दूध पिलाने के बीच में 3 महीने का बच्चा कब तक होना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

जन्‍म के बाद पहले 6 महीने तक शिशु को मां का दूध ही पिलाना चाहिए और इतने समय तक बच्‍चे के लिए संपूर्ण पोषण का आधार मां का दूध ही होता है। लेकिन इसके बाद बच्‍चे को ठोस आहार खिलाना शुरू किया जाता है और उसे मां के दूध की बजाय बोतल से दूध पिलाने की सलाह दी जाती है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार, 6 महीने तक शिशु को मां का दूध ही पीना चाहिए। लेकिन अगर किसी कारणवश मां के स्‍तनों में दूध नहीं आ रहा है तो वो शिशु को बोतल से या चम्‍मच-कटोरी से दूध पिलाना शुरू कर सकती है। अगर आपको डिलीवरी के बाद काम पर जाना है ताे इस‍ स्थिति में भी आप शिशु को बोतल से दूध पिलाना शुरू कर सकती हैं, लेकिन बोतल में मां का दूध ही होना चाहिए। जन्‍म के बाद पहले 6 महीनों तक मां का दूध बहुत जरूरी होता है।

कब शुरू करें बोतल से दूध
जब बच्‍चा स्‍तनपान करना पूरी तरह से सीख जाए और वो स्‍तन को दबाकर दूध निकालना सीख जाए, तब आप अपने बच्‍चे को बोतल से दूध देना शुरू कर सकती हैं। स्‍तनपान के साथ ही आप दिन में एक या दो बार शिशु को बोतल से दूध पिला सकती हैं। स्‍तनपान से एकदम से बोतल का दूध शुरू न करें बल्कि दिन में कुछ टाइम स्‍तनपान करवाएं तो कुछ टाइम बोतल से दूध पिलाएं। बोतल से दूध पीना सीखने में बच्‍चे को लगभग दो सप्‍ताह का समय लग सकता है।

बोतल से दिन में कितनी बार दूध पिलाएं
शुरुआत में शिशु को बोतल से 30 से 60 मिली दूध ही पिलाएं। इसके दो से तीन दिन बाद आप 60 से 90 मिली दूध पिला सकती हैं। इसके अलावा बच्‍चे को हर 3 से 4 घंटे में दूध पिलाती रहें। दूध पीने पर बच्‍चा 4 से 5 घंटे तक सो सकता है, लेकिन आप हर 5 घंटे में उसे उठाकर दूध जरूर पिलाएं।
एक महीने तक बोतल से दूध पीने के बाद बच्‍चे को 120 मिली दूध पिलाएं और हर चार घंटे में दूध दें। इसके बाद 180 से 240 मिली दूध पिलाना है।

क्‍या फॉर्मूला मिल्‍क और मां के दूध को मिक्‍स कर सकते हैं
फॉर्मूला मिल्‍क के साथ स्‍तनपान करवाना अच्‍छा विकल्‍प है। इससे बच्‍चे को दोनों तरह के मिल्‍क का फायदा मिल जाएगा। जब आप घर पर हों तो बच्‍चे को अपना दूध ही पिलाएं और जब आपको ऑफिस या बाहर किसी काम से जाना हो तो उसे बोतल का दूध पिला सकती हैं। वहीं, एक साथ फॉर्मूला मिल्‍क में मां के दूध को मिलाकर न दें। बोतल को अच्‍छी तरह से धोने के बाद ही बच्‍चे को देनी चाहिए, वरना बोतल पर लगे कीटाणु बच्‍चे के शरीर में घुसकर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। बोतल की साफ-सफाई पर ध्‍यान देना बहुत जरूरी है।

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