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प्रेगनेंसी में कमर और पीठ दर्द एक आम शिकायत है। प्रेगनेंसी के दौरान जब आपका वजन बढ़ता हैं तो इसका असर रीढ़ की हड्डी पर होता हैं, जिससे आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर में रिलेक्सिन हार्मोन बनता है जो जोड़ों को ढीला करता हैं जिस से कमर दर्द की समस्या हो जाती है।
लेकिन कुछ घरेलू तरीकों की मदद से आप इस परेशानी से निजात पा सकती हैं। प्रेगनेंसी के शुरुआती चरण में जी मितली, उल्टी या मॉर्निंग सिकनेस होती है जो कि दूसरी तिमाही तक कम भी हो जाती हैं लेकिन गर्भावस्था में पीठ दर्द की समस्या डिलीवरी तक बनी रहती है। ऐसे में घरेलू तरीकों से इसे कम करना आपके लिए आरामदायक साबित हो सकता है।
गर्भावस्था में आमतौर पर महिलाओं को कमर दर्द की शिकायत रहती है। हालांकि, ऐसा होना सामान्य बात है। हर महिला को गर्भावस्था के दौरान थोड़ा या ज्यादा कमर दर्द होता ही है। वैसे तो ये समस्या गर्भावस्था के किसी भी चरण में हो सकती है, लेकिन प्रेगनेंसी के आखिरी चरणों में ऐसा ज्यादा देखा जाता है।
एक्सरसाइज-
प्रेग्नेंसी में नियमित एक्सरसाइज करने से पीठ दर्द कम हो सकता है। आप ब्रिस्क वॉक, तरौकी या हल्के व्यायाम कर सकती हैं। शुरुआत में आपको हल्की एक्सरसाइज ही करनी चाहिए। पहले 10 मिनट एक्सरसाइज करें और फिर धीरे-धीरे इस समय को बढ़ाते रहें। इस समय योग, पिलाटेस, ताई ची या रिलैक्सेशन क्लासेस से भी मदद मिलेगी। योग और पिलाटेस से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे की कमर को सहारा मिलता है।
मालिश-
मालिश से मांसपेशियों को राहत मिलती है जिससे पीठ दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है। हल्के हाथों से मालिश करने के अलावा ठंडी या गर्म सिकाई भी इसमें फायदेमंद साबित हो सकती है।
सही मुद्रा या पोजीशन अपनाएं-
आपके बैठने और उठने का तरीका भी पीठ दर्द को कम कर सकता है। प्रेग्नेंसी में सही पोजीशन में बैठने और लेटने की कोशिश करें। बैठने पर पीठ के पीछे एक नरम तकिया लगाएं और लेटते समय बाईं करवट लेकर लेटें। लेटते समय दोनों पैरों के बीच तकिया लगाने से भी आराम मिलता है।
एरोमाथेरेपी-
आप लैवेंडर ऑयल से एरोमाथेरेपी बाथ ले सकती हैं। प्रेग्नेंसी में यह सुरक्षित होता है और इससे मांसपेशियों में दर्द से राहत पाने में भी मदद मिल सकती है। अपने नहाने के पानी में अंगूर के बीज के तेल में लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंदें डालकर नहाएं। इसके अलावा लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंद मिले गुनगुने पानी में एक कपड़े को भिगोकर सिकाई करने से भी पीठ दर्द से राहत मिलती है।
प्रेग्नेंसी में पीठ दर्द होना आम बात है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इस परेशानी को कम या खत्म कर सकती हैं। अगर आपको प्रेग्नेंसी के आखिरी चरण में कमर में बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा है तो यह समय से पहले डिलीवरी का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको ऊपर बताए गए तरीकों से भी कमर दर्द से राहत नहीं मिल रही है तो इस स्थिति में भी चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।
ये हैं बचाव के तरीके
1- लंबे समय तक बैठने से बचें. अगर आपका काम ज्यादा देर तक बैठे रहने का है तो स्टूल पर पैर रखकर बैठें और कमर के पीछे तकिया जरूर लगाएं. इससे आपकी बैक को सपोर्ट मिलेगा.
2- कैल्शियम और विटामिन डी वाली चीजों को पर्याप्त मात्रा में सेवन करें. दूध, दही और पनीर वगैरह लें. हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने डाइट प्लान में शामिल करें. रोजाना 10 बजे से पहले थोड़ी देर के लिए धूप में जरूर बैठें. अगर आपको डाइट या प्राकतिक स्रोतों से कैल्शियम नहीं मिल पा रहा है तो आप डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लें.
3- विशेषज्ञ की सलाह से हल्के व्यायाम करें. व्यायाम आपके बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के साथ मांसपेशियों को लचीला बनाते हैं. रोजाना कुछ देर टहलने की आदत डालें.
4- आप घर के किसी सदस्य की मदद से मालिश करवाएं. मालिश से मांसपेशियों को काफी आराम मिलता है और दर्द में राहत मिलती है. मालिश के बाद सिंकाई कराने से ज्यादा आराम महसूस होगा.
5- बाईं करवट लेकर सोने की आदत डालें. सोते समय कमर के नीचे तकिए का सपोर्ट लें. इससे भी कमर दर्द में राहत मिलती है. इसके अलावा दोनों पैरों के बीच भी तकिया लगाकर सोने से आराम मिलता है. लेटने के बाद एकदम से झटके के साथ न उठें. इससे आपकी समस्या बढ़ भी सकती है.
6- बहुत देर तक खड़े रहकर करने वाला कोई काम मत कीजिए. बीच बीच में बैठ जाइए. पैरों पर बहुत ज्यादा वजन न पड़ने दें.
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