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प्रेग्नेंसी कैलेंडर की मदद से जानें बच्चे की ग्रोथ का हाल
गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का विकास कितना हो गया है, यह जानने के लिए आप बहुत रोमांचित होती हैं। ज्यादा जानकारी और गर्भावस्था कैलेंडर के बारे में पढ़ने के लिए इस लेख को पढ़ें।
प्रेग्नेंसी कैलेंडर की मदद से जानें बच्चे की ग्रोथ का हाल
गर्भधारण के पश्चात भ्रूण का विकास होना शुरू हो जाता है। गर्भावस्था कैलेंडर के माध्यम से इसकी पुष्िट की जा सकती है। गर्भधारण स्त्री के अंडाणु और पुरूष के शुक्राणुओं के एक साथ मिलने से संतानोत्पति होती है।
गर्भावस्था के दौरान शिशु विकास नौ महीने तक विभिन्न चरणों में होता है। बच्चे का विकास हफ्ता दर हफ्ता होते-होते, महीनों और फिर ट्राईमेस्टर में बदल जाता है। गर्भावस्था कैलेंडर के माध्यम से गर्भवती महिलाएं ये जान सकती हैं कि उनका भ्रूण कितना विकासित हो गया है या होने वाले बच्चे को कितना समय लगेगा। आमतौर पर प्रेग्नेंसी कैलेंडर में नौ माह तय किए गए हैं, लेकिन आपातकालीन स्थिति में ये कैलेंडर आठ महीने या दस महीने का भी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी कैलेंडर से महिला यह जान सकती हैं कि होने वाला बेबी नॉर्मल है या नहीं। गर्भावस्था कैलेंडर के माध्यम से ही भ्रूण के विकास और आने वाली स्थितियों का अंदाजा रहता है। कई बार इस कैलेंडर की बदौलत गर्भवती अपनी डिलीवरी तिथि के बारे में भी जान सकती है। गर्भावस्था कैलेंडर के कारण महिलाएं अपने खाने की चीजों का अंदाजा लगा सकती हैं कि बच्चे के विकास का सप्ताह का कौन सा दौर है जिससे उसी तरह की डाइट ली जाए। पहले ट्राईमेस्टर में एक से तीन महीने, दूसरे ट्राईमेस्टर में चार से छह महीने और तीसरे ट्राईमेस्टर में सात से नौ महीने होते हैं।
भ्रूण का अलग-अलग महीनों में विकास
पहला महीना
गर्भधारण के पहले महीने में आमतौर पर सेहत संबंधी समस्याएं अधिक नहीं होती। आपके पीरियड्स आने बंद हो जाएंगे। हो सकता है आपको बार-बार वाशरूम के चक्कर लगाने पड़ें। आपकी त्वचा का रंग भी बदल सकता है, ऐसे में आपको भारी सामान उठाने से परहेज करना चाहिए।
दूसरा महीना
यह थोड़ा जटिल समय होता है, इस महीने में शिशु के हृदय का विकास होता है और इसलिए इसमें सावधानी आवश्यक है। दूसरे महीने के बाद अल्ट्रासाउंड के सहारे यह बताना आसान हो जाता है कि बच्चे का सिर किस तरफ है और पैर किस तरफ है।
तीसरा महीना
तीसरे महीने में शिशु की हड्डियों के साथ ही कान और बाहरी अंगों का निर्माण होता है। इस समय बच्चे का सिर शरीर का सबसे बड़ा भाग होता है।
चौथा महीना
चौथे महीने में हार्मोन का निर्माण होने लगता है और बच्चा के शरीर से एमनियोटिक द्रव भी निकलने लगता है। इस समय बच्चे का वजन लगभगग 85 ग्राम तक होता है।
पांचवा महीना
पांचवे महीने में बच्चे की लंबाई लगभग 25 सेंटीमीटर होती है। अब आप होने वाले बच्चे की गति को महसूस कर सकती हैं। हालांकि इस महीने में बच्चे के नए अंग नहीं बनते, लेकिन बच्चे के हाथों और पैरों के पैड और उंगलियों का विकास होता है।
छठा महीना
कुछ बच्चों का जन्म 6 महीनों पर ही हो जाता है। ऐसे बच्चों को प्रीमैच्योर बेबी कहा जाता है। इस समय बच्चे के शरीर में ब्राउन वसा बननी शुरू हो जाती है, जिससे बच्चे के शरीर का ताप नियंत्रित रहता है।
सातवां महीना
बच्चे की किक महसूस करने का समय आ गया है। इससे आपकी नींद पर भी असर पड़ सकता है। होने वाला शिशु आपके पाचन तंत्र को और आपकी सांसों की गति को महसूस कर सकता है। कुछ बच्चे इस समय भी पैदा हो जाते हैं, लेकिन उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
आठवां महीना
आपका शिशु, अब किसी भी समय इस नई दुनिया में प्रवेश कर सकता है। लेकिन, वो जितना समय आपके गर्भ में बिताएगा बच्चे के स्वास्थ्य के लिए यह उतना ही अच्छा रहेगा। बच्चे का पूरा विकास हो चुका है।
नवां यानी अंमित महीना
चिकित्सक ने शायद आपको प्रसव का दिन बता दिया हो। आपका शिशु कभी भी दुनिया में कदम रख सकता है। यह खुशी के साथ ही खतरों का भी समय है, इस समय अपने अनुभवों को महसूस करना बेहद जरूरी है। बच्चे का वजन अब 7 पाउंड तक हो सकता है।
अधिकतर बच्चे चिकित्सक के बताए गए समय से पहले ही पैदा हो जाते हैं। ऐसे में आपको सर्जरी व प्राकृतिक रूप से होने वाले प्रसव की भी जानकारी होनी चाहिए। हो सके तो घर के बाहर कम निकलें और देख-रेख के लिए हर समय आपके पास कोई ना कोई होना चाहिए।
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