में लाइटनिंग कहा जाता है। आप शायद ज्यादा गहरी सांस ले पाएंगी और अच्छे से खा-पी सकेंगी मगर आपको बार-बार पेशाब भी जाना पड़ रहा होगा। आपको चलने-फिरने में ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
ज्यादा योनि स्त्राव होना जिसमें साफ या पीला श्लेम हो।
बार-बार और संभवतया ज्यादा प्रबल ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन होना। इन्‍हें अभ्‍यास संकुचन या फाल्‍स लेबर भी कहा जाता है।
आपकी ग्रीवा विस्फारित और पतली होना शुरू हो जाती है। डिलीवरी से कुछ दिन और हफ्तों पहले ग्रीवा के संयोजक उत्‍तकों में आने वाले बदलावों की वजह से यह मुलायम हो जाती है और ग्रीवा पतली होकर खुलने लगती है। जब आपकी ड्यू डेट आ चुकी होती है या आसपास होती है तो डॉक्‍टर प्रसवपूर्व चेकअप के दौरान योनि की अंदरूनी जांच करेंगी। इससे वह पता लगाएंगी कि आपकी ग्रीवा विस्फारित और पतली होना शुरू हुई है या नहीं।
मनोभावों में उतार-चढ़ाव।
बार-बार नींद टूटना
अचानक से घर साफ करने या सब चीजें सही ढंग से लगाने की तीव्र इच्छा होना!

प्रसव के लक्षण (ऑडियो)
प्रसव शुरु होने के लक्षणों के बारे में यहां सुनें!
मैं प्रसव पीड़ा की पहचान कैसे कर सकती हूं?
हर महिला का प्रसव का अनुभव अलग होता है। संभव है कि आपको प्रसव के शुरु होने का पता तब चले जब आप इससे गुजर चुकी हों! हालांकि, प्रसव शुरु होने के शुरुआती संकेत इतने स्‍पष्‍ट नहीं होते कि उनपर भरोसा किया जा सके, मगर निम्‍नांकित लक्षण इस बात के विश्‍वसनीय संकेत हैं कि वास्‍तविक प्रसव शुरू हो गया है।

दर्दभरे, नियमित संकुचन। धीरे धीरे इनकी बारंबारता, अवधि और प्रबलता बढ़ती जाती है क्‍योंकि ये ग्रीवा को विस्‍फारित करना शुरू कर देते हैं।
पीठ में नीचे की तरफ या पेट में लगातार दर्द और महावारी जैसी ऐंठन महसूस होना।
पानी की थैली फटना। एमनियोटिक द्रव के तेजी से बहने या रिसाव होने के साथ आपकी झिल्लियां फट सकती हैं। हालांकि, ऐसा प्रसव शुरु होने से काफी पहले हो सकता है, मगर आपको फिर भी अपनी डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए।
चिपिचिपा, जैली जैसा श्लेम निकलना, जिसमें खून भी दिखाई दे सकता है। यह वह श्लेम डाट (म्यूकस प्लग) होता है, जो गर्भावस्था के दौरान ग्रीवा को बंद रखता है। यदि यह प्लग बाहर आ जाए, तो प्रसव जल्दी ही या फिर कुछ दिनों में शुरु हो सकता है। यह इस बात का संकेत है कि चीजें आगे बढ़ रही हैं।
पेट में गड़बड़ या दस्त।

प्रसव शुरु होने से पहले (प्री-लेबर) या प्रसव के शुरुआती चरण में आपको कैसा महसूस होगा, यह निम्नांकित कारकों पर निर्भर करता है:

आप पहले भी मॉं बन चुकी हैं
आप दर्द को कितनी हिम्मत से झेलती हैं और क्या प्रतिक्रिया देती हैं।
आप डिलीवरी के लिए कितनी तैयार हैं।

मुझे कैसे पता चलेगा कि संकुचन असली लेबर पेन है या फॉल्स लेबर?
य​ह बता पाना मुश्किल हो सकता है, खासतौर पर यदि यह आपकी पहली गर्भावस्था हो तो। मगर संकुचनों की बारंबारता, अवधि और प्रबलता से आप पहचान सकती हैं कि सच में प्रसव शुरु हो गया है या आपको ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (जिन्हें कई बार 'अभ्यास संकुचन' कहा जाता है) हो रहे हैं। अवस्था बदलने, चलने-फिरने और आराम करने से संकुचनों पर क्या असर पड़ रहा है, इससे भी काफी कुछ पता चलता है। वास्तविक संकुचनों और ब्रेक्सटन हिक्स संकुचनों में मुख्य अंतर नीचे बताए गए हैं:

ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन

ये लंबे समय त​क नहीं रहते, आमतौर पर एक मिनट से कम ही रहते हैं।
ये कभी-कभी होते हैं और आमतौर पर एक घंटे में एक या दो बार से ज्यादा नहीं होते, यानि में दिन में कुछ बार ही होते हैं।
गतिविधि या क्रियाकलाप बदलने पर अक्सर बंद हो जाते हैं। इसलिए यदि आप बैठी हों, तो चलने-फिरने लगे और यदि कुछ समय से चल-फिर रही थीं तो अब बैठ जाएं।
ये आमतौर पर अनियमित होते हैं, या अगर ये नियमित हों तो केवल कुछ ही समय के लिए नियमित रहते हैं।
इनका पूर्व अनुमान नहीं लगाया जा सकता और ये एक लय में भी नहीं होते
इनकी प्रबलता बढ़ती नहीं है
पेट में सामने की तरफ महसूस होते हैं।

हालांकि ब्रेक्सटन हिक्स संकुचनों में दर्द नहीं होता, मगर इनसे असहजता हो सकती है। आप इन्हें वास्वविक प्रसव की तैयारी के तौर पर ले सकती हैं!

वास्तविक प्रसव संकुचन

ये स्पष्ट महसूस होते हैं और हर सकुंचन के साथ धीरे-धीरे लंबे होते जाते हैं। अक्‍सर बढ़ते हुए ये पहले जहां 30 मिनट में महसूस हो रहे होते हैं वहां हर एक मिनट में महसूस होने लगते हैं।
ये ज्यादा नियमित होते हैं।
ये बार-बार महसूस होते हैं।
हर संकुचन के साथ दर्द बढ़ता जाता है
इनकी प्रबलता बढ़ती जाती है।
आराम करने या सोने पर भी ये जारी रहते हैं।
ये शायद पीठ से शुरू होंगे और सामने की तरफ आएंगे या ि‍फर ये दर्द जांघों तक भी पहुंच सकता है।

यदि आपके साथ यह सब हो रहा है, तो आपका प्रसव शायद शुरु हो गया है!
अगर मुझे लगे कि लेबर पेन शुरू हो गया है तो डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
डॉक्‍टर ने आप से बात की होगी कि प्रसव के शुरुआती संकेत महसूस होने पर आपको क्‍या करना है। मगर यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हों कि प्रसव शुरू हुआ है या नहीं तो भी डॉक्‍टर को फोन करने से न हिचकिचाएं। डॉक्‍टर ऐसी महिलाओं के फोन सुनने की आदि होती हैं, जो प्रसव को लेकर संशय में हों और जिन्हें मार्गदर्शन की जरुरत होती है।

डॉक्टर आपसे कुछ सवाल पूछकर और आपकी आवाज के लहजे व सांस लेने के तरीके से ही काफी कुछ समझ सकती हैं। डॉक्टर जानना चाहेंगी कि:

आपके संकुचन कितने प्रबल हैं (क्‍या आप संकुचनों के दौरान बात कर पा रही हैं या नहीं)
हर संकुचन कितने समय तक बना रहता है संकुचन कितनी जल्‍दी-जल्‍दी हो रहे हैं।
क्‍या आपको लगता है कि पानी की थैली फट गई है और स्‍त्राव का रंग कैसा है
क्‍या आपको योनि से रक्‍तस्‍त्राव हो रहा है।
क्‍या आपको शिशु की हलचल सामान्‍य से ज्‍यादा महसूस हो रही है
क्‍या कोई अन्‍य चिंताजनक लक्षण महसूस हो रहा है।

आपकी सेहत, लक्षण और व्‍यक्तिगत स्थिति को देखते हुए डॉक्‍टर आपको निम्‍न सलाह दे सकती हैं:

अगर उन्हें कोई लक्षण चिंताजनक लगता है तो वे आपातकालीन चिकित्‍सकीय देखभाल के लिए आपको मैटरनिटी हॉस्पिटल पहुंचने के लिए कहेंगी।
प्रसव के शुरुआती चरण में अस्‍पताल में आपको अस्‍पताल में भर्ती होने के लिए कहेंगी, ताकि आप पर निगरानी रख सकें और देख सकें कि आपका प्रसव किस तरह आगे बढ़ रहा है।
प्रसव की शुरुआत में आपको घर पर रहने की सलाह देंगी और जब तक वे अस्‍पताल आने के लिए न कहें आपको उन्‍हें प्रसव की प्रगति के बारे में उन्‍हें बताते रहना होगा।

