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डिलीवरी के बाद इतने दिनों में महिलाओं को वापस मिलती है उनकी फर्टिलिटी
6 महीने से कम समय में दोबारा प्रेगनेंट होने से शिशु में जन्म विकार, शिशु का सही विकास न होना, झिल्लियों का समय से पहले टूटना (पानी की थैली फटना) और प्रीटर्म लेबर हो सकती है।
pregnancy chances after delivery.
कई महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि डिलीवरी होने के कितने समय बाद वो दोबारा कंसीव कर सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि डिलीवरी के बाद दोबारा जल्दी कंसीव नहीं किया जा सकता लेकिन ये सच नहीं है।
आपकी भी अभी डिलीवरी हुई है और अब आप दूसरे बच्चे के बारे में सोच रही हैं तो यहां हम आपको बता दें कि डिलीवरी के कितने समय बाद महिलाएं दोबारा मां बन सकती हैं।
डिलीवरी के बाद कंसीव करने की संभावना
आपकी नॉर्मल डिलीवरी हुई हो या सी-सेक्शन डिलीवरी, दोनों तरह की डिलीवरी के बाद जल्द ही आपका शरीर दोबारा प्रेगनेंट होने के लिए तैयार हो जाता है। अपने पहले पोस्टपार्टम पीरियड से पहले आप ओवुलेट कर सकती हैं और जितना जल्दी ओवुलेशन होगा, उतना ही जल्दी आप कंसीव कर पाएंगी।
अगर आप डिलीवरी के बाद सेक्स के दौरान गर्भ निरोधक का इस्तेमाल नहीं करती हैं तो आप प्रेगनेंट हो सकती हैं। वहीं, कुछ महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ओवुलेशन देरी से हो सकता है। ये गर्भ निरोधक के रूप में ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता है और इसका असर लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड यानी एलएएम की स्थिति में ही होता है। यह गर्भ निरोधक का बहुत विशेष तरीका है।
ये संकेत मिल रहे हैं तो नौ महीने से पहले ही हो जाएगी आपकी डिलीवरी
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हो सकता है कि पेट में संकुचन होने पर, दर्द महसूस न हो लेकिन अगर आपको हर 10 मिनट में या बहुत जल्दी-जल्दी संकुचन महसूस हो रहा है हो रहे हैं तो ये प्रीमैच्यो डिलीवरी का संकेत हो सकता है।
लेबर पेन से पहले ब्लीडिंग या खूनी म्यूकस निकल सकता है। बेवजह वजाइनल ब्लीडिंग होना चिंता का विषय होता है। अगर वजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव आ रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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अचानक से पानी की थैली फट जाना लेबर पेन का साफ संकेत होता है। इसके बाद आपको बिना कोई देरी किए तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। पानी की थैली फटने को लेबर का सबसे स्पष्ट संकेत माना जाता है।
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अगर आपको वजाइना में भारीपन महसूस हो रहा है या ऐसा लग रहा है कि शिशु का सिर नीचे की ओर आ गया है तो ये भी प्रीटर्म लेबर का लक्षण हो सकता है।
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अगर आपको प्रीटर्म लेबर का एक भी संकेत मिल रहा है तो तुरंत डॉक्टर को फोन करें। प्रीटर्म लेबर है या नहीं, इसकी जांच के लिए डॉक्टर ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड या पेल्विक एग्जाम कर सकते हैं। इसमें देखा जाता है कि डिलीवरी के लिए गर्भाशय ग्रीवा का मुंह खुलने लगा है या नहीं।
गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स गर्भाशय की ओपनिंग होती है। ये वजाइना के ठीक ऊपर होती है।
दूसरी प्रेगनेंसी में कितना गैप होना चाहिए
डिलीवरी के बाद महिलाओं को कम से कम 12 महीने तक इंतजार करना चाहिए। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हैल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस के अनुसार दूसरी प्रेगनेंसी में इतने समय का गैप तो होना ही चाहिए।
दो बच्चों में 18 से 23 महीनों का गैप रखने की बजाय 6 महीने से कम समय का गैप रखने से प्रीमैच्योर बर्थ या शिशु का जन्म के समय वजन कम होने का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों में 18 महीने से कम और ज्यादा लंबा गैप (लगभग 60 महीने) रखने से मां और शिशु दोनों को खतरा रहता है।
ये संकेत मिल रहे हैं तो नौ महीने से पहले ही हो जाएगी आपकी डिलीवरी
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हो सकता है कि पेट में संकुचन होने पर, दर्द महसूस न हो लेकिन अगर आपको हर 10 मिनट में या बहुत जल्दी-जल्दी संकुचन महसूस हो रहा है हो रहे हैं तो ये प्रीमैच्यो डिलीवरी का संकेत हो सकता है।
लेबर पेन से पहले ब्लीडिंग या खूनी म्यूकस निकल सकता है। बेवजह वजाइनल ब्लीडिंग होना चिंता का विषय होता है। अगर वजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव आ रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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अचानक से पानी की थैली फट जाना लेबर पेन का साफ संकेत होता है। इसके बाद आपको बिना कोई देरी किए तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। पानी की थैली फटने को लेबर का सबसे स्पष्ट संकेत माना जाता है।
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अगर आपको वजाइना में भारीपन महसूस हो रहा है या ऐसा लग रहा है कि शिशु का सिर नीचे की ओर आ गया है तो ये भी प्रीटर्म लेबर का लक्षण हो सकता है।
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अगर आपको प्रीटर्म लेबर का एक भी संकेत मिल रहा है तो तुरंत डॉक्टर को फोन करें। प्रीटर्म लेबर है या नहीं, इसकी जांच के लिए डॉक्टर ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड या पेल्विक एग्जाम कर सकते हैं। इसमें देखा जाता है कि डिलीवरी के लिए गर्भाशय ग्रीवा का मुंह खुलने लगा है या नहीं।
गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स गर्भाशय की ओपनिंग होती है। ये वजाइना के ठीक ऊपर होती है।
डिलीवरी के बाद कब आती है फर्टिलिटी
नॉर्मल और सिजेरियन डिलीवरी दोनों में ही डिलीवरी के शुरुआती हफ्तों में ही फर्टिलिटी वापस आ सकती है। हर महिला में ओवुलेशन पीरियड अलग हो सकता है।
पहला पोस्टपार्टम मेंस्ट्रुअल साइकिल बिना ओवुलेशन के आ सकता है। इसका मतलब है कि ओवुलेशन के बीच में अंडे के रिलीज हुए बिना ब्लीडिंग हो सकती है या बिना किसी ब्लीडिंग के ओवुलेट हो सकता है। हालांकि, डिलीवरी के शुरुआती 6 हफ्ते बाद ही महिलाएं ओवुलेट कर सकती हैं। इस समय महिला का स्तनपान करवाना जरूरी है। ऐसा न हो तो महिला प्रेगनेंट हो सकती है।
6 महीने का गैप न रखने के नुकसान
अगर दो प्रेगनेंसी के बीच 6 महीने से कम समय का गैप रखा जाए तो दूसरी प्रेगनेंसी में मुश्किलें आ सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पहली डिलीवरी से शरीर पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ होता है। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि शरीर डिलीवरी के बाद बिल्कुल ठीक हो चुका है तो ये जान लें कि शरीर के अंदर हार्मोन और पोषण के स्तर में अभी संतुलन आना बाकी है।
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