पुरुषों को अपना पहला बच्चा किस उम्र में होना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 09:52

पुरुषों के लिए पिता बनने की सही उम्र क्या है?
सवाल: मैं 35 वर्षीय विवाहित युवक हूं। मेरी पत्नी 32 साल की है। मेरी शादी को चार वर्ष हो गए हैं। लेकिन मैं अभी और दो साल तक पिता नहीं बनना चाहता। मैं जानना चाहता हूं कि किस उम्र तक मेरा पिता बनना सही रहेगा? आगे चलकर मेरी पत्नी को कंसीव करने में तो कोई समस्या नहीं आएगी? क्या यह सही है कि एक उम्र के बाद पुरुषों के स्पर्म खराब होने लगते हैं, जिसके कारण उनके पिता बनने में समस्या आती है?
जवाब: जी हां, यह सही है कि पेरेंट्स बनने की एक सही उम्र निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार एक महिला के गर्भधारण की सही उम्र 35 साल तक की निर्धारित की गई है। 35 की उम्र के बाद भी महिला गर्भ धारण कर सकती है, लेकिन उसकी प्रेग्नेंसी में कुछ कॉम्प्लिकेशन आने की संभावना रहती है। हालांकि, ऐसा कम ही होता है, लेकिन फिर भी इसकी संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
बच्‍चा पैदा करने के लिए पुरुष की सही उम्र

अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार पुरुषों को 40 साल पूरा करने से पहले ही पिता बन जाना चाहिए, क्‍योंकि इसके बाद उन्‍हें दिक्‍कत आ सकती है। पुरुषों में फर्टिलिटी को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक है टेस्‍टोस्‍टेरोन हार्मोन का लेवल। चूंकि 30 साल की उम्र के बाद हर साल टेस्‍टोस्‍टेरोन का लेवल 1 प्रतिशत कम होता जाता है, इसके कारण पुरुषों के स्‍पर्म काउंट पर भी असर पड़ता है। जिसके कारण 35 की उम्र के बाद पुरुषों में स्‍पर्म काउंट घटना शुरू हो जाता है। स्‍पर्म काउंट के अलावा पुरुषों के फर्टिलिटी रेट को स्‍पर्म की गतिशीलता भी प्रभावित करती है। एग को फर्टिलाइज करने के लिए स्‍पर्म के फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक पहुंचने में स्‍पर्म की गतिशीलता भी अहम होती है। 30 से 35 साल की उम्र में पुरुषों के स्‍पर्म की गतिशीलता सबसे बेहतर होती है, फिर इसमें गिरावट आने लगती है। 55 साल की उम्र में स्‍पर्म की गतिशीलता सबसे कम होती है।


मेल इन्फर्टिलिटी यानी पुरुषों में बांझपन की समस्या
मेल इन्फर्टिलिटी यानी पुरुषों में बांझपन भी एक कारण है, जिसकी वजह से कपल्स को कंसीव करने में समस्या आती है। इन्फर्टिलिटी की वजह से पुरुषों में हीन भावना के साथ साथ आत्मविश्वास में भी कमी आ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में बांझपन के शिकार पुरुष और महिलाओं का प्रतिशत 20 से 40 प्रतिशत तक है। जबकि भारत में बांझपन के शिकार पुरुषों की कुल संख्या 23 प्रतिशत हैं।

रिसर्च कहते हैं
हालांकि इस मामले पर कई रिसर्च हो चुके हैं और हर अध्‍ययन का परिणाम अलग-अलग है। बच्‍चा पैदा करने के लिए पुरुष की सही उम्र जानना, कई कारकों पर निर्भर करता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन में कमी, खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी डाइट, लो स्पर्म काउंट, हार्मोन्स अनबेलैंस, बढ़ती उम्र, टेस्टिकुलर कैंसर, अक्रोसोमल डिफेक्ट, मलेरिया और ममप्स का होना भी पुरुष की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है। स्‍मोकिंग, टाइट अंडरवियर पहनने, नींद की कमी, अल्कोहल का सेवन, ध्‍वनि प्रदूषण का असर भी पुरुषों की फर्टिलिटी पर पड़ता है।इंटरनेशनल जरनल ऑफ एनवायरमेंटल पॉल्‍यूशन में प्रकाशित एक स्‍टडी के अनुसार रात को सोते समय शोर के संपर्क में आने की वजह से पुरुषों में इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार 55 डेसिबल से ऊपर शोर का हर 10 डेसिबल इनफर्टिलिटी के खतरे को बढ़ाने के साथ-साथ प्रीमैच्योर बर्थ और मिसकैरेंज का कारण भी बन सकता है।सेहत के लिए सबसे ज्‍यादा खतरनाक

कुछ चीजों से दूर रहें और कुछ चीजों को अपनाएं
पुरुषों की इनफर्टिलिटी को प्रभावित करने वाले कारणों में एक कारण देर रात तक गैजेट का इस्तेमाल करना भी है। देर रात तक
डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करना स्पर्म मोटिलिटी, प्रोग्रेसिव स्पर्म मोटिलिटी और स्पर्म कंस्ट्रेशन पर प्रभाव डालता है। दरअसल डिजिटल उपकरणों से एक रोशनी निकलती है, जिसे शॉर्ट- वेवलेंथ लाइट (SWL) कहते हैं। स्टडी कहते हैं कि जितना ज्यादा आप SWL के संपर्क में रहेंगे, उतना ही अधिक यह आपके स्पर्म की गुणवत्ता पर असर डालती है। इसलिए देर रात तक डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करने से बचें। साथ ही एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए हेल्दी डाइट लेना, पर्याप्त नींद लेना, एक्सरसाइज करना, टेंशन फ्री रहने के लिए मैडिटेशन करना बहुत जरूरी है।

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