अगर आपका प्रसव शुरु हो गया है, तो आपको अस्पताल में भर्ती कर लिया जाएगा। अगर उन्हें लगे की यह प्रसव के असली संकेत नहीं है, तो वह सुनिश्चित करेंगी कि सब ठीक-ठाक है और आपको घर जाने को कहेंगी। वे आपको सलाह देंगी कि वास्तविक प्रसव शुरु होने के इंतजार में आप क्या कर सकती हैं और घर पर प्रसव के किन संकेतों पर आपको नजर रखनी है।
प्रसव के कौन से लक्षणों के लिए तुरंत अस्‍पताल जाना चाहिए?
आपको निम्नांकित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

37 सप्ताह की गर्भावस्था से पहले आपको प्रसव के लक्षण महसूस हो रहे हों। इसका मतलब हो सकता है कि आपका प्रसव समय से पहले शुरु हो रहा है।
आपके संकुचन कम से कम हर पांच मिनट में आ रहे हैं और कम से कम एक मिनट के लिए हो रहे हैं।
आपकी पानी की थैली फट गई है या आपको लगे कि एमनियोटिक द्रव रिस रहा है। देखें कि एमनियोटिक द्रव पीला, भूरा या हरा तो नहीं है। यह द्रव में मिकोनियम की मौजूदगी को दर्शाता है। मिकोनियम आपके शिशु का पहला मल होता है और कई बार यह भ्रूण संकट का संकेत होता है। यदि द्रव में खून दिखाई दे तो जरुरी है कि इस बारे में डॉक्टर को बताएं। आप पैड पहन लें ताकि रिस रहे द्रव का रंग और मात्रा पता चल सके।
आपको संकुचन हो रहे हैं, चाहे बहुत हल्‍के हों और आपका शिशु अभी सिर नीचे वाली अवस्‍था में नहीं है (सिर उपर पैर नीचे या आड़ी अवस्‍था में है)। आपकी पहले गर्भाशय से जुड़ा ऑपरेशन हो चुका है या पहले भी कई बार गर्भवती हो चुकी हैं।
आपका शिशु सामान्य से कम हिल-डुल रहा है।
आपको कुछ चिंताजनक लक्षण हो रहे हैं जैसे कि असामान्‍य रक्तस्त्राव, पेट में लगातार तेज दर्द श्रोणि क्षेत्र में दबाव, पीठ के निचले हिस्‍से में दर्द या बुखार होना।
आपको प्री-एक्‍लेमप्सिया के लक्षण हैं जिसमें असामान्‍य सूजन, निरंतर तेज सिरदर्द, स्पष्ट दिखाई न देना, पेट के उपरी हिस्‍से में तेज दर्द या संवेदनशीलता या सांस लेने में मुश्किल शामिल है।

अगर आपको कोई और बात परेशान कर रही है, तो हमारी गर्भावस्था के ऐसे लक्षणों की सूची देखें, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

इस सबके बावजूद, याद रखें कि हर गर्भावस्था अलग होती है। यदि आपको समझ न आ रहा हो कि लक्षण गंभीर है या नहीं या फिर आपको असहजता हो रही हो तो अपनी अंतर्मन की आवाज पर विश्वास करें और डॉक्टर से बात करें। यदि कोई दिक्कत हुई तो वे आपकी मदद करेंगी। यदि सब ठीक रहा तो, आपको तसल्ली हो जाएगी।
शुरुआती प्रसव के दौरान मुझे क्या करना चाहिए?
प्रसव के पहले चरण का शुरुआती चरण तब होता है जब आपकी ग्रीवा 4सें.मी. तक विस्फारित हो जाती है। इसमें कई बार कुछ दिन लग जाते हैं और अक्सर इसमें माहवारी जैसा दर्द महसूस होता है। इस समय आप क्या कर सकती हैं, वह इस बात पर निर्भर करेगा कि डॉक्‍टर ने क्‍या सलाह दी है, आप कैसा महसूस कर रही हैं और आपको क्या करना पसंद है।

जितना हो सके शांत और रिलैक्स्ड रहने से आपको संकुचनों या कसाव का सामना करने में मदद मिलेगी। यह आपके शरीर को ऑक्सीटॉसिन हॉर्मोन जारी करने में भी मदद करेगा, जिसकी जरुरत आपको प्रसव आगे बढ़ाने के लिए होगी।

तनावमुक्त और रिलैक्स्ड रहने के लिए आप अपनी पसंदीदा फिल्म या शो देख सकती हैं, टहलने जा सकती हैं या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य को समय बिताने के लिए अपने पास बुला सकती हैं। दर्द व पीड़ा कम करने के लिए आप हल्के गर्म पानी से नहा सकती हैं या फिर गर्म पानी की बो​तल इस्तेमाल कर सकती हैं। यदि हो सके तो आराम करने की कोशिश करें, ताकि स्वयं को आगे की प्रक्रिया के लिए तैयार कर सकें।

