नार्मल डिलीवरी के लिए दादी माँ के नुस्खे?pregnancytips.in

Posted on Sat 18th Jul 2020 : 15:55

नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो 9वें महीने में जरूर खाएं ये चीजें

जानिए प्रेग्‍नेंसी के नौवें महीने में आहार में किन चीजों को शामिल कर आप अपनी नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस को बढ़ा सकती हैं।
diet for normal delivery in 9th month
गर्भावस्‍था का नौवांं महीना बाकी के सभी महीनों से बहुत अलग और नाजुक होता है। अब बस आपका बच्‍चा आपकी गोद में आने वाला है और आपका इंतजार खत्‍म होने वाला है। कहते हैं कि अगर नौवे महीने में प्रेगनेंट महिला अपने आहार में कुछ खास चीजों को शामिल करे तो इससे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है।

नौवे महीने में डाइट
गर्भावस्‍था के नौवे महीने में बच्‍चे का अमूमन पूरा विकास हो चुका होता है और उसका वजन भी बढ़ चुका होता है। इस समय बच्‍चे के वजन के कारण आपको पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है जैसे अपच और एसिडिटी आदि। इस वजह से आपको अपने आहार में पोषक तत्‍वों की मात्रा को अधिक रखना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप नौवे महीने में किस तरह अपनी नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस को बढ़ा सकती हैं।

प्रेग्‍नेंसी में आप शीर्षासन कर सकती हैं या नहीं, ये पूरी तरह से आपकी सेहत, फिटनेस लेवल, प्रेग्‍नेंसी के चरण और गर्भ में पल रहे शिशु की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति पर निर्भर करता है।

कोई भी एक्‍सरसाइज और योगासन करने से पहले गर्भवती महिला को डॉक्‍टर या हेल्थ एक्‍सपर्ट से बात करनी चाहिए। अगर आप उनकी सलाह से कोई योगासन कर भी रही हैं तो एक्‍सपर्ट की गाइडेंस में ही करें।

शीर्षासन करने का प्रमुख कारण होता है मस्तिष्‍क तक खून की सप्‍लाई को बढ़ाना और दिमाग की कोशिकाओं को पोषण देना। यह दिमाग को शांत करता है और स्‍ट्रेस एवं एंग्‍जायटी से निजात दिलाता है। माइग्रेन और सिरदर्द को कम करने के लिए भी शीर्षासन किया जाता है।

यह आसन पिट्यूटरी ग्रंथि को बूस्‍ट कर डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। इस तरह गर्भवती महिलाएं जेस्‍टेशनल डायबिटीज से बच सकती हैं। शीर्षासन से कंधे और बांह मजबूत होते हैं। इससे आंखों में ब्‍लड सप्‍लाई तेज होती है जिससे आंखों की रोशनी में सुधार आता है।

यह आसन बालों को मजबूत करके बाल झड़ने से रोकता है। इससे पाचन भी ठीक तरह से होता है।

हल्‍दी
हल्‍दी में दर्द निवारक गुण होते हैं और नौवें महीने में आपको कॉन्‍ट्रैक्‍शन महसूस हो सकते हैं इसलिए अपने खाने में हल्‍दी का इस्‍तेमाल जरूर करें। इस समय पेल्विक हिस्‍से में, कमर में और कूल्‍हों में हो रहे दर्द काे कम करने में हल्‍दी मदद करती है। रात को दूध में हल्‍दी मिलाकर पीना फायदेमंद होगा।

अदरक और लहसुन
नौवें महीने में प्रेगनेंट महिलाओं को अदरक और लहसुन भी खाना चाहिए। अदरक को कूटकर इसकी चाय बना लें या अदरक को पानी में डालकर उबाल लें और इस पानी को गुनगुना पिएं।
वहीं रोज सुबह लहसुन की दो कलियां खाली पेट खाने से आप सौ बीमारियों से दूर रहती हैं और इससे सर्विक्‍स खुलने में भी मदद मिलती है। आप खाने में भी लहसुन का इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

अजवाइन के लड्डू
अजवाइन गर्म होती है और नॉर्मल डिलीवरी के लिए शरीर को तैयार भी करती है। आप गर्भावस्‍था के दौरान ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद भी ये लड्डू खा सकती हैं। इससे शरीर को ताकत मिलती है। यह भी पढ़ें : डिलीवरी के बाद जच्‍चा और बच्‍चा दोनों को स्‍वस्‍थ रखते हैं अजवाइन के लड्डू

गुनगुना पानी
प्रेग्‍नेंसी में खूब पानी पीना चाहिए और गुनगुना पानी और भी ज्‍यादा फायदेमंद होता है। इससे मांसपेशियों का तनाव दूर होगा। वहीं, ठंडा पानी या ठंडी चीजें खाने से मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं या प्रसव समय पर होने में दिक्‍क्‍त आ सकती है इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्भावस्‍था में हल्‍की गर्म चीजें ही खाएं।

खजूर
गैस पर दूध को गर्म करने के लिए रखें और उसमें खजूर डाल दें। दूध उबलने पर इसे पी लें। आप चाहें तो गर्म दूध के साथ भी खजूर खा सकती हैं।

दूध के साथ घी
कहते हैं कि नौवें महीने में दूध में घी डालकर पीने से बच्‍चेदानी और गर्भाशय चिकना हो जाता है जिससे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है। चूंकि, दूध में घी डालकर पीने से वजन तेजी से बढ़ता है और अगर आप पहले से ही ओवरवेट हैं तो घी का सेवन कम करें।


नौवें महीने में क्‍या ना खाएं
ऐसी कुछ चीजें होती हैं जिन्‍हें नौवें महीने में खाना मां और बच्‍चे की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस समय प्रेगनेंट महिला को चीज, कॉफी, शराब और अपाश्चरीकृत दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।

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