पीरियड के बाद सफेद पानी क्यों आता है?pregnancytips.in

Posted on Wed 19th Jun 2019 : 12:48

Women's health: किन कंडीशन में वाइट डिस्चार्ज होता है नॉर्मल, जानें कब पहुंचें डॉक्‍टर के पास

वाइट डिस्चार्ज प्राकृतिक तरीके से वजाइना को साफ रखता है। यह इंटरकोर्स के दौरान चिकनाई प्रदान करता है और यौन संक्रमण रोकने में भी मदद करता है।
under which condition white discharge is normal, know when to see the doctor
Women's health: किन कंडीशन में वाइट डिस्चार्ज होता है नॉर्मल, जानें कब पहुंचें डॉक्‍टर के पास

अक्‍सर महिलाओं को योनि से सफेद (Vaginal Discharge) पानी आने यानी वाइट डिस्चार्ज की शिकायत रहती है। जिन महिलाओं का वाइट डिस्चार्ज ज्‍यादा होता है, उन्‍हें कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, हर महिला को कभी ना कभी इससे जुड़ी परेशानियों को झेलना पड़ता है।

कुछ स्थितियों में वाइट डिस्चार्ज नॉर्मल होता है और कुछ स्थितियों में यह आपकी खराब सेहत के कारण हो सकता है। आइए, जानते हैं कब और किन स्थितियों में नॉर्मल होता है वाइट डिस्चार्ज...

कब होती है इसकी शुरुआत

आमतौर पर गर्ल्स को वाइट डिस्चार्ज (vaginal fluid) उनके पहले मासिक धर्म के बाद शुरू होता है। फिर यह हर महीने पीरियड्स के पहले और बाद में हो तो सामान्य ही माना जाता है। अगर इसके साथ कुछ परेशानियां ना जुड़ी हों तब।
गर्भावस्था या हॉर्मोन्स में बदलाव

कई स्थितियों में वाइट डिस्चार्ज कम या ज्यादा हो सकता है। गर्भावस्था, हॉर्मोन्स में बदलाव या वजाइनल इंफेक्शन के कारण डिस्चार्ज की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। साथ ही इसके कलर में बदलाव होता है और इससे तेज स्मेल आ सकती है।
​इस रंग का डिस्‍चार्ज होता है नॉर्मल

अधिकतर महिलाओं को पीरियड सर्कल के दौरान कई प्रकार का वाइट डिस्चार्ज होता है। सामान्य स्थिति में एक दिन में एक चम्मच के आसपास साफ वाइट डिस्चार्ज होता है। यह गाढ़ा या पतला हो सकता है। इसका रंग सफेद हो और इसमें किसी तरह की स्मेल ना आ रही हो तो यह सामान्य है। कई बार यह हल्के पीले रंग का भी हो सकता है।
​पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले

पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले होने वाला वाइट डिस्चार्ज कोशिकाओं और द्रव से भरा होता है। इसका रंग कभी-कभी हल्का पीला भी हो सकता है। परंतु अगर इसके कारण आपको खुजली, जलन या वजाइना में कोई और समस्या नहीं हो रही है, तब तक यह सामान्य माना जाता है।

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​ऑवलूशन के समय

वाइट, स्मेल फ्री और पतला या गाढ़ा वाइट डिस्चार्ज पीरिड्स आने का संकेत भी होता है। अगर यह क्रीमी सफेद डिस्चार्ज खिंचा हुआ और मोटा होना शुरू हो जाए तो आमतौर पर यह इस बात का संकेत होता है कि आपकी बॉडी में ओवल्युशन हो रहा है।
​ये हो सकते हैं वाइट डिस्चार्ज के कारण

वाइट डिस्चार्ज सही हो तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन कई बार यह इंफेक्शन के कारण भी होता है। इस समय यह मात्रा में अधिक और स्मेल वाला हो सकता है। इस कारण गर्ल्स को वजाइना में खुजली और जलन की समस्या हो सकती है। बैक्टेरियल इंफेक्शन होने पर इस फ्लयूड का रंग असामान्य गाढ़ापन लिए हुए एवं दुर्गंधयुक्त होता है।

यह Yeast Infection भी हो सकता है या किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी। मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान वेजाइना से पानी जैसा बहने वाला दुर्गन्धरहित चिपचिपा, पतला और सामान्य माना जाता है।
​व्हाइट डिस्चार्ज के मेन फैक्टर

प्राइवेट पार्ट की ठीक तरह से साफ-सफाई न रखना
किसी स्थिति में ज्यादा घबराहट होना
नए पुरुष के साथ सेक्सुअल संबंध बनाना
बार बार अबॉर्शन कराना
किसी तरह के संक्रमण के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी
शरीर में पोषक तत्वों की कमी
लंबे समय तक या अनियमित रक्तस्राव या स्पॉटिंग
एंटीबायोटिक्स या स्टेरॉयड का उपयोग
मासिक धर्म चक्र के माध्यम से हार्मोनल परिवर्तन
आम तौर पर कम योनि लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया होते हैं

​ट्रीटमेंट

आम तौर पर BV और STI व्हाइट डिस्चार्ज जैसे trichomonas, chlamydia or gonorrhea का ट्रीटमेंट सिंपल होता है जिनमें डॉक्टर्स कुछ एंटीबायोटिक जेल और क्रीम लगाने की सलाह देते हैं। कई बार तुरंत प्रभाव को कम करने या तो दवाई या फिर इंजेक्शन की सलाह भी दी जाती है।
दही, लहसुन, या टी-ट्री ऑयल वाइट डिस्चार्ज के उपचार में सहायक है?

वैज्ञानिक तौर पर तो इन उपचारों का कोई प्रमाण नहीं है लेकिन दही में रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता होती है, जो शरीर में संक्रमण को कम करती है। इसलिए अपने आहार में दही का इस्तेमाल कर आप इस समस्या को कम कर सकते हैं।
वाइट डिस्चार्ज की समस्या में भी लहसुन की कली का सेवन बहुत जबरदस्त तरह से काम करता है। जिन महिलाओं को वजाइना से सफेद पानी निकलने की समस्या होती है वो सुबह के वक्त 1 से 2 कच्ची लहसुन की कली का सेवन कर सकती हैं। यह दादी नानी द्वारा बताया बहुत ही पुराना नुस्खा है। लहसुन में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण आपकी समस्या का निदान करने में मदद करते हैं।
गुलाब के पत्तों को पीस कर सुबह- शाम चम्मच दूध के साथ सेवन करने से भी इस समस्या को कम किया जा सकता है।
गाजर, मूली एवं चुकंदर के जूस का रोजाना पीने से भी व्हाइट डिस्चार्ज में राहत मिलती है।

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