स्पर्श भी ऑक्सीटॉसिन हॉर्मोन पैदा करने का एक अच्छा तरीका है और यह प्रसव जल्दी आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। आप अपने पति या परिवार के किसी सदस्य से आरामदेह मालिश करवा सकती हैं। यदि आप मालिशवाली से मालिश करवाना चाहें तो सुनिश्चित करें कि वे अनुभवी हों और गर्भावस्था मालिश करना जानती हों।

प्रसव की शुरुआती अवस्था में आपको भूख लग सकती है, इसलिए मन करे तो कुछ खा-पी लें। उर्जा पाने के लिए उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। टोस्ट, पोहा, रोटी, सैंडविच, केले, आलू, डाइजेस्टिव बिस्किट, सीरियल्स और पास्ता आदि अच्छे विकल्प हैं। अगर आपका मन करे तो बीच-बीच में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाती रहें, ताकि आपकी उर्जा बनी रहे और आपका पेट भी ज्यादा भरा महसूस न हो।

बहरहाल, बहुत सी महिलाओं को प्रसव की शुरुआत में मिचली महसूस होती है, इसलिए यदि आपका ​कुछ खाने का मन न करे तो चिंता न करें। इसकी बजाय आप जलनियोजित रहने के लिए पानी या आइसोटॉनिक पेय पी सकती हैं।

प्रसव के शुरूआती दौर में आप डिलीवरी के लिए विभिन्न अवस्थाओं और श्वसन तकनीकों को आजमा कर देख सकती हैं कि किस अवस्था में आपको संकुचन से आराम मिल रहा है।

अगर आपके पास टेन्स मशीन है, तो प्रसव की शुरुआती अवस्था में उसका इस्तेमाल करना उचित होगा। इसके इस्तेमाल के लिए सक्रिय प्रसव तक इंतजार करना मददगार नहीं रहेगा।
मुझे अभी तक लेबर पेन शुरू नहीं हुए हैं, मुझे क्या करना चाहिए?
जब आपकी डिलीवरी की तिथि नजदीक आती है, तो प्रसव जल्दी हो और आसान रहे इसके लिए घर के बड़े-बूढ़े काफी सलाह देते हैं। इसमें उकड़ूं बैठना ताकि शिशु नीचे आ सके, घी पीना ताकि शिशु आसानी से बाहर फिसल सके या गर्माहट बढ़ाने वाले भोजनों का सेवन, जिससे लेबर शुरु हो सके आदि शामिल हैं।

कई महिलाएं इन सदियों पुरानी तकनीकों पर विश्वास करती हैं। बहरहाल, ये मान्यताओं को लंबे समय से माना जाता रहा है, मगर ये कितनी कारगर हैं यह कहा नहीं जा सकता! अगर आप भी इन्हें आजमाना चाहें, तो ध्यान रखें कि ऐसे प्रयास में थोड़ा संयम बरतना बेहतर है।

इस बीच, आप अपनी डिलीवरी के लिए यथासंभव तैयारी कर लें:

36 सप्ताह की गर्भावस्था पूरी होने तक अपना अस्पताल ले जाने वाला बैग तैयार कर लें, ताकि जब भी प्रसव शुरु हो आप अस्पताल जाने के लिए तैयार हों।
अपनी योजनाओं के बारे में पति और परिवारजनों से चर्चा करें और जो कुछ रह गया हो वह सब पूरा कर लें। आप यहां देख सकती हैं कि शिशु के आने से पहले आप क्या काम कर सकती हैं!
यह तय कर लें कि आपको अस्पताल लेकर कौन जाएगा। किसी और से भी बात करके रखें, ताकि जरुरत पड़ने पर वे काम आ सकें।
अपने नन्हे शिशु के नाम के बारे में सोचें। यदि आपने अभी ​कोई नाम नहीं सोचा है तो हमारे बेबी नेम फाइंडर में आपको मदद मिल सकती है।

आराम करें और शिशु के जन्म से पहले के कुछ आखिरी दिनों का मजा लें!

अपनी डॉक्‍टर से नियमित संपर्क में रहें और डिलीवरी के लिए अस्‍पताल जाने के बारे में उनकी सलाह का पालन करें। अगर आपको लगे कि आप घर की बजाय अस्‍पताल में ज्‍यादा रिलैक्‍स्‍ड महसूस करेंगी, तो इस बारे में अपनी डॉक्‍टर को बता दें।

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