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प्रेगनेंट होने के लिए HCG Hormone है जरूरी, जानिए कितना होना चाहिए नॉर्मल लेवल
गर्भावस्था में कई तरह के हार्मोंस रिलीज होते हैं जिनमें से एक एचसीजी हार्मोन भी है। इसी हार्मोन की मौजूदगी से प्रेगनेंसी सुनिश्चित होती है।
एचसीजी हार्मोन का मतलब है ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के लिए इस हार्मोन का उत्पादन होता है। प्रेग्नेंसी का पता लगाने और उसे बनाए रखने के लिए एचसीजी हार्मोन अहम भूमिका निभाता है। गर्भवती महिलाओं में एचसीजी का स्तर बहुत ज्यादा रहता है।
एचसीजी हार्मोन का महत्व
ये हार्मोन मटरनल एंडोक्राइन कोशिका के समूह यानी कोरपस ल्यूटियम को बनाए रखने में अहम है। अगर अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो ये कोरपस ल्यूटियम 14 दिनों के अंदर नष्ट हो जाता है जबकि फर्टिलाइजेशन यानी कंसीव करने की स्थिति में एचसीजी कोरपस ल्यूटियम को बनाए रखता है।
कोरपस ल्यूटियम प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को जारी रखने के लिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि प्रोजेस्ट्रोन की कमी में भ्रूण की लाइनिंग हट सकती है जिससे भ्रूण इंप्लांट होने से रूक सकता है। एचसीजी एम्ब्रियोनिक हार्मोन है जो कि गर्भावस्था के पहले चरण के दौरान कोरपस ल्यूटियम को प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बनाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है।
कितना होना चाहिए एचसीजी लेवल
एचसीजी हार्मोन का लो लेवल कंसीव करने के 8 से 11 दिनों बाद खून से पता चल सकता है। वहीं प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के अंत में एचसीजी का स्तर सबसे ज्यादा रहता है। इसके बाद गर्भावस्था के बाकी के चरणों में इसका स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है।
गर्भवती महिला के खून में एचसीजी हार्मोन का स्तर निम्न प्रकार से होता है -
सामान्य महिलाओं में - 10 यू/एल से कम
बॉर्डरलाइन प्रेग्नेंसी रिजल्ट - 10 से 25 यू/एल
पॉजीटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट - 25 यू/एल से ज्यादा
गर्भवती महिला, आखिरी मासिक धर्म के लगभग 4 हफ्ते बाद या एलएमपी (पहला पीरियड मिस होने के लगभग एक हफ्ते पहले) - 0 से 750 यू/एल
गर्भवती महिला, पहला पीरियड मिस होने के एक हफ्ते के बाद से पांच हफ्ते के बाद - 200 से 7,000 यू/एल
गर्भवती महिला, एलएमपी के लगभग 6 हफ्ते बाद - 200 से 32,00 यू/एल
गर्भवती महिला, एलएमपी के लगभग 7 हफ्ते बाद - 3,000 से 160,000 यू/एल
प्रेगनेंट महिला, एलएमपी के बाद लगभग 8 से 12 हफ्तों में - 32,000 से 210,000 यू/एल
प्रेगनेंट महिला, एलएमपी के बाद लगभग 13 से 16 हफ्तों में - 9,000 से 210,000 यू/एल
प्रेगनेंट महिला,एलएमपी के बाद लगभग 16 से 29 हफ्तों में - 1,400 से 53,000 यू/एल
प्रेगनेंट महिला, एलएमपी के बाद लगभग 29 से 41 हफ्तों में - 940 से 60,000 यू/एल
क्या संकेत देता है एचसीजी लेवल
जुड़वा बच्चे या तीन बच्चे होने पर एचसीजी का लेवल हाई होना
मिसकैरेज होना या गर्भपात का खतरा
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
शिशु के विकास में कोई दिक्कत
अंडाशय या गर्भाशय में असामान्य ऊतक बढ़ना, इसमें महिलाओं में होने वाले कुछ प्रकार के कैंसर भी शामिल हैं। ये महिलाएं इस दौरान गर्भवती नहीं होती हैं।
अगर एचसीजी का लेवल ज्यादा बढ़ जाए तो
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि एचसीजी बढ़ने से कोई नुकसान होता है। इस हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा होना दुर्लभ ही होता है लेकिन अगर ऐसा हो तो यह मोलर प्रेग्नेंसी (जिसमें भ्रूण बनाने वाला ऊतक असामान्य रूप से बढ़ने लगता है और ट्यूमर का रूप ले सकता है) का संकेत हो सकता है।
कई बार किडनी, ब्रेस्ट कैंसर, फेफड़ों और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मार्ग में कैंसर की स्थिति में भी एचसीजी लेवल बढ़ सकता है।
एचसीजी का लेवल कम होने के नुकसान
एचसीजी हार्मोन लेवल का कम होने का मतलब है प्रेग्नेंसी को खतरा होना। अक्सर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में इस हार्मोन का स्तर गिरता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में भ्रूण गर्भाशय से बाहर इंप्लांट हो जाता है। एचसीजी हार्मोन का स्तर गिरने पर मिसकैरेज भी हो सकता है।
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