नवजात शिशु के लिए कौन सा दूध?pregnancytips.in

Posted on Mon 10th Oct 2022 : 10:22

स्तनपान शिशु के लिए किस तरह फायदेमंद है?

स्तनदूध शिशुओं के लिए प्रकृति का सबसे बेहतरीन आहार है। स्तनदूध के संघटक आदर्श रूप से आपके शिशु की आंतों के लिए अनुकूल हैं। इसलिए यह आसानी से पच जाता है।

स्तनपान शिशु को अपने शरीर का तापमान सामान्य रखने में मदद करता है। उसे गर्माहट प्रदान करने के अलावा, त्वचा से त्वचा का स्पर्श आपके और शिशु के बीच के भावनात्मक बंधन को और मजबूत बनाता है।

स्तनदूध शिशु की इनफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इसमे रोगप्रतिकारक (एंटीबॉडीज) होते हैं, जो शिशु की जठरान्त्रशोथ (गैस्ट्रोएंटेराइटिस), सर्दी-जुकाम, छाती में इनफेक्शन और कान के संक्रमण आदि से रक्षा करते हैं।

आपके स्तनदूध में पहले से मौजूद रोगप्रतिकारकों के साथ-साथ, आपका शरीर किसी इनफेक्शन के संपर्क में आते ही उसका नया रोगप्रतिकारक भी बना लेता है। जब आपके शिशु को सर्दी-जुकाम होता है, तो जुकाम का विषाणु शिशु से आप तक भी पहुंच जाएगा। ऐसे में आपकी प्रतिरक्षण प्रणाली काम करना शुरु करती है और विषाणु से लड़ने के लिए रोगप्रतिकारक बनाती है। ये रोगप्रतिकारक आपके दूध में जाते हैं, और अगली बार जब आप शिशु को स्तनपान करवाती हैं, तो ये शिशु के शरीर में पहुंचकर संक्रमण से लड़ने में शिशु की मदद करते हैं।

स्तनदूध को समय-पूर्व जन्मे शिशुओं और कम जन्म वजन शिशुओं के लिए महत्वपूर्ण पाया गया है। फॉर्मूला दूध की तुलना में शिशु के लिए स्तनदूध को पचाना आसान होता है। स्तनदूध आपके शिशु को इनफेक्शन से भी सुरक्षित रख सकता है, खासकर कि आंतों और फेफड़ों के संक्रमणों से। ये संक्रमण समय से पहले जन्मे शिशुओं के लिए काफी गंभीर हो सकते हैं।

स्तनदूध में लॉंग-चैन पॉलीअनसेचुरेटेड वसीय अम्ल होते हैं, जो शिशु के मस्तिष्क के विकास में बहुत जरुरी हैं।

स्तनपान से लाभकारी (प्रोबायोटिक) बैक्टीरिया मिलते हैं, जो शिशु के पाचन तंत्र में किसी भी प्रकार की सूजन, दर्द या जलन (इनफ्लेमेशन) दूर कर सकते हैं।

यह कॉट डेथ यानि सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (एस.आई.डी.एस) के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है।

यदि आप अपने शिशु को पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करवाती हैं, तो पहले साल के दौरान शिशु जब भी बीमार होगा, उसके अधिक जल्दी ठीक होने की संभावना रहेगी। यह बात आपको स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, खासकर अगर आप अपने शिशु को स्तनपान करवाना बंद करने या फिर स्तनदूध के साथ-साथ फॉर्मूला दूध शुरु करने पर विचार कर रही हैं तो।

स्तनपान करवाने से बचपन में शिशु की सांस फूलने और गंभीर एग्जिमा विकसित होने का खतरा कम हो सकता है।

शिशु को कम से कम छह महीनों तक अनन्य स्तनपान करवाने से उसे बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया से सुरक्षा मिल सकती है।

थोड़ा बड़ा होने पर जब कभी शिशु बीमार हो और कुछ खा न पा रहा हो, तो ऐसे में अगर वह स्तनपान कर रहा हो, तो उसे काफी आराम मिल सकता है। स्तनदूध उसे जल्दी ठीक होने में भी मदद कर सकता है।

टीकाकरण करवाने से पहले या इसके तुरंत बाद शिशु को स्तनपान करवाने से उसे शांत करने में मदद मिल सकती है।

यह आपके शिशु को अलग-अलग स्वाद के लिए तैयार करता है। आपके खाने के अनुसार आपके स्तनदूध का स्वाद बदल सकता है, मगर फॉर्मूला दूध में ऐसा नहीं होता। इसलिए आपका शिशु जब ठोस आहार खाना शुरु करेगा, तब उसे नए स्वाद से शायद इतनी दिक्कत नहीं होगी।

छह महीने के आसपास शिशु के ठोस आहार शुरु करने पर भी उसे स्तनपान करवाना जारी रखने से उसे भोजन से होने वाली एलर्जी के प्रति सुरक्षा मिल सकती है।

यह उसके दीर्घकालीन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। स्तनपान करने वाले शिशुओं के सामान्य से अधिक मोटा होने या वयस्क होने पर मधुमेह होने की संभावना कम होती है।

स्तनपान करवाना आपके लिए किस तरह लाभकारी है?

स्तनपान कराने से आपके गर्भाशय को सिकुड़ कर वापस गर्भावस्था से पहले की स्थिति में आने में मदद मिलती है।

स्तनपान करवाने से थोड़े समय के लिए डिंबोत्सर्जन रुक सकता है, इसलिए कुछ और समय तक आप माहवारी से बची रह सकती हैं।

यह आपके और आपके शिशु के बीच के संबंध को और मजबूत करता है और प्रसवोत्तर अवसाद से बचने में मदद कर सकता है।

स्तनपान करवाना आपके लिए भी सेहतमंद विकल्प है। यह आपको वजन घटाने और दोबारा वजन बढ़ने से रोकने में मददगार हो सकता है।

इससे जिंदगी में आगे चलकर टाइप 2 मधुमेह, स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर होने का खतरा भी कम रहता है।

स्तनपान ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां कमजोर होना) और कार्डियोवस्कुलर (ह्दय संबंधी) रोगों के खतरे को कम करने में मदद करता है।

स्तनदूध पूरी तरह मुफ्त है! आप स्तनपान करवाती हैं तो आपको बोतल और निप्पल धोने और उन्हें कीटाणुमुक्त (स्टेरलाइज) बनाने या फिर फॉर्मूला दूध तैयार करने की जरुरत नहीं होती।

आपको स्तनदूध की लागत, तापमान अथवा स्वच्छता के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। स्तनदूध एकमात्र ऐसा भोजन है, जो हमेशा सही समय, सही जगह, सही मात्रा और सही तापमान पर उपलब्ध रहता है।

स्तनपान करने वाले शिशुओं की मल से सनी नैपियां उतनी बदबूदार नहीं होती, जितनी कि फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशुओं की होती है।

स्तनपान आपको व्यस्त दिनचर्या से नियमित फुरसत लेने और अपने शिशु को दूध पिलाने के दौरान, लेटने और बैठने का मौका देता है।

जब स्तनपान बढि़या तौर से चल रहा होता है, तो आप अपने शिशु को बढ़ते और विकसित होते हुए देखकर असीम शान्ति और सफलता का अहसास कर सकती हैं। यह सब आपकी ही तो मेहनत है!

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