प्रेगनेंसी टेस्ट किट कितने दिन बाद करना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए वैसे तो कई तरीके इस वक्त मौजूद हैं, लेकिन उनके नतीजे कब बेहतर और सही रहेंगे इसके बारे में जानकारी होना भी जरूरी है। इसलिए यह पता होना चाहिए कि Pregnancy Test आखिर कब और सेक्स के कितने दिन बाद किया जाए।

प्रेग्नेंसी टेस्ट
प्रेगनेंसी टेस्‍ट का रिजल्‍ट तब ज्‍यादा सटीक आता है जब उसे सही समय पर किया जाए। कई बार गलत समय और गलत तरीके से करने पर टेस्‍ट का रिजल्‍ट गलत आ सकता है। प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए वैसे तो कई तरीके इस वक्त मौजूद हैं, लेकिन उनके नतीजे कब बेहतर और सही रहेंगे इसके बारे में जानकारी होना भी जरूरी है।

इसलिए यह पता होना चाहिए कि प्रेग्नेंसी टेस्ट आखिर कब और सेक्स के कितने दिन बाद किया जाए। वैसे तो पीरियड नहीं आना प्रेग्नेंसी का पहला लक्षण माना जाता है, हालांकि इसकी कई और वजह भी हो सकती हैं। ऐसे में आपका कन्फर्म होना जरूरी हो जाता है।


पीरियड के बाद कब करें टेस्‍‍‍ट

अकसर महिलाओं के सामने सबसे पहला और बड़ा सवाल होता है कि पीरियड न आने के कितने दिन बाद टेस्ट किया जाए। साफ तौर पर प्रेग्नेंसी का पता तब ही लगाया जा सकता है जब महिला के खून में HCG हॉर्मोन का स्राव होने लगे। ज्यादातर महिलाओं में इस प्रोसेस को पूरा होने में 6 से 7 दिन लग जाते हैं। वहीं एक्सपर्ट यह भी सलाह देते हैं कि अगर आपके पीरियड अबतक रेग्युलर रहे हैं, तो साइकल मिस होने के ठीक अगले दिन भी आप टेस्ट करवा सकते हैं।
मासिक धर्म आमतौर पर अचानक वजन घटने या बढ़ने, नियमित गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने, तनाव एवं अन्य कारणों से रुक सकता है। लेकिन यदि आपका पीरियड 7 से 10 दिनों तक रुकता है तो यह प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है।
गर्भधारण के तीसरे हफ्ते में कुछ महिलाओं को मितली और मॉर्निंग सिकनेस होती है। इस दौरान गंध और स्वाद से उल्टी आती है और कुछ खाने का मन नहीं होता है। शरीर में हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण ऐसा होता है जो गर्भावस्था का लक्षण है।


अंतिम पीरियड के एक या दो हफ्ते बाद योनि से कुछ बूंद खून निकलने की स्थिति को इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं। स्पॉटिंग आमतौर पर तब होता है जब भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है, जो कि गर्भावस्था का एक मुख्य लक्षण है।


शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण रक्त का प्रवाह और वाटर रिटेंशन बढ़ता है जिसके कारण सामान्य से अधिक पेशाब महसूस होता है। इसके साथ ही गर्भाशय द्वारा भी ब्लैडर पर दबाव पड़ता है जिससे बार-बार पेशाब जाना पड़ता है।
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प्रेग्नेंट महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने के कारण पेट फूलना, सूजन, कब्ज और गैस जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस दौरान भोजन करने की इच्छा नहीं होती है। पेट में गैस और सूजन भी प्रेग्नेंसी के लक्षण हैं।
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महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने के कारण मितली और बार-बार पेशाब लगने के अलावा थकान और अनिद्रा की समस्या भी होती है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही में महिला काफी एनर्जेटिक महसूस करती है जबकि तीसरी तिमाही में फिर से थकान और अनिद्रा का अनुभव होता है।

इन शारीरिक लक्षणों से बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। हालांकि इन लक्षणों से प्रेगनेंसी की पुष्टि नहीं होती है इसलिए आपको डॉक्टर के पास जरुर जाना चाहिए।


जब भी आप प्रेगनेंट होने का विचार कर रही हों और साइकल मिस हो तो जल्द से जल्द टेस्ट करना ही चाहिए या डॉक्टर से मुलाकात करनी ही चाहिए। हालांकि, फिर भी बेहतर और कन्फर्म नतीजों के लिए 7 दिन तक रुकने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे पहले प्रेग्नेंट होने पर भी आपको रिजल्ट नेगेटिव ही मिलेंगे। जल्दबाजी में टेस्ट से कभी सही नतीजे सामने नहीं आते।

