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प्रेग्नेंसी में साबुन से नहाना और हाथ धोना है खतरनाक, स्टडी ने बताया पेट में ही बच्चे के अंग हो जाएंगे फेल
हाथ धोने या नहाने के लिए भारत के हर घर मे एंटीबैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल किया जाता है। दिन में ना जाने कितनी बार आप हाथ धोने के लिए एंटीबैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करते हैं। आपको लगता होगा कि इससे सारे कीटाणु मर जाते हैं और आप हेल्दी रहते हैं लेकिन यह पूरा सच नहीं है।
एक अध्ययन की मानें तो प्रेगनेंट महिलाओं के लिए एंटीबैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। जी हां, इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि गर्भावस्था में साबुन किसा नुकसान पहुंचा सकता है।
कैलिफोर्निया के लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लैबोरेट्री के शोधकर्ताओं का कहना है कि एंटीबैक्टीरियल साबुन के प्रतिदिन संपर्क में आने से बच्चे के प्रमुख अंग हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इस स्टडी में चेतावनी दी गई है कि प्रेग्नेंसी में एंटीबैक्टीरियल साबुन के इस्तेमाल से बच्चा मोटा हो सकता है। एंटीबैक्टीरियल साबुन में एक टॉक्सिक केमिकल होता है जिसके गर्भ में संपर्क में आने पर बच्चे में बड़े होने पर मोटापे का खतरा मंडराता है। ट्राइक्लोकार्बन (टीसीसी) नामक रसायन प्लेसेंटा और स्तनपान दोनों के जरिए बच्चे तक पहुंच सकता है। टीसीसी, जिसका इस्तेमाल मेडिकल फील्ड में भी किया जाता है, लिपिड मेटाबॉलिज्म में दखल दे सकता है और बॉडी की फैट को तोड़ने की नैचुरल क्षमता को धीमा कर सकता है।
सेहत को है खतरा
लीड लेखक डॉ हीदर एनराइट ने कहा 'हमने दिखाया है कि टीसीसी प्रभावी रूप से मां से संतान को ट्रांस-प्लेसेंटली और स्तनपान दोनों के माध्यम से पहुंच सकता है। 'विकास के दौरान टीसीसी के संपर्क में आने से विकासशील भ्रूण के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। 'वे हार्मोन के स्तर में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे परिवर्तन हो सकते हैं जो अक्सर अपरिवर्तनीय होते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि 'हमारे परिणाम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दूषित जल स्रोतों और रहने के वातावरण में टीसीसी के संपर्क में आने के संभावित जोखिम बढ़ जाते हैं। यदि बव्च्चा जन्म से पहले ही इसके संपर्क में आ जाए तो उसकी अंग प्रणाली को हमेशा के लिए नुकसान पहुंच सकता है। plos जरनल में यह स्टडी प्रकाशित हुई है।
साबुन में ट्राइक्लोसन और ट्राक्लोकार्बन दो ऐसे तत्व होते हैं जो पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) के एक शोध वैज्ञानिक पाइके बताते हैं कि इसके साथ समस्या यह है कि इन यौगिकों से जानवरों और संभावित रूप से मनुष्यों में विकास और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, कुछ शोध बताते हैं कि एडिटिव्स एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस को बढ़ा सकते हैं।
केमिकल
शोधकर्ताओं का कहना है कि टूथपेस्ट, साबुन, डिटर्जेंट, कालीन, पेंट और खिलौनों सहित एंटीमाइक्रोबायल के रूप में उपयोग किया जाता है।
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