प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में क्या क्या दिक्कत होती है?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 14:04

Symptoms at 2 months pregnant: प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में नजर आने वाले संकेत, लक्षण, शारीरिक बदलाव, सावधानियां और डाइट टिप्स

प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में नजर आने वाले लक्षण, शारीरिक बदलाव और डाइट टिप्स।
Second Months Pregnancy Symptoms: प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में पहले महीने से कई अलग लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर आप कुछ सावधानियां बरत सकती हैं, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत को कोई नुकसान ना पहुंचे।
Second Month Pregnancy Symptoms in Hindi: प्रेग्नेंसी का फर्स्ट ट्राइमेस्टर (Pregnancy first Trimester) गर्भवती महिला (Pregnant women) और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बेहद ही नाजुक होता है। प्रेग्नेंसी के पांचवे सप्ताह में जब एक महिला प्रवेश करती है, तो वह प्रेग्नेंसी का दूसरा महीना (Second Month Pregnancy) कहलाता है। गर्भावस्था के दूसरे महीने में शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। पहले महीने में दिखने वाले लक्षणों से दूसरे महीने में नजर आने वाले लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं। सुबह उठकर थकान, उल्टी, जी मिचलाना, सिरदर्द आदि कॉमन प्रेग्नेंसी के लक्षण (Pregnancy symptoms in Hindi) हैं। दूसरे महीने से गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी अल्ट्रासाउंड करवाते समय देखा जा सकता है। विस्तार से जानते हैं प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में नजर आने वाले लक्षण (2 months pregnant symptoms), शारीरिक बदलाव, सावधानियां और डाइट टिप्स....
दूसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव

प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं। खासकर, एचसीजी हार्मोंस का स्तर बढ़ जाता है। इससे ये पता चलता है कि आप प्रेग्नेंट हैं। इस हार्मोंस के बढ़ने से ही शरीर में बदलाव आते हैं और आपको अनियंत्रित महसूस होता है। दरअसल, दूसरे महीने में पेट बढ़ा हुआ नजर नहीं आता है, इसलिए भी लोगों को पता नहीं चलता कि आप प्रेग्नेंट हैं। धीरे-धीरे पेट पर दबाव बढ़ने लगता है, जिससे आपको महसूस होता है कि आपको आराम करना चाहिए।
दूसरे महीने में शिशु का विकास

दूसरे महीने में शिशु का विकास लगभग 1-5 मिमी तक हो जाता है। शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे- दिल, हड्डी, मांसपेशियों, तंत्रिका तंत्र विकास होना शुरू हो जाता है। हड्डियां अपना आकार लेने लगती हैं। शिशु के दिल का विकास जल्दी होता है। हार्ट चार चैम्बर में विभाजित हो जाता है। खून पंप करना शुरू कर देता है। प्लेसेंटा यानी नाल और एम्बिलिकल कॉर्ड यानी गर्भनाल का विकास हो जाता है और इसी के जरिए शिशु को भोजन प्राप्त होता है। धीरे-धीरे नाक, मुंह, कान, आंख, उंगुलियां दिखाई देने लगती हैं।
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने नजर आने वाले लक्षण (Symptoms at 2 months pregnant in Hindi)

1 दूसरे महीने में प्रेग्नेंट महिला को सुबह मॉर्निंग सिकनेस की समस्या (Symptoms of pregnancy in hindi) बहुत ज्यादा होती है। सुबह उठते ही जी मिचलाना अधिक महसूस कर सकती हैं।

2 मूड में बहुत बदलाव आता है। बात-बात पर चिड़चिड़ापन, खीजना, गुस्सा करना कई महिलाओं (2 months pregnant symptoms) में देखा जा सकता है। इसकी मुख्य वजह है प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन में बदलाव होना। यह मस्तिष्क के रासायनिक संरचना में बदवाल होने के कारण होता है।

3 दूसरे महीने में आपको बार-बार पेशाब करने का मन कर सकता है। भले आप पेशाब जाएं, लेकिन पानी पीना कम ना करें, क्योंकि प्रेग्नेंसी में हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी होता है।

4 आपके ब्रेस्ट का साइज बढ़ने लगता है। हो सकता है आपको पहले के ब्रा फिट ना हों। ब्रेस्ट को छूने से आपको दर्द भी महसूस हो सकता है। ब्रेस्ट के साथ ही वजन भी बढ़ना शुरू हो सकता है।

5 किसी-किसी महिलाओं की भूख खत्म हो जाती है। वो जो कुछ भी खाती हैं, उल्टी हो जाती है। तो कुछ महिलाओं को तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है। कुछ महिलाओं को खाने की महक नहीं भाती है।
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में हो सकती हैं ये समस्याएं

आपको बार-बार लार बन सकता है।
कब्ज की शिकायत हो सकती है।
सीने और पेट में जलन।
अपच, गैस या फिर पेट खराब हो सकता है।
खाने की इच्छा में कमी।
सिरदर्द, चक्कर आना बहुत कॉमन है।
निप्पल के आसपास का भाग अधिक डार्क हो जाना।
शरीर में खासकर, पैरों में सूजन रहना।
योनी से हल्का रक्तस्राव होना।

गर्भावस्था के दूसरे महीने में बरतें ये सावधानियां (precautions for second month of pregnancy)

आराम करें। अधिक भारी चीजें ना उठाएं।
लिक्विड पदार्थ अधिक लें। प्रेग्नेंसी में खुद को हाइड्रेट रखना जरूरी है।
भोजन घर का खाएं। फल-सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाएं।
एक बार में ही अधिक खाने से बचें। थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे खाना जल्दी पच जाएगा।
ब्रेस्ट का साइज बढ़ने लगता है, ऐसे में सपोर्टिव ब्रा पहनें।

प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में डाइट (Second month pregnancy diet)

यदि आप दो महीने की प्रेग्नेंट हैं, तो यह स्टेज शिशु के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में आपका खानपान हेल्दी और पौष्टिक चीजों से भरपूर होना चाहिए। बाहर का खाना बंद कर दें। घर का बना ताजा और पौष्टिक भोजन ही करें। स्वस्थ और संतुलित आहार लें। हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ, साबुत अनाज, स्प्राउट्स, अंडा, मछली आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। प्रेग्नेंसी में हड्डियों को मजबूती देने के लिए दूध, दही, पनीर भी खाएं। शरीर में खून और आयरन की कमी ना हो, इसके लिए आयरन से भरपूर फूड्स, फल-सब्जी जैसे पालक, चुकंदर आदि खाएं। फॉलिक एसिड, फोलेट, कैल्शियम, जिंक, आयरन, आयोडीन, विटामिन डी गर्भावस्था में बहुत जरूरी हैं। डॉक्टर आपको सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह देंगे, इनके सेवन से बच्चों में जन्म–दोष को रोका जा सकता है।

Pregnancy Symptoms: प्रेग्नेंसी के पहले महीने में नजर आने वाले संकेत और लक्षण

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