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महिलाओं के मासिक चक्र में ओवुलेशन एक बहुत अहम शब्द है। अगर आप अपनी पीरियड साइकिल और कंसीव करने के सही समय के बारे में जानना चाहती हैं तो उससे पहले ओवुलेशन को समझना जरूरी है।
what is ovulation and how it works in hindi
Ovulation क्या है और कब होती है इस पीरियड की शुरुआत
ओवुलेशन मासिक चक्र का एक हिस्सा है। जब ओवरी में एग रिलीज होता है, तब ओवुलेशन होता है। ओवरी में अंडे के रिलीज होने पर वह स्पर्म से फर्टिलाइज हो भी सकता है और नहीं भी। अगर अंडा ओवरी से गर्भाशय में आकर इंप्लांट हो जाता है तो प्रेग्नेंसी शुरू होती है। यदि अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो एग टूट जाता है और पीरियड्स के दौरान यूट्राइन लाइनिंग गिरने लगती है।
गर्भधारण करने या प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए ओवुलेशन कैसे और कब होता है, ये समझना जरूरी है। इसकी मदद से महिलाएं कुछ स्वास्थ्य स्थितियों का पता भी लगा सकती हैं।
कब शुरू होता है ओवुलेशन
महिलाओं का मासिक चक्र 28 से 32 दिनों का होता है। हर महीने मासिक चक्र पीरियड के पहले दिन से गिना जाता है। आमतौर पर एग अगले पीरियड से 12 से 26 दिन पहले रिलीज होता है। अधिकतर महिलाओं को माहवारी 10 से 15 साल की उम्र में शुरू हो जाती है। वहीं, ओवुलेशन मेनोपॉज यानी 45 से 50 की उम्र या इसके बाद होता है।
मासिक चक्र के मध्य के चार दिन पहले और चार दिन बाद ओवुलेशन शुरू होता है।
कब तक रहता है ओवुलेशन
ओवुलेशन की प्रक्रिया की शुरुआत शरीर में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन यानी एफएसएच के रिलीज से होती है। ये मासिक चक्र के 6 से 14वें दिन के बीच होता है। एफएसएच ओवरी के अंदर अंडे को मैच्योर होने में मदद करता है ताकि वो आगे जाकर भ्रूण का रूप ले सके।
अंडे के मैच्योर होने पर शरीर में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन यानी एलएच रिलीज होता है जो कि एग के रिलीज को ट्रिगर करता है। एलएच के बढ़ने के 28 से 36 घंटे के बाद ओवुलेशन शुरू हो सकता है।
क्या सिर्फ ओवुलेशन पीरियड में प्रेगनेंट हो सकते हैं
ऐसा नहीं है कि महिलाएं केवल ओवुलेशन पीरियड में ही गर्भधारण कर सकती हैं। एग रिलीज होने के 12 से 24 घंटे के अंदर ही फर्टिलाइज हो सकता है, स्पर्म कुछ विशेष स्थितियों में महिलाओं के प्रजनन मार्ग में 5 दिनों तक रह सकता है।
इसलिए अगर आप ओवुलेशन के दौरान या ओवुलेशन के दिन ही सेक्स करती हैं तो आप प्रेगनेंट हो सकती हैं।
ओवुलेशल में कितनी बार सेक्स करने से प्रेगनेंट होते हैं
प्रेगनेंट होने के लिए सिर्फ फर्टाइल विंडो के दौरान सेक्स करने की जरूरत होती है। फटाईल विंडो 6 दिन की होती है। इसमें ओवुलेशन वाला दिन और एग रिलीज होने के बाद स्पर्म के प्रजनन मार्ग में रहने वाले 6 दिन शामिल हैं। ये वही पीरियड होता है जब सेक्स करने से गर्भधारण हो सकता है।
बच्चे के लिए कोशिश कर रहे कपल्स को फर्टाइल विंडो के हर दिन या एक दिन छोड़कर एक दिन सेक्स करने से कंसीव करने की संभावना काफी बढ़ सकती है।
गर्भधारण करने के लिए ओवुलेशन वाला दिन और इसके बाद के दो दिन सबसे सही होते हैं।
अगर ओवुलेशन न हो तो
अगर आपको हर महीने समय पर पीरियड नहीं आ रहे हैं तो हो सकता है आपका ओवुलेशन अनियमित हो या कुछ मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि ओवुलेशन हो ही नहीं रहा हो। इस स्थिति में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इसके अलावा तनाव और डायट का असर भी हर महीने के ओवुलेशन पर पड़ता है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या एमेनोरिया की वजह से भी ओवुलेशन अनियमित या पूरी तरह से बंद हो सकता है।
इन स्थितियों के कारण हार्मोनल असंतुलन, चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल आना, एक्ने और यहां तक कि बांझपन भी हो सकता है।
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