Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
इन 5 प्रसूति रोगों से जूझती हैं सभी महिलायें
महिलायें भले ही स्वस्थ क्यों न हों, लेकिन वे अपने जीवन में प्रसूति रोगों से जरूर जूझती हैं, इस स्लाइडशो में हम आपको बता रहे हैं आखिर ऐसा क्यों होता है।
सामान्य प्रसूती रोग
जिस तरह से महिलाओं और पुरुषों में कई तरह के शारीरिक और मानसिक अंतर होते हैं। उसी तरह से कई रोगों में भी इनमें कई सारे अंतर पाए जाते हैं। कई रोग तो केवल महिलाओं को होते हैं। इनमे से प्रसूति संबंधी रोग तो हर महिलाओं में होते हैं जिनके बारे में शायद ही पुरुष अंदाजा लगा पाएं कि इन रोगों में कितनी सारी समस्याएं होती हैं। पहले ये रोगों के बारे में महलाएं दूसरों से साझा करने में झिझकती थी लेकिन अब खुलकर इसपर बात करती हैं औऱ ये जरूरी भी है। आइए इस रोग से जुड़ी जरूरी जानकारी के बारे में हम आपको इस स्लाइडशो में बताते हैं।
अनियमित पीरियड्स
अनियमित पीरियड्स
2/6
हर महिला अपनी लाइफ में एक बार अनियमित पीरियड्स की समस्‍या से जरूर गुजरती है। ऐसा कई बार हार्मोनल डिसबैलेंस या शरीर में पोषक-तत्वों की कमी की वजह से होता है। दरअसल हर महीने महिलाएं मासिक चक्र के दौरान अनफर्टीलाइज एग्स रिलीज करती हैं। लेकिन कई बार फर्टीलाइज एग्स की सुरक्षा के लिए शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जो गर्भाशय के ऊपर एक मोटी लाइन बनाती है। ऐसे में अगर कोई अंडा समायानुसार फर्टिलाइज नहीं होता है तो यह लाइन माहवारी या पीरियड के रूप में बह जाती है। लेकिन कई बार शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बहुत अधिक डिसबैलेंस हो जाते हैं जिससे माहवारी बहुत दिनों तक नहीं होती और जब होती है तो काफी ब्लीडिंग के साथ होती है। इसे ही अनियमित पीरियड्स कहते हैं। अनियमित पीरियड्स के कारण हार्मोनल चेंजेस दवाईयों का अशर पेल्विक ओर्गन्स की बीमारी अनियमित खान-पान
पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
3/6
पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) एक तरह का स्टेन-लेवेंथल सिंड्रोम भी कहा जाता है जिसमें हार्मोन सम्बंधित समस्या होती है। इसमें स्त्री यौन हार्मोन असंतुलित हो जाता है जिससे महिलाओं में कई प्रकार के लक्षण पैदा होते हैं। इस रोग में मासिक चक्र में बदलाव और गर्भधारण करने में कठिनाई होती है। पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षण चेहरे पर अधिक बाल आना मुहांसे व पिंपल होना मोटापा होना गर्भ धारण करने में दिक्कत वेजाइना यीस्ट इंफेक्शन बालों का झड़ना
अंडा ना बनना या अनोवूलेशन
अंडा ना बनना या अनोवूलेशन
4/6
महिलाओं में गर्भधारण के दौरान ओवरी से अंडा निकलना सामान्य बात है। लेकिन समस्या तब आती है जब अंडा ओव्यूलेट ही नहीं होता। ये बीमारी अधिकतर महिलाओं में होती है। इनके कारणों का पता लगाकर इसका इलाज किया जा सकता है। अनोवूलेशन के लक्षण अनियमित माहवारी एब्नार्मल ब्लीडिंग ज्यादा तनाव जरुरत से ज्यादा व्यायाम ज्यादा वजन अत्यधिक भोजन करना थाइरॉइड हार्मोन लेवल कम होना
अधिक रक्तस्राव
अधिक रक्तस्राव
5/6
पीरियड के दिनों में अधिकतर महिलाओं को अधिक रक्तस्राव होने की समस्या होती है। ये समस्या हर पांचवी महिला को होती है। अधिक रक्तस्राव के साथ महलाओं में पेटदर्द व कमर दर्द की समस्या होती है जिससे ये और अधिक असहनीय हो जाती है। ऐसा खून में हीमोग्लोबीन की कमी के कारण होता है। और अधिकतर महिलाओं में हीमोग्लोबीन की कमी होती है। अधिक रक्तस्राव के लक्षण पहले दिन बहुत अधिक ब्लीडिंग होना 7 दिन पीरियड रहना डबल प्रोटेक्शन (टेम्पू और पैड) लेना हर दो घंटे पर पैड चेंज करना हार्मोनल इमबैलेंस इन्फेक्शन
पीरियड ना होना या रुक जाना
पीरियड ना होना या रुक जाना
6/6
महिलाओं को नौ से तेरह साल की उम्र तक पीरियड हो जाते हैं। लेकिन कई बार शारीरिक बीमारियों और फीमेल हार्मोन की कमी की वजह से महिलाओं में पीरियड नहीं होते हैं। कई बार पीरियड शुरू के दो-तीन साल होते हैं और फिर रुक जाते हैं। ऐसा बहुत सी महिलाओं के साथ होता है। कई महिलाओं को पीरियड होने के लिए दवाईयां भी लेनी पड़ती हैं। यह भी एक तरह की समस्या है जो हर तीसरी महिला को होती है।अगर आप लगातार तीन पीरियड मिस कर चुकी हैं तो ये खतरे का संकेत है। ऐसे में प्रेगनेंसी टेस्ट करवाएं या अपने चिकित्सक से मिलें। या फिर 16 साल की उम्र तक आपको यदि पीरियड शुरू नहीं हुए हैं तो भी अपने चिकित्सक के पास जाएं। पीरियड न होने के कारण तनाव हार्मोनल समस्या किसी दवा का अत्यधिक इस्तेमाल गंभीर शारीरिक बीमारी
--------------------------- | --------------------------- |