Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
कब लगाएं अपने छोटे बच्चे को साबुन और शैंपू?
क्या आप समझ नहीं पा रहे हैं कि शिशु के बाल कितने बार शैंपू करेंगे?
पहली बार जो माँ बनती हैं उन्हें अक्सर ये समझ में नहीं आता है कि शिशु को साबुन और शैंपू का इस्तेमाल कब और कितने बार करना चाहिए? वैसे तो शिशु के साबुन और शैंपू उन्हें शरीर संवेदनशीलता को ही ध्यान में रखकर बनाई जाती है, लेकिन फिर भी इनका इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है। प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल करने की कोई उम्र की सीमा नहीं होती है। इस बात का ध्यान रखें कि जब तक नवजात शिशु का गर्भनाल स्टंप (umbilical cord stump ) गिर या निकल न जायें तब तक भूल कर भी साबुन का इस्तेमाल न करें।
जैसे ही आपके नवजात शिशु की गर्भनाल स्टंप ठीक हो जायें तो शिशु को हफ़्ते में दो-तीन बार नहायें। एक साल के उम्र तक शिशु को बच्चों के लिए जो साबुन और शैंपू बाजार में मिलते हैं उनका इस्तेमाल करें। लेकिन इन चीजों के खरीदने से पहले प्रॉडक्ट के सामग्रियों के सूचनाओं को एक बार ज़रूर पढ़ लें। हां, ज्यादा महक और रंगीन साबुन और शैंपू को न खरीदें।
इन प्रॉडक्ट्स में थैलेट्स (phthalates) और पैराबेन्स (parabens) होते हैं जो शिशु के स्किन को इरिटैट कर सकते हैं, अगर वे ज्यादा संवेदनशील होते हैं। हफ़्ते में एक या दो बार ही बाल और स्कैल्प को धोयें। ज्यादा नहलाने या शैंपू करने पर त्वचा की नमी खो सकती हैं और स्किन के ड्राई होने पर खुजली आदि की समस्या हो सकती है। पढ़े- क्या शिशु के लिए भी ज़रूरी है सनस्क्रीन?
शिशु के लिए साबुन और शैंपू का इस्तेमाल करने के टिप्स
• अगर आपको किसी साबुन को लेकर इस्तेमाल करने के पहले संदेह है तो इसको शरीर के किसी छोटे से जगह पर लगाकर दो घंटे के लिए छोड़ दें अगर लाल रंग के रैशेज़ या इरीटैशन नहीं हो रहा है तो ये साबुन शिशु के लिए सही है।
• छह महीने के शिशु को साबुन सीधे उसके त्वचा पर न लगायें उसका झाग बनाकर उसको नरम कपड़े या स्पॉन्ज में लगाकर फिर इस्तेमाल करें।
• बिना महक वाला साबुन का ही इस्तेमाल करें। जितना साबुन में केमिकल कम होगा उतना ही साबुन अच्छा होगा।
• साबुन और शैंपू शिशु के स्किन पर दो से चार मिनट से ज्यादा नहीं लगा होना चाहिए।
• साबुन लगाते हुए ज्यादा रगड़े नहीं। साबुन लगाकर धीरे-धीरे मसाज़ करके धो डालें।
• तीन साल के बाद ही बब्ल बाथ करवायें, नहीं तो इससे यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा होता है।
--------------------------- | --------------------------- |