कैसे काम करता है प्रेगनेंसी टेस्‍ट
गारंटी देने वाले गर्भ निरोधक के तरीके भी कुछ मामलों में फेल हो जाते हैं। आखिरकार, प्रेगनेंट होने के लिए सिफ एक स्‍पर्म को ही तो एग तक पहुंचना होता है। ऐसे में अगर सेफ सेक्‍स करने के बाद भी पीरियड मिस हो जाए तो प्रेगनेंसी टेस्‍ट करना तो बनता है।
केमिस्‍ट से आपको प्रेगनेंसी टेस्‍ट किट मिल जाएगा। ये किट यूरिन में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन यानी एचसीजी नामक हार्मोन की मौजूदगी की जांच करती है। प्रेगनेंट होने पर ही यूरिन में एचसीजी आता है। ये हार्मोन फर्टिलाइज एग के गर्भाशय के बाहर या यूट्राइन लाइनिंग से जुड़ने पर ही बनता है।

मासिक धर्म आमतौर पर अचानक वजन घटने या बढ़ने, नियमित गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने, तनाव एवं अन्य कारणों से रुक सकता है। लेकिन यदि आपका पीरियड 7 से 10 दिनों तक रुकता है तो यह प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है।

गर्भधारण के तीसरे हफ्ते में कुछ महिलाओं को मितली और मॉर्निंग सिकनेस होती है। इस दौरान गंध और स्वाद से उल्टी आती है और कुछ खाने का मन नहीं होता है। शरीर में हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण ऐसा होता है जो गर्भावस्था का लक्षण
अंतिम पीरियड के एक या दो हफ्ते बाद योनि से कुछ बूंद खून निकलने की स्थिति को इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं। स्पॉटिंग आमतौर पर तब होता है जब भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है, जो कि गर्भावस्था का एक मुख्य लक्षण है।शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण रक्त का प्रवाह और वाटर रिटेंशन बढ़ता है जिसके कारण सामान्य से अधिक पेशाब महसूस होता है। इसके साथ ही गर्भाशय द्वारा भी ब्लैडर पर दबाव पड़ता है जिससे बार-बार पेशाब जाना पड़ता है।
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प्रेग्नेंट महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने के कारण पेट फूलना, सूजन, कब्ज और गैस जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस दौरान भोजन करने की इच्छा नहीं होती है। पेट में गैस और सूजन भी प्रेग्नेंसी के लक्षण हैं।
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महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने के कारण मितली और बार-बार पेशाब लगने के अलावा थकान और अनिद्रा की समस्या भी होती है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही में महिला काफी एनर्जेटिक महसूस करती है जबकि तीसरी तिमाही में फिर से थकान और अनिद्रा का अनुभव होता है।

इन शारीरिक लक्षणों से बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। हालांकि इन लक्षणों से प्रेगनेंसी की पुष्टि नहीं होती है इसलिए आपको डॉक्टर के पास जरुर जाना चाहिए।


टेस्‍ट के लिए आप कई तरह से यूरिन ले सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने टेस्‍ट का कौन सा तरीका चुना है।
अगर पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्‍ट किया जाए तो इसका रिजल्‍ट 99 फीसदी सही आने की संभावना है। इसकी सबसे खास बात यह है कि आप घर पर बडी आसानी से टेस्‍ट कर के जान सकती हैं कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं।

प्रेगनेंसी टेस्‍ट करने के संकेत
अगर आपके पीरियड मिस हो गए हैं या आपको मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन महसूस हो रही है तो आपको टेस्‍ट कर लेना चाहिए। इंप्‍लांटेशन में भी माहवारी जैसी ऐंठन हो सकती है।
वहीं प्रेगनेंसी हार्मोंस और एस्‍ट्रोजन एवं प्रोजेस्‍टेरोन ज्‍यादा बनने की वजह से ब्रेस्‍ट को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है। इसे आप प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कह सकती हैं।

यदि ऐसा कुछ महसूस हो रहा है तो बेहतर होगा कि आप एक बार प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर लें। ऐंठन और ब्रेस्‍ट में दर्द के साथ मतली, किसी विशेष फूड से एलर्जी, थकान और बार बार पेशाब आने की शिकायत हो रही है तो आप प्रेगनेंट हो सकती हैं। समय बीतने के साथ यह लक्षण बढने लगते हैं। इसलिए अगर आपको अपने शरीर में इस तरह के बदलाव दिख रहे हैं तो एक बार प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर लें।

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